Parliament Special Session : 'One Nation, One Election को लेकर सेंट्रल ने कमेटी बनाई,रामनाथ कोविंद अध्यक्ष होंगे
सेंट्रल गवर्नमेंट ने 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का पांच दिवसीय स्पेशल सेशन बुलाया है। इस दौरान लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की पांच बैठकें होंगी। जानकार सोर्सेज के अनुसार स्पेशल सेशन में एक राष्ट्र एक चुनाव और महिलाओं के लिए आरक्षण संबंधी विधेयक पेश हो सकता है।
नई दिल्ली। सेंट्रल गवर्नमेंट ने 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का पांच दिवसीय स्पेशल सेशन बुलाया है। इस दौरान लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की पांच बैठकें होंगी। जानकार सोर्सेज के अनुसार स्पेशल सेशन में एक राष्ट्र एक चुनाव और महिलाओं के लिए आरक्षण संबंधी विधेयक पेश हो सकता है।
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Nadda meets Kovind, former President to head committee to study 'One Nation, One Election'
— ANI Digital (@ani_digital) September 1, 2023
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सेंट्रल गवर्नमेंट ने 'एक देश-एक चुनाव' पर कमेटी बना दी है। एक्स प्रसिडेंट रामनाथ कोविंद को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। आज इसका नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। सेंट्रल की की बनाई कमेटी एक देश एक चुनाव के कानूनी पहलुओं पर गौर करेगी। साथ ही इसके लिए आम लोगों से भी राय लेगी। इस बीच, भाजपा प्रसिडेंट जेपी नड्डा रामनाथ कोविंद से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। हालांकि, इस मुलाकात की वजह सामने नहीं आई है।
संसदीय कार्य मंत्री, प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'अभी तो समिति बनी है, इतना घबराने की बात क्या है? समिति की रिपोर्ट आयेगी, फिर पब्लिक डोमेन में चर्चा होगी। संसद में चर्चा होगी। बस समिति बनाई गई है, इसका अर्थ यह नहीं है कि यह कल से ही हो जायेगा।' प्रह्लाद जोशी ने पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि विशेष सत्र में जो एजेंडा है, उस पर चर्चा जरूर की जाएगी। महत्वपूर्ण विधेयकों के लिए ही विशेष सत्र बुलाया गया है।
सरकार को पहले भरोसे में लेना चाहिए था
सेंट्रल गवर्नमेंट की उक्त पहल पर लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आखिर एक देश एक चुनाव की सरकार को अचानक जरूरत क्यों पड़ गई। छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM टीएस सिंहदेव ने कहा- व्यक्तिगत तौर पर मैं एक देश एक चुनाव का स्वागत करता हूं। यह नया नहीं, पुराना ही आइडिया है।शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत ने कहा कि BJP इंडिया से डरी हुई है। वन नेशन, वन इलेक्शन को मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए लाया जा रहा है।सपा नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि संसदीय व्यवस्था की सारी मान्यताओं को यह सरकार तोड़ रही है। अगर विशेष सत्र बुलाना था तो सरकार को सभी विपक्षी पार्टियों से कम से कम अनौपचारिक तौर पर बात करनी चाहिए थी। अब किसी को नहीं पता है कि एजेंडा क्या है और सत्र बुला लिया गया है।
यह है वन नेशन-वन इलेक्शन
वन नेशन-वन इलेक्शन या एक देश-एक चुनाव का मतलब हुआ कि पूरे देश में एक साथ ही लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हों। आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही होते थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। उसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई।
वन नेशन-वन इलेक्शन के समर्थन में मोदी
मई 2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार आई, तो कुछ समय बाद ही एक देश और एक चुनाव को लेकर बहस शुरू हो गई। मोदी कई बार वन नेशन-वन इलेक्शन की वकालत कर चुके हैं। संविधान दिवस के मौके पर एक बार प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- आज एक देश-एक चुनाव सिर्फ बहस का मुद्दा नहीं रहा। ये भारत की जरूरत है। इसलिए इस मसले पर गहन विचार-विमर्श और अध्ययन किया जाना चाहिए।
एक साल में संसद के तीन सत्र होते हैं। बजट, मानसून और शीत सत्र। मानसून सत्र 20 जुलाई से 11 अगस्त तक चला था। विशेष सत्र बुलाने की घोषणा मानसून सत्र के 3 हफ्ते बाद हुई है। विशेष सत्र मानसून सत्र के 37 दिन बाद होगा। जबकि शीतकालीन सत्र नवंबर के आखिरी हफ्ते में शुरू होना प्रस्तावित है।