उत्तर प्रदेश: बाहुबली एमएलए मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर मामले में 11 साल बाद मिली बेल, अभी जेल से नहीं होगी रिहाई
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के बाहुबली एमएलए मुख्तार अंसारी को बुधवार मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार को गैंगस्टर मामले में बेल दे दी है। कोर्ट बांदा जेल के सुपरिटेंडेंट इस मामले में रिहा करने का आदेश भी दिया है। हालांकि मुख्तार पर कई अन्य मामले भी दर्ज हैं। ऐसे में अभी वह जेल से बाहर नहीं आ पायेंगे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के बाहुबली एमएलए मुख्तार अंसारी को बुधवार मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार को गैंगस्टर मामले में बेल दे दी है। कोर्ट बांदा जेल के सुपरिटेंडेंट इस मामले में रिहा करने का आदेश भी दिया है। हालांकि मुख्तार पर कई अन्य मामले भी दर्ज हैं। ऐसे में अभी वह जेल से बाहर नहीं आ पायेंगे।
माफिया मुख्तार अंसारी के जेल से छूटने की खबर का खंडन- #UPPolice #maupolice pic.twitter.com/yXiJNeYRoT
— mau police (@maupolice) February 16, 2022
मऊ पुलिस ने ट्वीट से स्पष्ट किया कि मुख्तार अंसारी जेल से रिहा नहीं हो रहे हैं। पुलिस की ट्वीट में कहा गया कि आईएस 91 के नाम से रजिस्टर गैंग का लीडर माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ वर्तमान समय में कुल 12 केस दर्ज हैं। इनमें गाजीपुर में चार, वाराणसी में एक, आजमगढ़ में एक, बाराबंकी में एक और मऊ में पांच केस दर्ज हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्तार अंसारी पर योगी सरकार में ही 12 मुकदमे दर्ज हुए हैं। उनके ऊपर कुल 15 मामले दर्ज हैं। पंजाब से यहां लाने के बाद ही एम्बुलेंस का फर्जी रजिस्ट्रेशन समेत कई मामलों में उनको नेम्ड किया गया है।
मुख्तार अंसारी के एडवोकट दारोगा सिंह के अनुसार मऊ के दक्षिण टोला थाने में 2010 में गैंगस्टर का केस दर्ज हुआ था। गैंगस्टर का मुकदमा पुलिस ही दर्ज करती है। 2010 में मुकदमे के बाद 2011 में रिमांड बना था। उसी समय से मुख्तार जेल में हैं। मुख्तार की तरफ से कोर्टत में अर्जी देकर कहा गया था कि गैंगस्टर में 10 साल से ज्यादा की सजा नहीं हो सकती। जबकि मुख्तार उससे ज्यादा जेल में रह चुके हैं। ऐसे में उन्हें बेल दी जानी चाहिए। कोर्ट ने मुख्तार की अर्जी और दावों के सही पाते हुए एक लाख के निची मुचलके पर बेल दे दी। मुख्तार को इस मामले में छोड़ने का आदेश बांदा जेल अधीक्षक को दिया है।