राजस्थान: महिला कांस्टेबल को नहीं मिली छुट्टी, पुलिस स्टेशन में ही संपन्न हुई Haldi Ceremony
डूंगरपुर जिले के कोतवाली पुलिस स्टेशन में पुलिसकर्मियों ने बुधवार को अपनी सहयोगी महिला कांस्टेबल की हल्दी की रस्म संपन्न कराई। इसका वीडियो खूब वायरल हो रहा है।
उदयपुर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इमरजेंसी सर्विस में लीव पर रोक लगी है। अति आवश्यक कार्य को छोड़कर लीव नहीं मिल रहा। शादी के लिए अवकाश तो मिल रहा है लेकिन उसकी रस्मों को पूरा करने के लिए अवकाश नहीं मिल रहे। ऐसे में डूंगरपुर जिले के कोतवाली पुलिस स्टेशन में पुलिसकर्मियों ने बुधवार को अपनी सहयोगी महिला कांस्टेबल की हल्दी की रस्म संपन्न कराई। इसका वीडियो खूब वायरल हो रहा है।
महिला कांस्टेबल आशा रोत की शादी 30 अप्रैल को होनी है।वायरल वीडियो में कोतवाली पुलिस स्टेशन में कुछ महिला पुलिसकर्मी मंगल गीत गाते हुए अपनी सहयोगी महिला कांस्टेबल को हल्दी लगा रही हैं। उसके उसे साथी पुलिसकर्मियों ने उठाया और उसे कुर्सी पर बिठाकर उछालकर खुशियां मनाते दिखाई दे रहे हैं। महिला कांस्टेबल आशा को शादी के लिए लीव तो मिल गया लेकिन हल्दी की रस्म के लिए अवकाश नहीं मिल पाया। इसके बाद साथी महिला पुलिसकर्मियों थानाधिकारी दिलीप दान से अनुमति लेकर हल्दी की रस्म पुलिस स्टेशन में निभाने की योजना बनाई थी।
महिला कांस्टेबल आशा रोत डूंगरपुर जिले के हिराता गांव की रहने वाली है। कोटाड़ा माथुगामड़ा से उसकी 30 अप्रैल को शादी होने जा रही है। आशा जन अनुशासन पखवाड़ा में लगातार ड्यूटी कर रही थी। थानाधिकारी दिलीप दान ने बताया कि उसे शादी के लिए अवकाश दिया जा चुका था। उन्हें इसका पता नहीं था कि बुधवार को उसकी हल्दी की रस्म होनी थी। जैसे ही साथी पुलिसकर्मियों ने इसकी जानकारी दी तो हमने तय किया कि उसकी हल्दी की रस्म तय दिवस पर पुलिस स्टेशन में संपन्न कराई जाए। पुलिस स्टेशन में खुशनुमा माहौल में मंगल गीतों के साथ उसकी हल्दी की रस्म पूरी कराई।
चारपाई पर दूल्हा-दुल्हन को उछालने की परंपरा, पुलिस स्टेशन में कुर्सी पर उछाला
आदिवासी इलाके डूंगरपुर में परम्परा के अनुसार हल्दी की रस्म चारपाई पर बिठाकर पूरी की जाती है। इसे आदिवासी क्षेत्र में मुडिया या मुरजू नाम से जाना जाता है। किन्तु पुलिस स्टेशन में कांस्टेबल आशा रोत को कुर्सी पर बिठाकर यह परम्परा पूरी की गई। हल्दी लगाने के बाद दूल्हा-दुल्हन को उनके घरों में मंगल गीत गाकर चारपाई पर बिठाकर उछाला जाता है। यहां चारपाई की व्यवस्था नहीं हो पाई और उसकी जगह कुर्सी उपयोग में ली।
लॉकडाउन के चलते पिछले साल टल गई थी शादी
कांस्टेबल आशा की शादी वर्ष 2020 ती मई में संपन्न होनी थी। कोरोना महामारी व लॉकडाउन के चलते शादीटाल दिया गया था। वह इस बार भी वह कोरोना महामारी तथा ड्यूटी के चलते शादी टालना चाहती थी। लेकिन परिवार के लगातार दबाव के बाद 30 अप्रैल को शादी करने जा रही है। आशा ने बताया कि जिस दुकान से उसने दुल्हन की ड्रेस तैयार कराई, उसे कोरोना महामारी के चलते सीज कर दिया गया। हल्दी की रस्म के दूसरे दिन वह दुकान सीजिंग अवधि पूरी होने के बाद खुली और अपने पसंद की ड्रेस मिल पाई।