रांची: IMA सेक्रेटरी से 20 लाख रंगदारी मांगने के मामले में चार क्रिमिनल अरेस्ट
लिस ने आइएमए सेक्रेटरी व कांके जनरल हॉस्पिटल के मालिक डॉ. शंभू प्रसाद से PLFI के नाम पर 20 लाख की रंगदारी मांगने के मामले का खुलासा कर लिया है। पुलिस ने घटना में संलिप्त चार क्रिमिनलों को अरेस्ट किया है।
- पीएलएफआइ के नाम का इस्तेमाल कर हत्या की धमकी देकर मागी थी रंगदारी
- पीएलएफआइ का पर्चा बोलेरो कार एक छोटा डायरी दो सिम कार्ड और सात मोबाइल बरामद
रांची। पुलिस ने आइएमए सेक्रेटरी व कांके जनरल हॉस्पिटल के मालिक डॉ. शंभू प्रसाद से PLFI के नाम पर 20 लाख की रंगदारी मांगने के मामले का खुलासा कर लिया है। पुलिस ने घटना में संलिप्त चार क्रिमिनलों को अरेस्ट किया है। इनमें मूल रूप से छत्तीसगढ़ के जसपुर जिले के डढ़गांव निवासी इश्तियाक आलम उर्फ इश्तियाक अंसारी उर्फ नागेश्वर, उसका भाई मुस्ताक अंसारी उर्फ प्रदीप पासवान उर्फ लंगड़ा उर्फ भगत जी, (वर्तमान पता सदर थाना क्षेत्र के बड़गांई खिजुर टोला, कांके बाजार टांड़ टंगरा टोली निवासी जुनेद आलम और छत्तीसगढ़ के जशपुर साईं टांगर टोली निवासी शेख अफजल शामिल है।
पुलिस ने क्रिमिनलों के पास से पीएलएफआइ का पर्चा, बोलेरो कार, एक छोटा डायरी, दो सिम कार्ड और सात मोबाइल बरामद किया है। रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की जानकारी दी। एसएसपी ने बताया कि क्रिमिनलों पीएलएफआइ के नाम का इस्तेमाल कर डॉक्टर से 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। व्हाट्सएप पर पीएलएफआइ का पर्चा भी भेजा था। उसी दिन इन क्रिमिनलों ने कपड़ा व्यवसायी मोहम्मद इनायतुल्लाह उर्फ बबलू से भी 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। कांके इलाके में एक ही दिन रंगदारी के लिए हुए दो कॉल के बाद पुलिस रेड कर इन क्रिमिनलों को दबोची है। क्रिमिनल गुमला में रहकर डॉक्टर से रंगदारी मांग रहे थे।
दिनेश गोप के नाम से मांगी थी रंगदारी
पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के नाम पर 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। रंगदारी की रकम नहीं देने पर 24 घंटे के अंदर डॉक्टर शंभू प्रसाद की मर्डर की धमकी दी गई थी। फोन करने वाले शख्स ने डॉक्टर शंभू प्रसाद को कहा कि अगर 24 घंटे के अंदर 20 लाख रुपये नहीं मिले तो उनकी मर्डर कर दी जायेगी।हालांकि पीएलएफआइ ने इस रंगदारी को अपने संगठन द्वारा मांगे जाने से इन्कार किया था। पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि शंभू प्रसाद सिंह को संगठन के द्वारा लेवी नहीं मांगा गया है। संगठन में भगत नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं है।