बिहार को पहली जू सफारी की सौगात,राजगीर में CM नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन

राजगीर में 177 करोड़ की लागत से 191 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बना जू सफारी का बुधवार को फीता काटकर सीएम नीतीश कुमारने उद्घाटन किया। इसके बाद सीएम ने काउंटर से 250 रुपये का पहला टिकट लेकर डेढ़ घंटे तक जू सफारी का आनंद लिया।

बिहार को पहली जू सफारी की सौगात,राजगीर में CM नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन
  • CM ने कटवाया जू सफारी का पहला टिकट
  • खुले घूमेंगे जंगली जानवर
  • पिंजरेनुमा बस में सैलानी करेंगे दीदार
  • 250 रुपये का टिकट लेकर जू सफारी का ले सकेंगे आनंद
  • rajgirzoosafari.in पर घर बैठे Online टिकट करा सकते हैं बुक

नालंदा। राजगीर में 177 करोड़ की लागत से 191 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बना जू सफारी का बुधवार को फीता काटकर सीएम नीतीश कुमारने उद्घाटन किया। इसके बाद सीएम ने काउंटर से 250 रुपये का पहला टिकट लेकर डेढ़ घंटे तक जू सफारी का आनंद लिया।

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जंगलों में खुले में विचरण करते हुए भालू, बाघ व शेर को देखकर सीएम आनंदित होते रहे। सीएम साथ गाड़ी में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, पर्यावरण,वन मंत्री नीरज कुमार व नालंदा एमपी कौशलेंद्र कुमार भी थे। सीएम व अन्य लोगों ने हिरण सफारी क्षेत्र में प्रवेश से पहले टिकट काउंटर से बैट्री वाली गाड़ी पर सवार होकर प्रतीक्षालय तक का सफर किया। वहां हॉल में बड़े स्क्रीन पर जू-सफारी की विशेषताओं को देखा। सुरक्षा के बारे में भी अफसरों से जानकाली ली। जू-सफारी के मुख्य गेट से अंदर पहुंचकर सीएम ने बाघ, शेर, हिरण व भालू के स्टैच्यू को भी देखा। कैंपस में बने भगवान बुद्ध की प्रतिमा को नमन किया।

सभी हिरण को एक जगह इकट्ठा करना था चुनौती

जू-सफारी के उद्घाटन के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सारे हिरण को एक जगह इकट्ठा करना चुनौती भरा काम था। कुछ पटना तो कुछ इधर-उधर थे। अब जब सभी जू-सफारी में आ गये हैं तो इनकी सुरक्षा व खाने का पूरा प्रबंध है। वन्य प्राणियों के लिए विश्रामालय बनाया गया है। सारी सुविधाओं से लैस हॉस्पिटल है। यहां ट्रेंड डॉक्टर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि जू-सफारी में खाली पड़े जगहों पर पौधारोपण होगा। इसके बाद इसकी खूबसूरती और बढ़ जायेगी। पर्यटकों को यह और लुभाएगा। भालू, हिरण, शेर व बाघ सफारी में भी पौधारोपण होगा। इससे जंगल और घना होगा। वन्य प्राणियों के रहने में दिक्कत नहीं होगी। वन्य प्राणियों पर नजर रखने के लिए वाच टावर भी बनाये गये हैं। 


हमारा मकसद पास से वन्य प्राणियों को दिखाना: सीएम
सीएम ने कहा कि हमारा मकसद था कि लोग खुले में पास से वन्य प्राणियों को देख सकें। 2016 में शिलान्यास के बाद कई अड़चनें आईं। कई बार डिजाइन तैयार हुआ। उसमें संशोधन हुआ। अब 2022 में सपना साकार हुआ। इसके पहले अंदर पहुंचकर लगातार निरीक्षण किया, ताकि कहीं से कोई टीस न रह जाए।सीएम ने कहा कि जंगलों के बीच से जरासंध के अखाड़ा व सोन भंडार होते रास्ता बनने के बाद नेचर व जू-सफारी एक हो जायेगा। नेचर सफारी आने वाले को जू-सफारी जाने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अंदर से ही वह दोनों जगहों पर पहुंच सकता है। वन्य प्राणियों से उन्हें कोई खतरा न हो, इसके लिए रास्ते के दोनों ओर दीवारें बनाई जायेंगी। 
सात दिन रहकर बनाई रणनीति अब हो रही साकार

सीएम ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 2009 में यहां सात दिन रहकर टूरिज्म के बारे में रणनीति बनाई। अब सारी रणनीति साकार हो रही है। अधिसंख्य कार्य करा दिया। वेणुवन का जीर्णोद्वार कराया। यहां भगवान बुद्ध रहते थे। नई पीढ़ी के लोग अब यहां देखने आते हैं। पांडू पोखर का कायाकल्प हो गया।
177 करोड़ की लागत से जू सफारी का निर्माण 
जू सफारी का निर्माण 177 करोड़ की लागत से किया गया है। लॉकडाउन के कारण कई बार इसका उद्घाटन टल चुका था। यहां जंगली जानवर खुले में घूमते दिखेंगे, जबकि पर्यटक पिंजरेनुमा बंद बस में घूमेंगे। 250 रुपए की टिकट लेकर जू सफारी का सैलानी आनंद ले सकते हैं। सैलानी घर बैठे rajgirzoosafari.in पर ऑनलाइन टिकट भी बुक करा सकते हैं। जू सफारी के अंदर सुरक्षा के लिए वन विभाग के पुलिसकर्मी के साथ-साथ हर जगह CCTV कैमरे लगाये गये हैं, ताकि सुरक्षा व्यवस्था में किसी तरह की कोई चूक ना हो।

जंगल में मौजूद जानवर 
गुजरात के जूनागढ़ से गिर शेर मंगाये गये हैं। तीन जोड़ी बाघों को भी मंगाया गया है। एक जोड़ा तेंदुआ और एक जोड़ा भालू भी जू सफारी में छोड़ा गया है। इसके अलावा हिरण, कृष्ण मृग, चीतल, बारहसिंघा, नीलगाय आदि जानवर मौजूद हैं।
यह सब है सफारी में
जू सफारी परिसर में इंट्रेंस प्लाजा का निर्माण कराया गया है। यहां टिकट काउंटर सर्च ऑप्शन, ओरिएंटल और इंटरप्रेटेशन सेंटर, प्रतीक्षालय और रेस्तरां, ऑडिटोरियम एम्फीथियेटर, सफारी बस, पार्किंग, हॉस्पिटल, प्रशासनिक भवन एवं स्टाफ का आवास बनाया गया है। व्याख्या केंद्र के अंदर जंगली जानवरों का आर्टिफिशियल मनमोहक पुतला लगाया गया है। तो वहीं 180 डिग्री 3D थियेटर का भी निर्माण कराया गया है जहां जानवरों से संबंधित फिल्में दिखाई जायेगी।हाईटेक बाथ रूम का निर्माण कराया गया है जहां सभी अत्याधुनिक उपकरणों से बाथ रूम को सुसज्जित कर दिया गया। तो वहीं प्रदर्शनी हॉल का भी निर्माण कराया गया है। बच्चों को खेलने के लिए पार्क का भी निर्माण कराया गया है जहां कई झूले भी लगाए गए हैं ।
ऊंची फेंसिंग बनाई गयी
पार्क में बाउंड्रीवाल के साथ-साथ ऊंची फेंसिंग बनाई गई है। जरासंध अखाड़ा से जेठीयन मार्ग तक साढ़े चार किलोमीटर लंबी बाउंड्रीवाल का निर्माण किया गया है। इस इक्लोजर में नाइट शेल्टर यानी जानवरों के लिए विश्राम स्थल बनाये गये। इसमें पेयजल बीमार पशुओं के इलाज, टहलने, प्रजनन, साफ-सफाई तथा भोजन की व्यवस्था की गई है।

खुले में विचरण करते दिखेंगे जंगली जानवर
बिहार का यह एकलौता ज़ू सफारी पार्क होगा जहां खुद को गाड़ी में बंद कर जंगली जानवरों को खुले में स्वच्छंद विचरण करते हुए देख सकेंगे। वन विभाग की ओर से फिलहाल पांच बैट्री संचालित बसों का इंतजाम किया गया है।
कौन-कौन से जानवर कितने हेक्टेयर में रहेंगे

0.38 हेक्टेयर में तितलियों का पार्क
10.74 हेक्टेयर में विश्व की विभिन्न प्रजातियों के चिड़ियों की एवियरी
20.54 हेक्टेयर में शेर सफारी
20.50 हेक्टेयर में बाघ सफारी
20.63 हेक्टेयर में तेंदुआ सफारी
20.60 हेक्टर में भालू सफारी
45.62 हेक्टेयर में हिरण चीतल और सांभर सफारी