उत्तर प्रदेश:कांग्रेस एमएलए अदिति सिंह और बीएसपी एमएलए वंदना सिंह बीजेपी में शामिल
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को बड़ा झटका लगा है। रायबरेली की सदर सीट से कांग्रेस की बागी एमएलए अदिति सिंह और आजमगढ़ के सगड़ी सीट से बीएसपी वंदना सिंह ने बीजेपी ज्वाइन ग्रहण कर ली है। विधायक राकेश प्रताप सिंह ने भी भाजपा की सदस्यता ली। राकेश प्रताप सिंह सोनिया गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने वाले दिनेश प्रताप सिंह के छोटे भाई हैं। बीजेपी स्टेट हेडक्वार्टर में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के समक्ष बुधवार को शाम दोनों नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।
- विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को बड़ा झटका लगा है। रायबरेली की सदर सीट से कांग्रेस की बागी एमएलए अदिति सिंह और आजमगढ़ के सगड़ी सीट से बीएसपी वंदना सिंह ने बीजेपी ज्वाइन ग्रहण कर ली है। बीजेपी स्टेट हेडक्वार्टर में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के समक्ष बुधवार को शाम दोनों नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।
मौके पर बीजेपी सदस्यता समिति के प्रमुख लक्ष्मीकांत बाजपेयी उपस्थित थे।
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MLA राकेश प्रताप सिंह भी बीजेपी में शामिल हुए
MLA राकेश प्रताप सिंह ने भी बीजेपी की सदस्यता ले ली है। राकेश प्रताप सिंह सोनिया गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने वाले दिनेश प्रताप सिंह के छोटे भाई हैं। रायबरेली सदर से कांग्रेस एमएलए अदिति सिंह पिछले एक साल से अधिक समय से कांग्रेस की आलोचना और बीजेपी गवर्नमेंट की नीतियों की सराहना करती आ रही थीं। इसके लिए अदिति को कांग्रेस पार्टी उनको नोटिस भी दे चुकी है। पिछले दिनों तो अदिति सिंह ने साफ कह दिया था कि वह सीएम योगी आदित्यनाथ की टीम का हिस्सा बनना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि सीएम योगी सबसे लोकप्रिय सीएम हैं। उनकी टीम का हिस्सा बनकर अपनी विधानसभा के लिए ज्यादा बेहतर कर सकूंगी।
पहले से ही कांग्रेस की आलोचना करती रही है अदिति
अदिति सिंह ने कहा था कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी केवल स्टंट कर रही हैं। अगर वह महिलाओं के लिए जागरूक होती तो सबसे पहले अपने प्राइवेट सेकरेटरी संदीप सिंह के खिलाफ कार्रवाई करतीं, जिस पर महिला से छेड़छाड़ का एफआइआर दर्ज हुआ है। अदिति का यह भी कहना है कि कांग्रेस महासचिव सिर्फ राजनीति कर रही है। उनके पास अब मुद्दे नहीं बचे हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में अदिति पिता की राजनीतिक विरासत की वारिस बनीं। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर वे एमएलए बनीं। हालांकि, लगभग डेढ़ साल से उन्होंने खुद को वैचारिक तौर पर कांग्रेस से अलग कर रखा था। वह पार्टी के विरुद्ध बगावती बयान भी देती रहीं। इस दौरान सत्तारूढ़ दल से उनकी नजदीकियां बढ़ती गईं।
अदिति के हसबैंड पंजाब MLA अंगद सिंह सैनी को होगा नुकसान
सोर्सेज के अनुसार अदिति के बीजेपी में जाने का बड़ा नुकसान उनके हसबैंड अंगद सिंह सैनी को हो सकता है। अंगद पंजाब की नवांशहर सीट से एमएलए हैं। रायबरेली, कांग्रेस प्रसिडेंट सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है। ऐसे में अदिति का पालाबदल उनके हसबैंड के लिए भारी पड़ सकता है।