बिहार में चाचा-भतीजा की  सरकार, नीतीश आठवीं बार बने CM, तेजस्वी को डिप्टी CM की जिम्मेदारी

बिहार में  बुधवार को महागठबंधन के चाचा-भतीजा की सरकार के गठन के साथ ही स्टेट में बिहार में तीन दिनों से जारी पॉलिटकल हाई वोल्टेज ड्रामा का द-एंड हो गया है। चाचा नीतीश ने सीएम व भतीजा तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम के रुप में शपथ ली है।

बिहार में चाचा-भतीजा की  सरकार, नीतीश आठवीं बार बने CM, तेजस्वी को डिप्टी CM की जिम्मेदारी
  • बिहार विधानसभा में 24 को बहुमत सिद्ध करेगी नीतीश सरकार
  • 25 को स्पीकर पोस्ट के लिए होगा चुनाव
  • कैबिनेट का विस्तार जल्द

पटना। बिहार में  बुधवार को महागठबंधन के चाचा-भतीजा की सरकार के गठन के साथ ही स्टेट में बिहार में तीन दिनों से जारी पॉलिटकल हाई वोल्टेज ड्रामा का द-एंड हो गया है। चाचा नीतीश ने सीएम व भतीजा तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम के रुप में शपथ ली है।

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राजभवन में संपन्न शपथ ग्रहण समारोह में कैबिनेट के किसी अन्य मिनिस्टर का शपथ ग्रहण नहीं हुआ। लिस्ट फाइनल होने के बाद अन्य कैबिनेट के अन्य मिनिस्टर्स को शपथ दिलाई जायेगी।नीतीश कुमार ने इसके पहले साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में विजयी एनडीए की सरकार में सीएम के रूप में 25 नवंबर 2020 को शपथ ली थी। इस दौरान से उनके रिश्ते अच्छे नहीं रहे। 
विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र होगा आहूत 
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार 24 अगस्त को बिहार विधानसभा में बहुमत सिद्ध करेगी। नई सरकार की मंत्रिमंडल की पहली बैठक में विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र आहूत करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया। इसके साथ ही बैठक में महाधिवक्ता पद पर ललित किशोर को बनाए रखने का प्रस्ताव पारित किया। कैबिनेट की आज हुई बैठक में सीएम नीतीश कुमार और उप डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव शामिल हुए। बैठक में विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र आहूत करने का फैसला लिया गया। सत्र के पहले दिन 24 अगस्त को नई सरकार बहुमत सिद्ध करेगी। अगले दिन 25 अगस्त को विधानसभा के नये अध्यक्ष का चुनाव होगा। राज्य के महाधिवक्ता के रूप में ललित किशोर को अगले आदेश तक बनाए रखने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया। परंपरा के अनुसार नई सरकार को विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करना होगा। आज हुई नई सरकार की पहली कैबिनेट में इस संबंध में स्वीकृति दे दी गई। 
शपथ के बाद तेजस्वी ने नीतीश का पैर छू लिया आशीर्वाद
सीएम नीतीश कुमार के बाद तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार का पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
सीएम पद की शपथ लेते ही नीतीश ने BJP पर साधा निशाना
आज पदभार ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी काे जमकर निशाने पर लिया। बीजेपी के लिए कहा कि 2014 में तो आ गये, लेकिन 2024 में रहेंगे या नहीं, यह वक्त बतायेगा। पीएम नरेंद्र मोदी से अटल बिहारी वाजपेयी की तुलना पर कहा कि अटल जी कितना मानते थे, कितना प्रेम करते थे।अटल जी के प्रेम को वे भूल नहीं सकते।

सुशील मोदी को CM बनाते तो न होती दिक्कत

नीतीश कुमार ने कहा कि अगर वो सुशील कुमार मोदी को 2020 के विधानसभा चुनावों के बाद सीएम बना देते तो चीजें यूं न बिगड़ती।
अपने पूर्व कार्यकाल में डिप्टी सीएम रहे सुशील मोदी द्वारा खुद पर लगाये गये आरोपों के जवाब दिया। सुशील मोदी के बारे में सवालों के जवाब में नीतीश कुमार ने  कहा, "वह एक प्रिय मित्र रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया गया? यदि उन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया होता, तो चीजें इस स्तर तक नहीं पहुंचती।"नीतीश कुमार यह कहते रहे हैं कि वह चुनाव के बाद भी पद पर बने रहने के मूड में नहीं थे, जिसमें उनकी पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा, लेकिन बीजेपी के नेताओं के आग्रह पर वह नरम पड़े।

पिछले डेढ़ महीने से बीजेपी के नेताओं से कोई बातचीत नहीं
बीजेपी के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले डेढ़ महीने से उसके नेताओं से कोई बातचीत नहीं हो रही थी। नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह पर भी कटाक्ष किए। उन्होंने कहा कि यह सरकार खूब चलेगी। कुछ लोगों को लगता है कि विपक्ष खत्म हो जायेगा तो अब वे भी विपक्ष में आ गये हैं, विपक्ष को पूरे तौर पर मजबूत करेंगे। बकौल नीतीश कुमार, बीते दिन मंगलवार को जेडीयू के एमपी व एमएलए ने बीजेपी व एनडीए गठबंधन तोड़ने का फैसला किया। इसके बाद उन्होंने गवर्नर से मिलकर इस्तीफा दे दिया।
नीतीश आठवीं बार सीएम पद की ली है शपथ
नीतीश कुमार का यह सीएम के रूप में आठवी बार शपथ ग्रहण था। नीतीश कुमार केवल पांच चुनाव जीतकर आठवीं बार मुख्यमंत्री बने हैं। नीतीश कुमार साल 2010 के विधानसभा चुनाव से अब तक हर बार कार्यकाल के बीच ही इस्तीफा देकर दोबारा सीएम पद की शपथ लेते रहे हैं। ऐसा तीसरी बार हुआ है।
महागठबंधन सरकार का स्वरूप भी फाइनल
महागठबंधन की नई सरकार के स्वरूप पर अंतिम बातचीत चल रही है। सूत्र बताते हैं कि जेडीयू को एक दर्जन विभागों का जिम्मा मिल सकता है तो आरजेडी व कांग्रेस को 20 विभाग दिए जा सकते हैं। इसमें आरजेडी के 17 मंत्री रह सकते हैं। सरकार में जीतनराम मांझी की पार्टी के एक मंत्री को भी शामिल किया जायेगा। विधानसभा अध्यक्ष का पद जेडीयू के खाते में जा सकता है।
किसे कौन से विभाग मिल सकते हैं
विभागों की बात करें तो सामान्य प्रशासन व गृह विभाग को लेकर अभी तक सहमति नहीं बनी है। आरजेडी गृह विभाग अपने पास चाहता है। जबकि, नीतीश कुमार सीएम रहते हुए इसे हमेशा अपने पास रखते आए हैं। माना जा रहा है कि पथ निर्माण विभाग सहित कई बड़े विभाग आरजेडी को मिल सकते हैं।
आरजेडी व कांग्रेस को मिल सकते हैं ये विभाग
पथ निर्माण
स्वास्थ्य
भवन निर्माण
पशु एवं मत्स्य संसाधन
वित्त
कृषि
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण
श्रम संसाधन
सूचना प्रौद्योगिकी 
उद्योग
नगर विकास
पंचायती राज
पर्यावरण वन एवं जलवायु  परिवर्तन
पर्यटन
कला संस्कृति
खान एवं भूतत्व
आपदा प्रबंधन
पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण
राजस्व एनं भूमि सुधार  20 गन्ना उद्योग
जेडीयू को मिल सकती है इन विभागों की जिम्मेदारी

शिक्षा
ऊर्जा
योजना एवं विकास
परिवहन
ग्रामीण विकास
समाज कल्याण
सूचना एवं जनसंपर्क
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन
ग्रामीण कार्य
अल्पसंख्यक कल्याण 
                             नीतीश कुमार कब-कब बने सीएम

चुनाव का साल   शपथ ग्रहण       इस्तीफा                किस गठबंधन के CM रहे

2000          तीन मार्च 2000            10 मार्च 2000         NDA (BJP-JDU)
2005          24 नवंबर 2005          24 नवंबर 2010      NDA (BJP-JDU)
2010          25 नवंबर 2010          19 मई 2014          NDA (BJP-JDU)
2010          22 फरवरी 2015        19 नवंबर 2015      JDU (RJD व कांग्रेस का बाहरी समर्थन)
2015          20 नवंबर 2015          26 जुलाई 2017      महागठबंधन (JDU,RJD, कांग्रेस)
2015          27 जुलाई 2017          24 नवंबर 2020      NDA (BJP-JDU)
2020          25 नवंबर 2020          09 अगस्त 2022     एनडीए (बीजेपी-जेडीयू)
2022         10 अगस्त 2022                                      महागठबंधन (JDU,RJD, कांग्रेस)