यूपी: विकास दुबे से जुड़ी कई फाइलें डीएम ऑफिस से गायब, अफसर व स्टाफ खोजने में जुटे
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की मर्डर का आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद भी पुलिस उससे जुड़े एक-एक राज जानने की कोशिश में लगी हुई है।
लखनऊ। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की मर्डर का आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद भी पुलिस उससे जुड़े एक-एक राज जानने की कोशिश में लगी हुई है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि विकास और उसके करीबियों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज होने के बाद भी उन्हें आर्म्स लाइसेंस कैसे मिल गये।
आर्म्स लाइसेंस की जांच के बीच कानपुर के कलक्ट्रेट में हलचल है। विकास से जुड़ी कई फाइलें कलक्ट्रेट से गायब हो गई हैं। कलक्ट्रेट के आर्म्स सेक्शन में दिनभर फाइलों की खोजबीन चलती रही। हालांकि इस बारे में कोई अफसर व स्टाफ खुल कर नहीं बोल रहा है कि विकास दुबे से जुड़ी फाइलें कहां चली गई। पुलिस की ओर से बिकरू कांड के बाद 28 लाइसेंस कैंसिलेशन की रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। मामले सुनवाई डीएम कोर्ट में चल रही है। अब एसआईटी ने आर्म्स लाइसेंसों की फाइल मांगी है। इसके लिए लाइसेंस एप्रुवल व रिन्युअल की फाइलें खोजी जा रही हैं। आर्म्स सेक्शन में गुरुवार को दिनभर फाइलों की खोजबीन होती रही पर कई फाइलें नहीं मिलीं।
54 लाइसेंस का रिकॉर्ड तलब
एसआईटी ने विकास दुबे, जयकांत बाजपेई से लेकर 54 नामों पर एप्रुव्ड हुए आर्म्स लाइसेंस की जानकारी मांगी है। किसी के पास अगर एक से अधिक आर्म्स लाइसेंस है तो उनका भी डिटेल मांगा गया है।
फरार आरोपियों की लोकेशन एनसीआर में
पुलिस को बिकरू में दो जुलाई की रात पुलिस पर हमले के फरार आरोपियों की लोकेशन एनसीआर में मिली है। एसटीएफ और पुलिस की टीमें एनसीआर पहुंच गई हैं। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में रेड की गई लेकिन सफलता नहीं मिली है। क्रिमिनलों द्वारा लगातार ठिकाना बदलने से पुलिस को परेसानी हो रही हैं। घटना में नामजद विकास दुबे का भाई दीपू दुबे समेत 10 क्रिमिनल फरार चल रहे हैं। पुलिस ने इन फरार क्रिमिनलों के पोस्टर जारी किए हैं। सभी पर इनाम घोषित किया गया है। एसटीएफ और पुलिस की टीम लगातार आरोपियों की निगरानी कर रही है। सर्विलांस सेल को इनकी लोकेशन एनसीआर में मिली। कभी गाजियाबाद तो कभी नोएडा में लोकेशन मिली। कुछ दिल्ली भी चले गये हैं।
सरेंडर करने की फिराक में कई आरोपी
पुलिस प्रेशर के कारण भागते फिर रहे कई आरोपी कोर्ट में सरेंडर करने की प्लानिंग कर रहे हैं। फरार आरोपियों के रिलेटिव व करीबी उन्हें सरेंडर कराने के प्रयास में हैं। पुलिस इस सूचना पर भी काम कर रही है।विकास का भाई दीपू दुबे, राजाराम उर्फ प्रेम कुमार, शिव तिवारी, विष्णुपाल यादव उर्फ जिलेदार, राम सिंह, रामू बाजपेई, हीरू दुबे, बउअन शुक्ला, शिवम दुबे और बाल गोविंद फरार चल रहे हैं। शिवम दुबे की जगह दूसरे शिवम को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। इसका नाम बाद में एफआईआर में शामिल किया गया था। पुलिस ने गोपाल के भाई गोविंद का नाम भी जांच में शामिल कर लिया है। उसकी भी खोज की जा रही है।