Russia Ukraine War: कीव सहित कई शहरों में रूस का हमला जारी, खार्कीव और पेसोचिन से निकाले गये इंडियन

स ने युद्ध के 10 वें दिन शनिवार को यूक्रेन के दो शहरों में फंसे नागरिकों को सुरक्षित रास्ता देने के लिए संघर्षविराम कर दिया। मास्को में रूसी डिफेंस मिनिस्टरी ने कहा, मारीपोल और वोल्नोवाख में फंसे लोगों को निकलने के लिए फायरिंग रोकी गई है। 

Russia Ukraine War: कीव सहित कई शहरों में रूस का हमला जारी, खार्कीव और पेसोचिन से निकाले गये इंडियन
  • सूमी में फंसे स्टूडेंट्स को निकालने के लिए कई विकल्पों पर विचार
  • यूक्रेन से लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स को NMC ने इंडिया में इंटर्नशिप करने को दी मंजूरी
  • रूस और यूक्रेन के बीच तेज होती जा रही है लड़ाई
  • यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्रों से पलायन जारी
  • 13 लाख लोगों ने यूक्रेन छोड़ा

कीव। रूस ने युद्ध के 10 वें दिन शनिवार को यूक्रेन के दो शहरों में फंसे नागरिकों को सुरक्षित रास्ता देने के लिए संघर्षविराम कर दिया। मास्को में रूसी डिफेंस मिनिस्टरी ने कहा, मारीपोल और वोल्नोवाख में फंसे लोगों को निकलने के लिए फायरिंग रोकी गई है। 

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वहीं यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि रूस की ओर से फायरिंग नहीं रुकी है, इसलिए लोगों को निकालने का काम रोक दिया गया है। इन दोनों शहरों के अतिरिक्त यूक्रेन के बाकी शहरों पर रूस के भीषण हमले जारी हैं। इन हमलों में जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है। एक हजार से ज्यादा इंडियन स्टूडेंट्स भी इन शहरों में फंसे हुए हैं। इन स्टूडेंट्स का कहना है कि यूक्रेन की आर्मी उन्हें ढाल बनाकर रूसी सैनिकों से लड़ रही है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने बयान में इस बात की पुष्टि की है। रूस ने फेसबुक के बाद शनिवार को ट्विटर पर भी रोक लगा दी। रूसी सरकार का आरोप है कि दोनों साइट उसके खिलाफ दुष्प्रचार कर रही हैं।

रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता में शहरों में फंसे नागरिकों को सुरक्षित रास्ता देने की बनी सहमति के बाद शनिवार को मारीपोल और वोल्नोवाख में फायरिंग रोककर सेफ कारिडोर बनाया गया। कुछ घंटे सब कुछ ठीक चला लेकिन उसके बाद मारीपोल में प्रशासन ने नागरिकों को घर में रहने का निर्देश दिया। कहा कि रूसी आर्मी संघर्षविराम का उल्लंघन कर फायरिंग कर रहे हैं। इसलिए खतरा उठाना ठीक नहीं। यूक्रेन ने अब रेडक्रास और पर्यवेक्षकों की देखरेख में नागरिकों को निकालने का काम शुरू करने की बात कही है।

यूक्रेन के कई शहरों पर रूसी आर्मी सात दिनों से कर रही हमले

रूसी डिफेंस मिनिस्टरी ने कहा है कि यूक्रेन के तथाकथित राष्ट्रवादियों के हथियारबंद दस्ते नागरिकों को शहरों से निकलने नहीं दे रहे। वे नागरिकों को ढाल बनाकर रूसी सेना से लड़ना चाहते हैं। जिससे नागरिकों के हताहत होने पर रूस को बदनाम करने का मौका मिले। जिन दो शहरों में संघर्षविराम घोषित किया गया है, वे पूर्वी यूक्रेन का हिस्सा हैं और क्रीमिया के नजदीक हैं। दोनों शहरों पर हाल के दिनों में भीषण रूसी हमले हुए थे जिसके चलते वहां के लोग अब घर छोड़कर जाना चाहते हैं। राजधानी कीव, खार्कीव और कई अन्य शहरों को घेरकर रूसी आर्मी सात दिनों से हमले कर रही है। इस घेराबंदी से शहरों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति रुक गई है।लोग परेशान हो गये हैं।
24 घंटे बज रहे हैं हवाई हमलों का खतरा जताने वाले सायरन
मानवाधिकार संगठनों ने यूक्रेन में गंभीर मानवीय संकट पैदा होने की आशंका जताई है। यूक्रेन से बाहर जाने वालों की संख्या बढ़कर 13 लाख हो गई है। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गो को सुरक्षित स्थानों में पहुंचने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ रहा है। राजधानी कीव, खार्कीव, चार्निहीव, ओडेसा आदि पर रूसी आर्मी के हमले जारी हैं। इन शहरों में हवाई हमलों का खतरा जताने वाले सायरन रात-दिन बज रहे हैं। यूक्रेनी आर्मी के लिए इन शहरों पर कब्जा बनाए रखना मुश्किल हो रहा है। सूमी में रूसी आर्मी से घुसने होने की खबर है। वहां की सड़कों पर लड़ाई शुरू हो गई है।

यूक्रेन के ज्यादातर आर्मी ठिकाने नष्ट : पुतिन

रूसी प्रसिडेंट व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन को आर्म्स  मुक्त किये बगैर रूसी हमले नहीं रुकेंगे। नौ दिनों में यूक्रेन के ज्यादातर सैन्य ठिकाने नष्ट कर दिए गए हैं। अब शहरों में छिटपुट लड़ाई हो रही है। रूसी आर्मी आबादी को बचाते हुए हमले कर रही है।जबकि यूक्रेनी सेना और उसके साथ लड़ रहे हथियारबंद लोग उन्हें ढाल बना रहे हैं। पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन पर कार्रवाई का फैसला मुश्किल था। हम उसे तटस्थ भूमिका में देखना चाहते हैं।
विदेश से 66 हजार यूक्रेनी आकर लड़ाई में हुए शामिल
यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनीकोव ने बताया है कि विदेश में रह रहे 66,224 यूक्रेनी लोग देश में आकर रूसी सेना से लड़ रहे हैं। ये लोग 12 ब्रिगेड बनाकर रूसी सेना से लड़ रहे हैं। यूक्रेनी रक्षा मंत्री ने कहा, रूसी आर्मी के जवान और अफसर हतोत्साहित हैं। इसी के चलते वे लगातार सरेंडर कर रहे हैं। युद्ध के मैदान से हथियार छोड़कर भाग रहे हैं। अभी तक की लड़ाई में रूस के 39 लड़ाकू विमान और 40 हेलीकाप्टर गिराये जा चुके हैं। वहीं रूस ने कहा है कि यूक्रेन किये गये हैं।
रेलवे स्टेशनों पर लोगों की भारी भीड़
यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्रों से लोगों का पलायन जारी है। सुरक्षित रेलमार्गो पर ट्रेनों का परिचालन जारी है। इसी के कारण हजारों की संख्या में लोग रेलवे स्टेशनों पर एकत्रित हैं। स्टेशन आये लोगों में बच्चे, बुजुर्गो और महिलाओं की संख्या ज्यादा है। इनमें से कुछ व्हीलचेयर पर आये हैं। इनमें से कई अपने साथ अपने पालतू कुत्ते और बिल्ली भी लाये हैं। ये लोग जरूरी सामान ही साथ ला सके हैं। इन्हें नहीं पता कि इनकी वापसी कब संभव होगी। लवीव शहर के स्टेशन पर पोलैंड सीमा तक जाने वाले हजारों लोगों की भीड़ लगी हुई है। अभी तक लगभग सात लाख लोग यूक्रेन से भागकर पोलैंड पहुंचे हैं।
खार्कीव और पेसोचिन से निकाले गए सभी इंडियन
यूक्रेन के दो बड़े शहरों खार्कीव और पेसोचिन में फंसे इंडियन को बाहर निकाल लिया गया है। सूमी और आसपास के क्षेत्रों में भारी गोलीबारी के चलते स्टूडेंटस की निकासी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। विदेश मंत्रालय ने उनसे अनावश्यक तौर पर जोखिम नहीं उठाने और जहां छिपे हैं वहीं पर बने रहने का आग्रह किया है। 
63 उड़ानों से 13,300 इँडियन पहुंचे स्वदेश

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि शनिवार तक कुल 21 हजार भारतीय यूक्रेन छोड़ चुके थे। इनमें से आपरेशन गंगा के जरिए 63 उड़ानों से 13,300 भारतीयों को स्वदेश लाया गया है। तकरीबन चार हजार नागरिक वाणिज्यिक उड़ानों से पहले ही भारत आ चुके थे। अभी 2,500 भारतीय यूक्रेन की पश्चिमी सीमा पर स्थित देशों में हैं। अगले 24 घंटे में आएंगी 13 उड़ानें अगले 24 घंटे में आपरेशन गंगा के तहत 13 उड़ानों से पोलैंड, हंगरी, रोमानिया, मालदोवा और स्लोवाक से ये भारतीय वापस लाए जा सकते हैं। इसके बाद यूक्रेन से उसके आसपास के देशों में पहुंचे बहुत कम भारतीय ही रह जाएंगे।
इंडियन स्टूडेंट्स की निकासी का अभियान जारी
विदेश मंत्रालय का कहना है कि शनिवार तक पेसोचिन में तीन सौ स्टूडेंट्स त्र रह गये थे, जो देर रात पांच बसों से पश्चिमी सीमा की तरफ निकल गये। वहां से 500 स्टूडेंट्स को शुक्रवार को बाहर निकाला गया था। खार्कीव में भी शुक्रवार तक तीन सौ इंडियन स्टूडेंट्स थे जो अब निकाले जा चुके हैं।
लोकल लेवल पर सीजफायर की कोशिश
बागची ने कहा कि सूमी शहर में  हिंसा व बमबारी हो रही है। ट्रांसपोर्ट की भी कमी है। भारतीय दूतावास के अधिकारी रूस और यूक्रेन के साथ संपर्क में हैं ताकि लेकल लेवल पर सीजफायर हो और भारतीय छात्रों को निकाला जा सके। उन्होंने वहां फंसे भारतीयों की पूरी संख्या तो नहीं बताई लेकिन कहा कि यह संख्या हजार से कम ही होगी।

सूमी में फंसे स्टूडेंट्स ने खुद निकलने की दी धमकी

इससे पहले, सूमी में फंसे इंडियन स्टूडेंट्स ने एक वीडियो संदेश भेजकर कहा था कि उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है। खाने-पीने की चीजें भी नहीं मिल रही हैं। वे अब खुद से पैदल ही वहां से निकलने की कोशिश करेंगे। यह संदेश मिलते ही यूक्रेन में भारत के राजदूत पार्थ सत्पथी ने एक भावनात्मक संदेश जारी कर स्टूडेंट्स से धैर्य रखने की अपील की ताकि उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स को सुरक्षित स्वदेश पहुंचाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ा जा रहा। पेसोचिन में शुक्रवार को 800 स्टूडेंट्स थे और उन सभी को शनिवार को निकाल लिया गया है।
यूक्रेन से लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स को NMC ने इंडिया में इंटर्नशिप करने को दी मंजूरी
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को लगभग 10 दिन पूरे हो चुके हैं. ऐसे में यूक्रेन से भारतीय नागरिकों और छात्रों लौटने का सिलसिला जारी है. अब तक हजारों की तादाद में विद्यार्थी देश वापस आ चुके हैं. बता दें कि वापस आने वाले भारतीयों में ज्यादातर मेडिकल स्टूडेंट्स हैं, जो यूक्रेन एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए थे. ऐसे में इन छात्रों के पास रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत वापस आने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है।राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने यूक्रेन से भारतीय मेडिकल छात्रों की चल रही वापसी के बीच फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स को भारत में अपनी अनिवार्य 12 महीने की इंटर्नशिप को पूरा करने की अनुमति दे दी है। आयोग द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि अगर स्टूडेंट्स फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एफएमजीई एग्जाम (FMGE Exam) पास कर लेते हैं तो वो इंडिया में अधूरी रही अपनी इंटर्नशिप को पूरा कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि कि फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम को NeXT एग्जाम के रूप में भी जाना जाता है। ये एक एक्जिट एग्जाम है जिसे मेडिकल स्टूडेंट्स को मेडिसिन में पोस्टग्रेजुएशन करने में सक्षम होने और इंडिया में मेडिसिन का अभ्यास करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के योग्य बनने के लिए पास करना जरूरी होता है।
इंटर्नशिप करने की अनुमति देने के लिए कोई फीस नहीं
आयोग ने जारी दिशा-निर्देशों में यह भी कहा है कि “मेडिकल कॉलेज द्वारा एफएमजी से उन्हें इंटर्नशिप करने की अनुमति देने के लिए कोई राशि / शुल्क नहीं लिया जाता है।” एफएमजी के लिए वजीफा और अन्य सुविधाएं भारतीय चिकित्सा स्नातकों को मिलने वाली राशि के अनुसार होंगी।