UPSC सॉल्व कर दी हरियाणा के तुषार और मध्य प्रदेश की आयश की मिस्ट्री, प्रीलिम्स भी नहीं कर सके थे पास
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने तुषार (हरियाणा से) और आयशा मकरानी (मध्य प्रदेश से) के मामले को सॉल्व कर दिया है। UPSC के फाइनल एग्जाम में कथित रूप से सलेक्शन का दावा करनेवाले इन दोनों कैंडिडेट्स के खिलाफ आपराधिक और अनुशासनात्मक ऐक्शन लेने की तैयारी कर रहा है।
नई दिल्ली। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने तुषार (हरियाणा से) और आयशा मकरानी (मध्य प्रदेश से) के मामले को सॉल्व कर दिया है। UPSC के फाइनल एग्जाम में कथित रूप से सलेक्शन का दावा करनेवाले इन दोनों कैंडिडेट्स के खिलाफ आपराधिक और अनुशासनात्मक ऐक्शन लेने की तैयारी कर रहा है।
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UPSC का रिजल्ट मंगलवार को घोषित किया गया है। UPSC द्वारा शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है कि आयशा मकरानी (मध्य प्रदेश से) और तुषार कुमार (हरियाणा से) से संबंधित के दावे झूठे हैं। उन्होंने अपने दावों को साबित करने के लिए अपने पक्ष में फेक डॉक्युमेंट्स बनाये हैं। ऐसा करके, मकरानी और तुषार दोनों ने सेंट्रल गवर्नमेंट (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) द्वारा नोटिफाई सिविल सर्विस एग्जाम, 2022 के नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। इसलिए एग्जाम नियमों के प्रावधानों के अनुसार, यूपीएससी अब दोनों कैंडिडेट्स के खिलाफ उनके धोखाधड़ी के कृत्यों के लिए आपराधिक और अनुशासनात्मक दंडात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है।
UPSC का सिस्टम मजबूत व चाक चौबंद , ऐसी गलतियां संभव नहीं
यूपीएससी ने दावा किया है कि उसका सिस्टम मजबूत होने के साथ-साथ पूरी तरह चाक चौबंद है। ऐसी गलतियां संभव नहीं हैं। यूपीएससी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का चयन करनेके लिए हर साल तीन फेज-प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में सिविल सेवा एग्जाम आयोजित करता है। आयोग ने कहा कि सलीमुद्दीन मकरानी की बेटी आयशा मकरानी, जिसने यूपीएससी द्वारा अपने फाइनल सलेक्शन की सिफारिश का दावा किया है, पाया गया है कि उसने अपने पक्ष में दस्तावेजों से जालसाजी की। आयशा मकरानी का वास्तविक रोल नंबर 7805064 है। उसने पांच जून, 2022 को आयोजित प्रीलिम्स एग्जाम में भाग लिया। सामान्य अध्ययन पेपर-एक में केवल 22.22 अंक और सामान्य अध्ययन पेपर-दो में 21.09 अंक प्राप्त किये।
दोनों को कट-ऑफ मार्क्स से भी कम मिले नंबर
यूपीएससी ने कहा है कि एग्जाम नियमों की जरूरत के अनुसार, उसे पेपर- दो में कम से कम 66 नंबर प्राप्त करने की आवश्यकता थी। वह न केवल पेपर-दो में क्वालीफाई करनेमेंविफल रही है, बल्कि पेपर-एक के कट-ऑफ मार्क्स सेभी कम अंक प्राप्त किये हैं। कट-ऑफ मार्क्स वर्ष 2022 की प्रीलिम्स एग्जाम के लिए अनारक्षित वर्ग के वास्ते 88.22 अंक थे। बयान में कहा गया कि इसलिए, आयशा मकरानी प्रीलिम्स एग्जाम के फेज में ही विफल हो गई। एग्जाम के अगले फेज में आगे नहीं बढ़ सकी।
UPSC के अनुसार दूसरी ओर, रोल नंबर 7811744 वाले नजीरुद्दीन की बेटी आयशा फातिमा वास्तविक उम्मीदवार हैं, जिन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा एग्जाम 2022 के अंतिम परिणाम में 184वां रैंक हासिल किया है।
तुषार के मामले की यह है सच्चाई
हरियाणा के रेवाड़ी के बृजमोहन के पुत्र तुषार के मामले में, उसने सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2022 के लिए आवेदन किया था। इस परीक्षा के लिए उसे रोल नंबर 2208860 आवंटित किया गया था। यूपीएससी ने कहा कि वह प्रीलिम्स परीक्षा में शामिल हुआ। उसने सामान्य अध्ययन के पेपर-एक में माइनस 22.89 नंबर और सामान्य अध्ययन के पेपर-2 में 44.73 अंक हासिल किए। परीक्षा नियमों के अनुसार, उन्हें पेपर-दो में कम सेकम 66 नंबर प्राप्त करने की आवश्यकता थी। बयान में कहा गया कि इस प्रकार, तुषार भी प्रीलिम्स एग्जाम के फेज मेम ही विफल हो गया। एग्जाम के अगले फेज में आगे नहीं बढ़ सका।
बिहार के निवासी तुषार कुमार को 44 वां रैंक
UPSC के बयान में कहा गया, ''दूसरी ओर, यह पुष्टि की जाती है कि बिहार के निवासी अश्विनी कुमार सिंह के पुत्र तुषार कुमार, जिनका रोल नंबर 1521306 है, वास्तविक उम्मीदवार हैं, जिन्होंने यूपीएससी की एग्जाम में 44 वां रैंक हासिल किया है।''