उत्तर प्रदेश: एक्स मिनिस्टर गायत्री प्रजापति को उम्रकैद, गैंगरेप मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाई सजा
एमपी एमएलए की स्पेशल कोर्ट के मामले में शुक्रवार को एक्स मिनिस्टर गायत्री प्रसाद प्रजापति को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। गायत्री के दो अन्य साथियों आशीष शुक्ला व अशोक तिवारी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। तीनों पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
लखनऊ। एमपी एमएलए की स्पेशल कोर्ट के मामले में शुक्रवार को एक्स मिनिस्टर गायत्री प्रसाद प्रजापति को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। गायत्री के दो अन्य साथियों आशीष शुक्ला व अशोक तिवारी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। तीनों पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
स्पेशल जज पवन कुमार राय ने 10 नवंबर को तीनों को दोषी करार दिया था। इस मामले के चार अन्य अभियुक्त गायत्री के गनर रहे चंद्रपाल, पीआरओ रुपेश्वर उर्फ रुपेश व एक वरिष्ठ पीसीएस अफसर के बेटे विकास वर्मा तथा अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था।
फैसला आया है, यह गलत है, राजनीतिक विरोधियों द्वारा साजिश
गायत्री प्रजापति ने हाथ जोड़कर मीडिया से कहा कि ये जो फैसला आया है, यह गलत है। राजनीतिक विरोधियों द्वारा साजिश की गई है। मैं निर्दोष हूं...मेरा बयान नहीं लिया गया। मेरी मांग के बाद भी नार्को टेस्ट तक नहीं कराया गया। मैं अमेठी से चुनाव न लड़ सकूं, इसलिए ये फैसाया सुनाया गया है। मुझे इस सरकार ने फंसाया है। मुझे हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास है। हम बाइज्जत बरी होंगे। मैं हिंदुस्तान की जनता से अपील करता हूं कि मुझे इंसाफ दिलाए। मैं व्हील-चेयर पर चल रहा हूं...इलाज नहीं हो रहा।
यह है मामला
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य छह के खिलाफ 18 फरवरी, 2017 को गौतमपल्ली पुलिस स्टेशन में गैंगरेप, जानमाल की धमकी व पाक्सो एक्ट के तहत एफआइआर दर्ज कराया गया था। रेप पीड़िता की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया था। रेप पीड़िता ने गायत्री प्रजापति व उनके साथियों पर खुद के साथ गैंगरेप व व नाबालिग बेटी के साथ रेप की कोशिश का आरोप लगाया था। गायत्री समेत सभी एक्युज्ड को मार्च 2017 में अरेस्ट कर ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया गया था।
पीड़िता ने बार-बार बदले थे बयान
गैंगरेप पीडि़ता ने दोषी ठहराये गये एक्स मिनिस्टर गायत्री प्रजापति को लेकर बार-बार बयान बदले थे। उसने वर्ष 2019 में गायत्री को क्लीनचिट भी दे दी थी। उसने हमीरपुर के एक शख्स को आरोपित ठहराते हुए कहा था कि उसके बहकावे में आकर यह कदम उठाया था। पीड़िता के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एक अन्य मामले में समन जारी किया था। तब से पीडि़ता घर छोड़ कर चली गई थी।
पिता-पुत्र पर हुई थी एफआइआर
गायत्री और उसके बेटे अनिल के खिलाफ गोमतीनगर विस्तार पुलिस स्टेशन में भी एफआइआर दर्ज है। ये मुकदमा खरगापुर निवासी बृज भवन चौबे ने दर्ज कराया था। बृज भवन, एक्स मिनिस्टर की एक प्राइवेट कंपनी के डायरेक्टर थे। आरोप है कि गायत्री प्रजापति ने उनपर रेप की एफआइआर दर्ज कराने वाली चित्रकूट निवासी महिला से सांठगांठ कर ली थी। एक्स मिनिस्टर के बेटे अनिल प्रजापति ने बृज भवन से बोलकर मुकेश कुमार नाम के व्यक्ति की संपत्ति उस महिला के नाम करवाई थी।अनिल ने रेप मामले में बयान बदलने के लिए दो करोड़ रुपये भी महिला को दिए थे। बावजूद इसके महिला की मांग बढ़ती गई। बृज भवन के मुताबिक गायत्री और उनके बेटे अनिल ने खरगापुर स्थित उनकी जमीन भी महिला के नाम करवा दी थी। लखनऊ पुलिस ने 17 दिसंबर 2020 को अनिल को अरेस्ट कर जेल भेजा था।
चाय में मिलाया था नशीला पदार्थ
पीड़िता ने कहा था कि वह गायत्री प्रसाद प्रजापति से माइनिंग की जमीन के पट्टे के लिए उनके पांच गौतमपल्ली स्थित आवास पर मिली थी। इस दौरान एक्स मिनिस्टर ने चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर दे दिया था। पीडि़ता के बेहोश हो जाने के बाद गायत्री और छह अन्य लोगों ने रेप किया था। महिला ने नाबालिग बेटी संग रेप के प्रयास करने का मामला भी दर्ज कराया था। उसने एक्स मिनिस्टर जान का खतरा भी बताया था, जिसके बाद उसे सुरक्षा मुहैया कराई गई थी।
अक्टूबर 2014 से जुलाई 2016 तक गैंगरेप का आरोप
पीड़ित महिला ने बताया था कि 2013 में चित्रकूट में गंगा आरती के कार्यक्रम में तत्कालीन कैबिनेट cfvfmd'j गायत्री प्रजापति से एक काम के सिलसिले में मिली थी। उसे उसके एक करीबी ने गायत्री से मिलवाया था। इसके बाद गायत्री प्रजापति के लखनऊ आवास पर आने-जाने लगी।
उसके साथ अक्टूबर 2014 से जुलाई 2016 तक गैंगरेप किया गया। मिनिस्टर के डर के कारण वह चुप रही। मगर जब आरोपियों ने उसकी बेटी से छेड़छाड़ की कोशिश की तो वह बर्दाश्त नहीं कर सकी। 18 फरवरी 2017 को उसने केस दर्ज कराया था।नाबालिग से रेप की कोशिश में दोषियों पर पॉक्सो एक्ट भी लगा था। पॉक्सो एक्ट में अधिकतम सजा के लिए उम्र कैद या मृत्यु दंड का प्रावधान है। गायत्री प्रजापति 15 मार्च 2017 से जेल में है।