उत्तर प्रदेश: लव जिहाद में पहली बार सजा, युवक को कानपुर कोर्ट ने दी 10 साल कैद, धर्म छिपाकर लव अफेयर,लड़की को भगाया, रेप
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिला कोर्ट ने लव जिहाद के आरोप से जुड़े एक मामले में सुनवाई करते हुए कानपुर जिला कोर्ट ने आरोपी जूही पुलिस स्टेशन एरिया के कच्ची बस्ती निवासी जावेद को 10 साल की सजा सुनाई है। आरोपी पर 30 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की राशि में से 20 हजार पीड़िता को दिये जायेंगे।
- जबरन निकाह की कोशिश
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिला कोर्ट ने लव जिहाद के आरोप से जुड़े एक मामले में सुनवाई करते हुए कानपुर जिला कोर्ट ने आरोपी जूही पुलिस स्टेशन एरिया के कच्ची बस्ती निवासी जावेद को 10 साल की सजा सुनाई है। आरोपी पर 30 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की राशि में से 20 हजार पीड़िता को दिये जायेंगे। DGC क्राइम दिलीप कुमार अवस्थी का दावा है कि लव जिहाद के मामले में सजा दिये जाने का यह पहला मामला है।
यह है मामला
कानपुर के जूही पुलिस स्टेशन एरिया की कच्ची बस्ती निवासी नाबालिग को को जावेद नामक मुस्लिम युवक ने खुद को हिन्दू बताते हुए प्रेम जाल में फंसा लिया था। उसने अपना नाम मुन्ना बताया। किशोरी को शादी का झांसा देकर आरोपी अपने साथ भगा ले गया। उसके साथ जबरदस्ती संबंध बनाये। बेटी के लापता होने के बाद पीड़िता के परिवार ने जूही पुलिस स्टेशन में कंपलेन दर्ज कराई थी। पुलिस ने FIR दर्ज करए अगले ही दिन आरोपी जावेद को अरेस्ट कर किशोरी को बरामद कर लिया था। पुलिस ने पास्को एक्ट व रेप का मुकदमा दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया था।
कोर्ट में 164 के तहत पीड़िता ने दिया था बयान
पीड़िता ने कोर्ट में दिये गये 164 के बयान में बताया कि आरोपी जावेद ने उसे खुद को हिन्दू और नाम मुन्ना बताकर दोस्ती की थी। इसके बाद शादी का झांसा देकर साथ ले गया। जब पीड़िता उंसके घर पहुंचीं तो आरोपी ने उसे अपना असली धर्म बताकर निकाह करने के लिए कहा। इस पर उसने इनकार कर दिया। जावेद उर्फ मुन्ना ने उसके साथ जबरदस्ती रेप किया।
उत्तर प्रदेश में फरवरी 2021 में बना था कानून
उत्तर प्रदेश में 24 फरवरी, 2021 में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021’ नाम से कानून लागू हुआ था। इसमें बहला-फुसला कर, जबरन, छल-कपट कर, लालच देकर या विवाह के लिए एक धर्म से दूसरे धर्म में किया गया परिवर्तन गैरकानूनी माना गया है। ऐसा करने पर अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है। साथ ही 25 हजार रुपए जुर्माना भी होगा। उत्तर प्रदेश से पहले मध्यप्रदेश में इसके खिलाफ कानून बन चुका था। इसके अलावा कर्नाटक, हरियाणा और गुजरात में भी यह कानून लागू है।
बरेली में दर्ज हुआ था पहला FIR
बरेली में लव जिहाद का पहला FIR दर्ज किया गया था। यह मामला उत्तर प्रदेश में कानून बनने के सिर्फ चार दिन बाद ही दर्ज किया गया था। DGC अवस्थी के अनुसार पूरे राज्य में जुलाई, 2021 तक कुल 162 केस दर्ज हो चुके हैं। किसी मामले में पहली बार सजा कानपुर के जिला जज ने दी है।