Uttar Pradesh: Atique -Asraf murder case में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे एक्स IPS अमिताभ ठाकुर, विवादों से गहरा नाता
उत्तर प्रदेश के माफिया एक्स एमपी अतीक अहमद और छोटे भाई एक्स एमएलए खालिद अजीम उर्फ अशरफ की मर्डर मामले एक्स IPS अफसर अमिताभ ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अमिताभ ठाकुर ने कोर्ट से अतीक मामले की जांच CBIको सौंपने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मामले की सही से जांच के लिए कोट्रर् की निगरानी में CBI जांच जरूरी है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के माफिया एक्स एमपी अतीक अहमद और छोटे भाई एक्स एमएलए खालिद अजीम उर्फ अशरफ की मर्डर मामले एक्स IPS अफसर अमिताभ ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अमिताभ ठाकुर ने कोर्ट से अतीक मामले की जांच CBIको सौंपने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मामले की सही से जांच के लिए कोट्रर् की निगरानी में CBI जांच जरूरी है।
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जबरन रिटायर किये गये थे अमिताभ ठाकुर
एक्स आइपीएस अमिताभ ठाकुर पहले भी कई मामलों में कोर्ट का रुख कर चुके हैं। ईमानदार व सख्त एक्स आइपीएस अफसर का विवादों से भी गहरा रिश्ता रहा है। मूलत: बिहार के रहने वाले अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के आईपीएस अफसर हैं। उन्हें यूपी की योगी सरकार ने साल 2021 में जबरन रिटायरमेंट दे दिया था। यूपी की सरकारों और अपने सेवा काल के दौरान तमाम ब्यूोक्रैट्स से बिना डरे सवाल दागने वाले अमिताभ ठाकुर का जन्म बोकारो में हुआ था। आईपीएस बनने के बाद वे यूपी के कई जिलों के कप्तान रहे।तीन जून 2021 को यूपी सरकार ने सेंट्रल गवर्नमेंट के आदेश के बाद जबरन वीआरएस (जबरन रिटायरमेंट) दे दिया था। होम मिनिस्टरी ने अपनी स्क्रीनिंग के बाद सरकारी सेवा से अनुपयुक्त पाते हुए अमिताभ को रिटायर किया था।
बतौर फिरोजाबाद एसपी दिखाई सख्ती
अमिताभ ठाकुर हमेशा से ही बिना डरे अपना काम और अपनी बात कहने वाले अफसरों में गिने जाते थे। अमिताभ ठाकुर 2006 में फिरोजाबाद के एसपी थे। अमिताभ ने जसराना के थाना प्रभारी का ट्रांसफर कर दिया था। समाजवादी पार्टी के एमएलए रामवीर सिंह के कहने के बावजूद उन्होंने थाना प्रभारी को वापस बुलाने से मना कर दिया।
तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह से भी ले चुके पंगा
अमिताभ ठाकुर समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान मुलायम सिंह यादव से भी पंगा ले चुके हैं। उन्होंने 2015 में कहा था कि मुलायम ने एक मामले में मुझे फोन पर धमकी दी है। उनका यह आरोप काफी चर्चा का विषय बन गया था।इसके बाद उन्होंने लखनऊ पुलिस स्टेशन में तहरीर भी दी, लेकिन सपा सरकार होने के चलते मुलायम पर मुकदमा नहीं हुआ। इसके बाद अमिताभ ने कोर्ट का रुख किया। मुलायम पर मुकदमा हुआ। इससे नाराज अखिलेश सरकार ने अमिताभ को सस्पेंड भी कर दिया था।
अमिताभ ठाकुर संपत्ति का ब्योरा न देने का लगा था आरोप
अमिताभ आईपीएस सेवा शुरू करते समय ही विवाद में घिर गए थे। उनपर 1992 में सेवा प्रारंभ करते समय अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने का आरोप लगा था। उन्होंने इसके बाद 1993 से 1999 का संपत्ति विवरण एकसाथ दिया, जिसमें भी काफी कमियां पाई गई।
पुलिस कस्टडी में गोली मारकर कर दी गयी माफिया अतीक अहमद और अशरफ की मर्डर
उमेश पाल मर्डर केस में पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिये गये माफिया अतीक अहमद और उसके छोटे भाई एक्स एमएलए खालिद अजीम उर्फ अशरफ की 15 अप्रैल को रात लगभग साढ़े 10 बजे पुलिस कस्टडी में गोली मार कर मर्डर कर दी गयी थी। दोनों मेडिकल टेस्ट के लिए कॉल्विन हॉस्पिटल लाया गया था। पुलिस कस्टडी में माफिया ब्रदर्स कॉल्विन हॉस्पिटल के बाहर पत्रकारों से बात कर रहे थे। एक पत्रकार ने पूछा- आज जनाजे में आप लोग नहीं गये। उस बारे में कुछ कहना है? इस पर अतीक बोला- नहीं ले गए तो नहीं गये। इसी समय अशरफ ने बोलना शुरू किया- 'मेन बात ये है कि गुड्डु मुस्लिम...' इसी बीच एक युवक पीछे से आता है और तुर्किये मेड जिगाना पिस्टल से अतीक की कनपटी पर फायर कर देता है। अगले एक सेकेंड से भी कम समय में दो और फायर होते हैं, जो अशरफ की पसलियों में धंस जाते हैं। मौके पर ही अतीक व अशरफ की मौत हो गयी। अफरा-तफरी के बीच सभी मीडियाकर्मी और पुलिसकर्मी पीछे हट जाते हैं। इसके बाद तीन हमलावर अगले 16 सेकेंड में 18 राउंड फायर करते हैं। फिर हाथ उठाकर धार्मिक नारे लगाते हुए तीनों हमलावरों लवलेश तिवारी (बांदा), मोहित उर्फ सनी (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज) सरेंडर कर दिये। पुलिस आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त तुर्किये मेड जिगाना पिस्टल को बरामद ली।