लोहरदगा में पुलिस-नक्सली एनकाउंटर, एक माओवादी को लगी गोली, राइफल-गोलियां छोड़कर भागा
लोहरदगा पेशरार ब्लॉक के लावापानी और पुलूंग गांव के बीच में बुधवार 18 फरवरी की दोपहर प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी और पुलिस के बीच भीषण एनकाउंटर में एक नक्सली के पैर में गोली लगी है। वह अपना इंसास राइफल, पिट्ठू और अन्य सामान छोड़कर भाग गया। इसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। नक्सलियों द्वारा घायल नक्सली को उठाकर ले जाया गया हैं।
लोहरदगा। लोहरदगा पेशरार ब्लॉक के लावापानी और पुलूंग गांव के बीच में बुधवार 18 फरवरी की दोपहर प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी और पुलिस के बीच भीषण एनकाउंटर में एक नक्सली के पैर में गोली लगी है। वह अपना इंसास राइफल, पिट्ठू और अन्य सामान छोड़कर भाग गया। इसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। नक्सलियों द्वारा घायल नक्सली को उठाकर ले जाया गया हैं।
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रांची से बीएसएफ का हेलिकॉप्टर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बीएस कॉलेज स्टेडियम में खड़ा था। हेलीकॉप्टर शाम को 4:30 बजे वापस रांची गया। बताया जाता है कि लगभग 35 मिनट तक इस एनकाउंटर में दोनों ओर से लगभग 140 राउंड गोली चलने की बात कही जा रही है। यह स्थान बुलबुल के तेहाड़ा पहाड़ से करीब 20 किलोमीटर दूर है।बुलबुल तेहाडा और बीचबिंधी के पहाड़ों में कई विस्फोट हुए हैं।
सूत्रों ने यह भी बताया कि 18 फरवरी को भी बड़ी संख्या में फोर्स को रिप्लेसमेंट किया गया है जानकारी के पूरेइलाके में 10 कंपनी से अधिक जवान और डेढ़ सौ अफसर तैनात हैं। झारखंड में अब तक का यह सबसे बड़ा ऑपरेशन है। भाकपा माओवादी के शीर्षस्थ नेता रविंद्र गंझू समेत कई जोनल, सब जोनल और एरियाकमांडरों का दस्ता और उसके परिजनों के बुलबुल क्षेत्र में घिरा हुआ है। पुलिस ने अब तक 10 दिन के ऑपरेशन में तीन आर्म्स बरामद किये हैं। इसमें इंसास राइफल भी शामिल है।इसके अलावा एक लाख रुपये बरामद किया गया है। एक नक्सली को जिंदा पकड़ा गया है। एक नक्सली को मार गिराया गया है। दो नक्सली घायल हुए हैं। बारूदी सुरंग विस्फोट में कोबरा बटालियन हजारीबाग के तीन जवान भी घायल हुए हैं। 18 फरवरी को झारखंड के और कई जिलों से फोर्स लोहरदगा के लिए रवाना हुई है। बंकर और नक्सलियों के रणनीतिक वाले ठिकानों को ध्वस्त किया गया है।
पांच लाख के इनामी नक्सली रंथू-लजीम अपने दस्ते के साथ बुलबुल जंगल में फंसा
गुमला जिला में सक्रिय भाकपा माओवादी के कई बड़े नक्सली लोहरदगा जिला के बुलबुल जंगल में फंसे हुए हैं। इनमें पांच लाख रुपये के इनामी नक्सली रंथू उरांव व लजीम अंसारी भी है। शीर्ष नेता छोटू खेरवार भी बुलबुल जंगल में फंसा हुआ है। ये लोग जोनल कमांडर रवींद्र गंझू से बैठक करने के इरादे से बुलबुल जंगल स्थित नक्सलियों के स्थायी कैंप गये हुए थे. लेकिन, पुलिस को इसकी भनक लग गयी।पुलिस और अर्धसैनिक बल किसी बड़े नेता और अफसरों के आने पर जिस तरह चार से पांच लेयर में तैनात होते हैं। उसी तरह पांच लेयर में 15 से 20 किमी की परिधि में पुलिस बल तैनात है। नक्सलियों को कहीं से निकलने का मौका नहीं दे रहे हैं। जो निकलने की कोशिश करता है। उस पर तत्काल कार्रवाई की जाती है
पुलिस ने की बुलबुल जंगल की घेराबंदी
गुमला, लोहरदगा और लातेहार जिला के सीमावर्ती इलाके में बुलबुल जंगल है. इसलिए तीनों जिला की पुलिस ने नक्सलियों की घेराबंदी कर ऑपरेशन चला रही है। बुलबुल जंगल में अभी भी नक्सली जमे हुए हैं. पुलिस घेराबंदी कर धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। नक्सलियों के बुलबुल जंगल से निकलकर गुमला जिला अंतर्गत बिशुनपुर इलाके में घुसने की योजना है. लेकिन, नक्सलियों को बिशुनपुर इलाके में घुसने से रोकने व बुलबुल जंगल में ही रोक कर एनकाउंटर में मार गिरने के लिए सुरक्षा बल लगे हुए हैं।
बुलबुल जंगल में नक्सलियों की ट्रेनिंग कैंप
लोहरदगा जिला के पेशरार पुलिस स्टेशन एरिया में बुलबुल जंगल गुमला जिला के बिशुनपुर व घाघरा प्रखंड से सटा हुआ है। बुलबुल घना जंगल व पहाड़ी इलाका है।लगभग 20 सालों से नक्सली बुलबुल जंगल को अपना सेफ जोन बनाये हुए थे। यहां नक्सलियों की बैठक के अलावा ट्रेनिंग कैंप भी चलता था। सुरक्षा बलों द्वारा पिछले आठ दिनों से बुलबुल जंगल को घेरकर छापामारी अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के दौरान तीन जवान घायल हुए हैं. जबकि सुरक्षा बलों ने एक नक्सली को अबतक मार गिराया है। सुरक्षा बलों द्वारा पहाड़ी गुफा में बने नक्सली कैंप को ध्वस्त किया जा चुका है। नक्सली घने जंगल में कहां छिपे हैं. इसकी तलाश के लिए सुरक्षा बल हेलीकॉप्टर का भी प्रयोग किया जा रहा है। इसबार जवानों ने रणनीति के तहत घेराबंदी की है, ताकि नक्सलियों को खत्म किया जा सके।