इंडिया में अक्टूबर तक दस्तक दे सकती है कोरोना वायरस संक्रमण की थर्ड वेव, हेल्थ एक्सपर्ट्स की चेतावनी
मेडिकल एक्सपर्ट्स ने अक्टूबर तक इंडिया में कोरोना की थर्ड वेव आने की आशंका जताई है। मेडिकल एक्सपर्ट के रॉयटर्स पोल के अनुसार- अक्टूबर तक इंडिया में कोरोना वायरस संक्रमण की थर्ड वेव आने की संभावना है। महामारी कम से कम एक और वर्ष के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बनी रहेगी। इसके लिए बेहतर तैयारी जरूरी है।
- अभी एक और साल कोरोना पीछा छोड़ने वाला नहीं
- रॉयटर्स के सर्वे में वर्ल्ड के 40 से ज्यादा हेल्थ एक्सपर्ट्स की राय पहले से ही बेहतर तैयारी करना जरूरी
- कहा गया है कि इसे कंट्रोल कर लिया जायेगा
बेंगलुरू। मेडिकल एक्सपर्ट्स ने अक्टूबर तक इंडिया में कोरोना की थर्ड वेव आने की आशंका जताई है। मेडिकल एक्सपर्ट के रॉयटर्स पोल के अनुसार- अक्टूबर तक इंडिया में कोरोना वायरस संक्रमण की थर्ड वेव आने की संभावना है। महामारी कम से कम एक और वर्ष के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बनी रहेगी। इसके लिए बेहतर तैयारी जरूरी है।
मेडिकल एक्सपर्ट्स ने कहा कि है कि देश में आई दूसरी कोरोना लहर के मुकाबले अधिक कंट्रोल होगा। थर्ड वेव के कारण अब देश में कोरोना संक्रमण एक और साल तक बना रह सकता है।वर्ल्ड के 40 हेल्थ एक्सपर्ट्स, डॉक्टरों, साइंटिस्ट, वायरोलॉजिस्ट, महामारी साइंटिस्ट और प्रोफेसरों के 3-17 जून के स्नैप सर्वे से पता चला है कि इंडिया में वैक्सीनेशन में एक महत्वपूर्ण तेजी आना कोरोना के थर्ड वेव के प्रकोप को थोड़ा कम कर देगा। इस सर्वे में वर्ल्ड के 40 हेल्थ स्पेशलिस्ट, डॉक्टरों, वैज्ञानिकों, वायरोलॉजिस्ट, महामारी विज्ञानियों और प्रोफेसरों को शामिल किया गया। इनसे 3-17 जून के बीच प्रतिक्रिया ली गई। इससे पता चलता है कि वैक्सीनेशन में तेजी नयेप्रकोप से कुछ हद तक बचाव करेगी।
इंडिया में कोरोना संक्रमण के थर्ड वेव को लेकर भविष्यवाणी करने वालों में से 85% या 21 से अधिक हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा कि अगली वेव अक्टूबर तक आयेगी। तीन लोगों ने अगस्त की शुरुआत में और 12 लोगों ने सितंबर में इसकी भविष्यवाणी की है। शेष बचे तीन लोगों ने नवंबर से फरवरी के बीच इंडिया मे कोरोना की थर्ड की संभावना जताई है।
बेहतर ढंग से कंट्रोल हो जायेगा थर्ड वेव
70% से अधिक हेल्थ एक्सपर्ट्स या 34 में से 24 लोगों ने कहा है कि इंडिया में मौजूदा कोरोना प्रकोप की तुलना में किसी भी थर्ड वेव को बेहतर ढंग से कंट्रोल किया जायेगा। दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि इसे और अधिक कंट्रोल किया जायेगा क्योंकि मामले बहुत कम होंगे। क्योंकि अधिक वैक्सीनेशन शुरू हो गया होगा। सेकेंड वेव से भी कुछ हद तक नेचुरल इम्यूनिटी मिलेगी। यानि कोरोना की थर्ड वेव उतनी तेज रहने की संभावना नहीं है।
बच्चों को लेकर बोले एक्सपर्ट
यह पूछे जाने पर कि क्या बच्चों और 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को संभावित थर्ड वेव में सबसे अधिक जोखिम होगा, लगभग दो-तिहाई स्पेशलिस्ट या 40 में से 26 एक्सपर्ट्स ने हां कहा। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज (निमहंस) में महामारी विज्ञान विभाग के चीफ डॉ प्रदीप बनंदूर ने कहा कि वैक्सीनेशन के मामले में वे पूरी तरह से अछूती आबादी हैं।क्योंकि वर्तमान में उनके लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। नारायण हेल्थ में कार्डियोलॉजिस्ट और महामारी प्रतिक्रिया योजना पर कर्नाटक सरकार के सलाहकार डॉ देवी शेट्टी ने कहा, 'अगर बच्चे बड़ी संख्या में संक्रमित हो जाते हैं और हम तैयार नहीं होते हैं, तो आप अंतिम समय में कुछ नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, 'यह एक पूरी तरह से अलग समस्या होगी। कारण है कि देश में बच्चों के लिए बहुत कम इंटेंसिव केयर यूनिट बेड्स हैं। पहले से तैयारी नहीं की गई तो स्थिति बहुत खराब हो जायेगी।एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि स्थिति गंभीर हो सकती है। लेकिन 14 हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा कि बच्चों को जोखिम नहीं है।हालांकि, इस पर एक्सपर्ट्स की राय बंटी हुई है। 14 एक्सपर्ट्स ने कहा कि बच्चों को जोखिम नहीं है। 38 में से 25 एक्सपर्ट्स ने कहा कि भविष्य के कोरोना वैरिएंट मौजूदा वैक्सीनों को बेअर नहीं बना पायेंगे। वहीं, एक अलग सवाल के जवाब में 41 में से 30 एक्सपर्ट्स ने कहा कि कोरोना भारत में कम से कम एक साल तक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बना रहेगा।11 एक्सपर्ट्स ने कहा कि खतरा एक साल से कम समय तक रहेगा। वहीं, 15 ने कहा कि यह दो साल से कम, जबकि 13 एक्सपर्ट्स ने कहा कि यह दो साल से अधिक समय तक रहेगा। दो ने कहा कि जोखिम कभी दूर नहीं होंगे।