सहरसा: पप्पू देव के परिजनों से मिले पप्पू यादव, मौत पर उठाये कई सवाल, कहा- मामले पर हो न्यायिक जांच
जाप संरक्षक सह एक्स एमपी राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने रविवार की देर रात सहरसा में पप्पू देव के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने पप्पू देव के मौत की न्यायिक जांच मांग की है।
सहरसा। जाप संरक्षक सह एक्स एमपी राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने रविवार की देर रात सहरसा में पप्पू देव के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने पप्पू देव के मौत की न्यायिक जांच मांग की है।
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उन्होंने कहा कि एक बड़ा सवाल है कि पप्पू देव पर कोर्ट से कोई वारंट नहीं था, तो बिना वारंट के पुलिस देर रात क्यों पहुंची। जब अरेस्ट किया गया तो किसे आपने लिखकर दिया कि किस केस में पकड़ा गया है। यह बड़ा विषय है जब रक्षक ही भक्षक बन जाय। उन्होंने कहा कि पप्पू देव कौन थे क्या थे ये आज यह विषय नहीं है। विषय है क्या इनके तरफ से फायरिंग में किसी को गोली लगी। या कोई इस तरह की घटना घटी।
रात के एक बजे बिना किसी पुलिस स्टेशन में केस के और बिना वारंट के पुलिस का पहुचना गलत मंशा
पप्पू यादव ने कहा कि रात के एक बजे बिना किसी पुलिस स्टेशन में केस के और बिना वारंट के पुलिस का पहुचना मंशा को साफ कर देता है कि यह प्रायोजित मर्डर है। सरकार पप्पू देवी की मौत की न्यायिक जांच कराए। पप्पू यादव ने कहा कि मैंने कई बार सुना दोनों व्यक्ति से चाहे पप्पू देव हो या उनकी पत्नी एमएलसी का चुनाव मुंगेर से बेगूसराय से राजद के साथ या सुपौल लड़ना चाह रही थी। सरकार को चाहिए की इस पहलू को देखें। क्या कोई बड़ी साजिश तो नहीं है। इसके पीछे कौन ऐसी ताकत है। इतनी बड़ी घटना को बहुत साजिश के तहत चुप चाप अंजाम दिलाया गया।
कहीं न कहीं दो चार दिनों से या सप्ताह से कुछ न कुछ पक रही थी खिचड़ी
उन्होंने कहा कि हम नहीं मानते हैं कि छोटे लेवल पर इतनी बड़ी घटना घटी हो। कहीं न कहीं दो चार दिनों से या सप्ताह से कुछ न कुछ खिचड़ी पक रही थी। जिसका अंजाम एक बजे रात में दिया गया।पप्पू यादव ने हेडक्वार्टर की एसआईटी टीम जांच करने और मोनिटरिंग हाई कोर्ट के जस्टिस से कराने की मांग की। जो शामिल हैं उनको सजा मिले। सस्पेंड हो। साजिश को उजागर किया जाए, ताकि दुनिया ये समझे इस मौत के पीछे कोई एक ही पहलू नहीं है कई पहलू थे।
मामले की साइंटिफिक तरीके से हो जांच
उन्होंने कहा कि पुलिस इस मौत को सीने में दर्द होने की बात कह रही है हो सकता है डाक्टर जो हालात और परिस्थितियां देखे होंगे। पुलिस कहती है दबोच लिया तो इतनी ज्यादा शरीर पर ,माथे पर,या हाथ पे या अन्य जगहों पर इतनी चोट कैसे है। इसका मतलब है कि किसी न किसी दुर्भावना के कारण ऐसा किया गया हो। उन्होंने पुलिस अफसरों की मोबाइल कॉल डिटेल निकालकर जांच करने की मांग की। मामले की साइंटिफिक तरीके से जांच होनी चाहिए, तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।