पटना: रुपेश मर्डर केस: पुलिस पहले क्रिमिनल तक पहुंची, बाद में मोटिव का पता चला: एसएसपी
रुपेश सिंह मर्डर केस के खुलासे को लेकर आयोजित प्रेस कांफ्रेस में एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने कहा कि इस केस में पुलिस पहले क्रिमिनल तक पहुंची है। इसके लिए 20 दिनों तक कड़ी मशक्कत की गई।
पटना। रुपेश सिंह मर्डर केस के खुलासे को लेकर आयोजित प्रेस कांफ्रेस में एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने कहा कि इस केस में पुलिस पहले क्रिमिनल तक पहुंची है। इसके लिए 20 दिनों तक कड़ी मशक्कत की गई। लगभग 200 सीसीटीवी कैमरों, 4000 सीडीआर, 600 जीबी डाटा को खंगाला गया। पुलिस ने आरोपी ऋतुराज के पास से मर्डर में यूज की गयी बाइक, उस समय पहने कपड़े, आर्म्स और अन्य कई सबूत बरामद किये हैं। आरोपी की पहचान सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे बाइक पर पीछे बैठे शख्स के रूप में हुई। उसके चेहरे का मिलान सीसीटीवी फुटेज में कैद फोटो से हुआ है। उन्होंवने कहा कि बिहार पुलिस ने गहनता से पूरे मामले की जांच की है। तथ्य और एवीडेंस सामने आये हैं। समय के साथ सभी इसे मानेंगे।
हम भी हतप्रभ हैं: एसएसपी
पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने कहा कि घटना की ऐसी छोटी कारण सामने आने के बाद वह खुद हतप्रभ रह गये थे। रूपेश सिंह से अपने परिचय और अक्सर होने वाली मुलाकातों का जिक्र करते हुए उन्होंंने कहा कि रूपेश के पास फोरम की कमी नहीं थी। उन्होंएने रोडरेज की घटना और अपनी जान पर किसी किस्म के खतरे के बारे में कभी जिक्र क्योंग नहीं किया इस पर भी हैरानी हो रही है लेकिन आरोपी को पूरे सबूतों के साथ अरेस्ट किया गया है।
20 दिन, 200 कैमरे, 4000 सीडीआर, 600 जीबी डाटा खंगाला
बिहार के हाईप्रोफाइल रूपेश हत्या कांड में कातिलों तक पहुंचने के लिए पुलिस को 20 दिन में दो सौ सीसीटीवी कैमरे, चार हजार सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) और 600 जीबी डाटा खंगालना पड़ा। पुलिस लगभग 100 किलोमीटर पैदल चली। पटना एसएसपी उपेन्द्र शर्मा ने इस केस के खुलासे के दौरान मीडिया को पुलिस जांच के डिटेल ब्यौरा दिया।
दो महीने तक उसने रूपेश की रेकी की
एसएसपी ने दावा किया कि रूपेश की मर्डर रोडरेज के चलते हुई। मुख्य आरोपी ऋतुराज, पिछले नवम्बर में एक दिन लोजपा कार्यालय की ओर एयरपोर्ट जा रहा था। रास्तेन में एक मोड़ के पास रूपेश की हाइ स्पीड एसयूवी से वह मरते-मरते बचा था। आरोपी का कहना है कि इस घटना के बाद रूपेश ने कार से उतरकर उसे पीट दिया था। आरोपी बाइक चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था। एक्सीकडेंट के वक्त भी उसके पास चोरी की बाइक थी इसलिए वह उस दिन चुप रह गया लेकिन उसने रूपेश की एसयूवी के पीछे अपनी बाइक लगा दी। रूपेश की गाड़ी का नंबर याद कर लिया। इसके बाद करीब दो महीने तक उसने रूपेश की रेकी की। उसके घर से आने-जाने के बारे में पूरी जानकारी हासिल की।
उन्होंने कहा कि पूरी जानकारी हासिल कर लेने के बाद ऋतुराज ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर मर्डर की प्लानिंग की। दो अन्य साथियों के साथ मिलकर 12 जनवरी की शाम 6:58 बजे कुसुमविला अपार्टमेंट के सामने रूपेश को गोलियां से भून दिया। एसएसपी की प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया के सामने पेश ऋतुराज ने स्वीकार किया उसने ही रूपेश को गोलियां मारीं। उसके अन्य साथियों ने गोली चलाई या नहीं, हड़बड़ी में वह जान नहीं पाया। एसएसपी बताया कि ऋतुराज तक पहुंचने के लिए पुलिस ने कुसुमविला अपार्टमेंट से लेकर विष्णुलपुरी, कन्हाईनगर, आदर्श कालोनी आर.के.नगर सहित कई इलाकों के करीब 200 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी। 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की। चार हजार सीडीआर खंगाले, छह सौ जीबी डाटा ट्रेस किया। लगभग सौ किलोमीटर पैदल चली।
पुलिस का दावा-बैंक की नौकरी छोड़ शौक से बना क्रिमिनल
उन्होंने बताया कि ऋतुराज शौकिया क्राइम में आया। आर.के.नगर में उसका तीन कट्ठे में करोड़ों का मकान है। वह हर दस दिन में बाइक बदलता था। उसके फैमिली का ईंट-भट्ठा है। ऋतुराज के पास से पुलिस को घटना में इस्तेीमाल बाइक, ब्लैाक जैकेट, जूता, घड़ी आदि बरामद कर लिया है। उन्होंसने बताया कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से क्रिमिनलों के जुटने, घटनास्थल तक पहुंचने और घटना के बाद भाग जाने के पूरे रूट का खुलासा हुआ।
करोड़पति बाप का इकलौता बेटा है ऋतुराज
ऋतुराज को पैसे-रुपए की कोई समस्यार नहीं थी। वह एक करोड़पति परिवार का इकलौता बेटा है। वह शादीशुदा और एक बच्चीह का पिता है। जयपुर से भूगोल में बीए आनर्स करने के बाद उसने बैंक और कॉलसेंटर में नौकरी भी की। शौक से बाइक चोर बन गया।