ACB की टीम ने लोहरदगा के एसपी ऑफिस के अकाउंटेंट को तीन हजार रुपये घूस लेते दबोचा
एसीबी रांची की टीम ने मंगलवार को लोहरदगा एसपी ऑफिस के अकाउंट सेंक्शन केअकाउंटेंट शैलेश कुमार को तीन हजार रुपये घुस लेते अरेस्ट किया है। एसीबी टीम की गिरफ्त में आने के बाद वह टाल-मटोल कर रहा था। वह छोड़ देने के लिए गुहार लगा रहा था। अंतत: एसीबी टीम अकाउंट को घसीटकर अपनी गाड़ी तक ले गई।
- घूसखोर अकाउंटेंटको घसीटकर साथ ले गई एसीबी टीम
रांची। एसीबी रांची की टीम ने मंगलवार को लोहरदगा एसपी ऑफिस के अकाउंट सेंक्शन केअकाउंटेंट शैलेश कुमार को तीन हजार रुपये घुस लेते अरेस्ट किया है। एसीबी टीम की गिरफ्त में आने के बाद वह टाल-मटोल कर रहा था। वह छोड़ देने के लिए गुहार लगा रहा था। अंतत: एसीबी टीम अकाउंट को घसीटकर अपनी गाड़ी तक ले गई।
यह भी पढ़ें:झारखंड: IAS अफसर पूजा सिंघल मामले में ED दाखिल कया चार्जशीट
पुलिस कांस्टेबल से तीन हजार रुपये घूस ले रहा था अकाउंटेंट
बताया जात है कि सिमडेगा जिला के बानो पुलिस स्टेशन एरिया के अंतर्गत बरसलोईया पोस्ट के कोनसोदे गांव निवासी सहरु महतो का पुत्र रूप नारायण महतो वर्तमान में लोहरदगा जिला बल में कांस्टेबल के पोस्ट पर डिपुटेशन पर हैं। रूप नारायण महतो ने एसीबी के पास लिखित कंपलेन किया। कांस्टेबल ने कंपलेन में कहा था कि अकाउंटेंट शैलेश कुमार द्वारा टीए/होल्टिंग के 33 हजार रुपये की निकासी के एवज में तीन हजार रुपये घूस मांगी जा रही है। इस मामले में लिखित कंपलेन मिलने के बाद एसीबी अफसर ने मामले का सत्यापन किया तो आरोप सही पाया गया। इसके बाद एसीबी रांची पुलिस स्टेशन में चार जुलाई 2022 को कांड संख्या 13/22 में पीसी एक्ट 2018 की सेक्शन 7(ए) के तहत FIR दर्ज की गयी। एसीबी ने जाल बिछाकर अकाउंटेंट को रंगेहाथ घूस लेते धर दबोचा।
एसीबी में गिरफ्त में आये घूसखोर अकाउंटेंट शैलेश कुमार मिश्रा मूलत: बिहार के बक्सर जिले के सोनबरसा गांव का रहने वाला है। उसके पिता का नाम स्वर्गीय श्यामजी मिश्रा है। वह लंबे समय से लो हरदगा एसपी ऑफिस में पोस्टेड था। उसके पकड़े जाने के बाद से पुलिस जवानों में खुशी की लहर है। एसपी आफिस में बैठकर पुलिस जवानों से रिश्वत मांगने वाले इस दुस्साहसी अकाउंटेंट की रहकत से पुलिसकर्मी परेशान थे। वह बेखौफ होकर पुलिस जवान से घूस मांगता था। अकाउंटेंट कई दिनों से मनमानी कर रहा है। उसके व्यवहार से कई पुलिस जवान परेशान चल रहे थे। मामला एसपी ऑफिस होने के कारण से कोई विरोध नहीं कर पा रहा था।