संजीव सिंह ने बच्चा सिंह एवं MLA पूर्णिमा नीरज सिंह पर लगाया छवि धूमिल करने का आरोप, कोर्ट से कार्रवाई की गुहार
झरिया के एक्स बीजेपी एमएलए संजीव सिंह ने अपने चाचा एक्स मिनिस्टर बच्चा सिंह एवं झरिया की कांग्रेस एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह के खिलाफ छवि घूमिल करने का आरोप लगया है। संजीव ने दोनों विरुद्ध आपराधिक अवमानना की कार्यवाही चलाने की याचना कोर्ट से की है।
- आपराधिक अवमानना की कार्यवाही चलाने की याचना
धनबाद। झरिया के एक्स बीजेपी एमएलए संजीव सिंह ने अपने चाचा एक्स मिनिस्टर बच्चा सिंह एवं झरिया की कांग्रेस एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह के खिलाफ छवि घूमिल करने का आरोप लगया है। संजीव ने दोनों विरुद्ध आपराधिक अवमानना की कार्यवाही चलाने की याचना कोर्ट से की है।
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अपने चचेरे भाई नीरज सिंह समेच चार लोगों की मर्डर के षड्यंत्र के आरोप में संजीव सिंह पिछले पांच वर्षों से जेल में बंद है। संजीव की ओर से शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत में आवेदन दायर कर कहा गया की नीरज हत्याकांड में पूर्णिमा नीरज सिंह एवं बच्चा सिंह दोनों आरोप पत्र के गवाह संख्या 38 एवं 39 है। कांड दैनिकी के कंडिका 447 में पूर्णिमा सिंह का एवं कंडिका 449 में बच्चा सिंह का बयान अनुसंधानकर्ता ने दर्ज किया है।
पूर्णिमा नीरज सिंह का यह बयान काफी अपमानजनक और गलत
एडवोकेट जावेद ने दलील देते हुए कहा झरिया की वर्तमान विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह मृतक नीरज सिंह की विधवा पत्नी है, बच्चा सिंह चाचा है । बावजूद इसके वह न्यायालय में अपना बयान दर्ज कराने के लिए नहीं उपस्थित हुए। अब गवाही बंद हो जाने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और मीडिया में गलत बयानबाजी कर कार्रवाई को बाधित कर रहे हैं। इससे फेयर ट्रायल प्रभावित हो रहा है। संजीव ने आरोप लगाया है कि पूर्णिमा नीरज सिंह ने पांच मई 2022 को अखबारों में यह बयान दिया कि "धनबाद में अपराधिक घटनाओं का सिलसिला नया नहीं है। 2017 में जो नरसंहार हुआ था उसमें भी यही अपराधी शामिल थे। इन अपराधियों को एक्स एमएलए का संरक्षण प्राप्त था"।कोर्ट में दिये गये आवेदन में कहा गया है कि पूर्णिमा नीरज सिंह का यह बयान काफी अपमानजनक और गलत है। इससे संजीव सिंह की छवि समाज में खराब हुई है।
बच्चा सिंह द्वारा फेसबुक पर किया गया पोस्ट चरित्र व प्रतिष्ठा को हनन करने वाला
आवेदन में यह भी आरोप लगाया गया है कि पांच मई 2022 को फेसबुक पोस्ट पर बच्चा सिंह ने एक पोस्ट लिखा जो मीडिया में भी प्रकाशित हुई कि "नीरज सिंह तथा उनके तीन साथियों की जघन्य और बर्बरता पूर्ण हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता संजीव ने चारों शूटरों को करोड़ों रुपये देकर बुलाया था। क्रिमिनल जेल में बंद होने के बाद भी अपना साम्राज्य कायम करने का प्रयास कर रहे हैं। धनबाद जेल को अपना मुख्यालय बना रखा है। यहां से धनबाद बोकारो जिले के व्यवसायियों,आउटसोर्सिंग कंपनी के मालिकों, ठेकेदारों व बड़े दुकानदारों को सभी संभ्रांत प्रतिष्ठित व्यक्तियों को फोन से धमकी देकर लाखों रुपये रंगदारी मांगने का अपराधिक कृत्य संजीव सिंह तथा उनके शागिर्द पिछले दो-तीन वर्षों से कर रहे हैं। अधिकांश लोग जान के डर से संजीव सिंह को रंगदारी पहुंचा रहे हैं जो नहीं देते हैं उनकी हत्या करवा दी जाती है। सोची समझी राजनीति के तहत अमन सिंह के नाम को आगे किया जाता है लेकिन असली अपराधी संजीव सिंह हीं है। पुलिस सब कुछ जानकर पब्लिक को भ्रम में रखने के लिए अमन सिंह का नाम बताती है।
आमजनों के दिमाग में संजीव के प्रति गलत धारणा कायम करने की कोशिश
संजीव ने आरोप लगाया है कि बच्चा सिंह द्वारा फेसबुक पर किया गया यह पोस्ट संजीव के चरित्र व प्रतिष्ठा को हनन करने वाला है। अभी मुकदमा अदालत में लंबित है। अदालत ने किसी को दोषी करार नहीं दिया है। इसके बाद भी जानबूझकर पूरे सुनवाई की प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए, समाज में उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। ताकि आमजनों के दिमाग में संजीव के प्रति गलत धारणा कायम हो जाए। यह सीधे तौर पर न्यायिक प्रशासन में हस्तक्षेप है। चूंकि अभी मामले की सुनवाई अदालत में चल रही है। ऐसे में मुकदमे पर भी इसका असर पड़ता है। सुनवाई के दौरान संजीव के अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने दिल्ली हाइ कोर्ट द्वारा सुभाष चंद्र बनाम एसएम अग्रवाल में पारित निर्णय का भी हवाला दिया है।