उत्तर प्रदेश: आगरा के पारस हॉस्पिटल में बवाल, मरीज और एटेंडेट के दुर्व्यवहार, विरोध करने वालों के साथ मारपीट
प्रशासन द्वारा की गयी कार्रवाई के बाद आगरा के पारस हास्पिटल के स्टाफ मंगलवार की रातखुलेआम गुंडई की। मीडिया से बातचीत और कार्रवाई के लिए नारेबाजी कर रहे शिवसेना पदाधिकारियों को जमकर लात घूंसों, डंडों और सरियों से पीटा। इसमें शिवसेना जिलाध्यक्ष समेत चार घायल हो गये हैं।
लखनऊ। प्रशासन द्वारा की गयी कार्रवाई के बाद आगरा के पारस हास्पिटल के स्टाफ मंगलवार की रातखुलेआम गुंडई की। मीडिया से बातचीत और कार्रवाई के लिए नारेबाजी कर रहे शिवसेना पदाधिकारियों को जमकर लात घूंसों, डंडों और सरियों से पीटा। इसमें शिवसेना जिलाध्यक्ष समेत चार घायल हो गये हैं।
पारस हास्पिटल में आक्सीजन गैस की मॉकड्रिल का वीडियो वायरल होने के बाद मंगलवार को प्रशासन ने सीलिंग की कार्रवाई की है। हास्पिटल संचालक डा. अरिंजय जैन के खिलाफ न्यू आगरा पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज किया गया है। हॉस्पीटल में इलाजरत पेसेंट को दूसरे जगह शिफ्ट किया गया है। शिवसेना के पदाधिकारी और कार्यकर्ता रात को पारस हॉस्पीटल के बार पहुंचे मीडिया से बातचीत कर हास्पिटल पर कार्रवाई की मांग करने लगे। शिवसेना कार्यकर्ता हॉस्पीटल के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। नारेबाजी सुनकर हास्पिटल का स्टाफ वहां पहुंच युवकों से गाली गलौज करने लगे। विरोध करने पर स्टाफ ने लोगों से मारपीट शुरू कर दी। बड़ी संख्या में मौजूद स्टाफ ने युवकों को लात घूंसों से पीटा। कुछ स्टाफ ने सरिया से भी प्रहार किया। हॉस्पीटल के बार मौजूद पेसेंट के तीमारदारों दुर्व्यवहार किया। हॉस्पीटल स्टाफ के मारपीट में शिव सेना के जिलाध्यक्ष विनीत वर्मा, कमला नगर निवासी माधव गौतम, विशाल प्रजापति, यश ठाकुर और शिवम प्रजापति घायल हुए हैं। सभी ने हास्पिटल के स्टाफ के खिलाफ न्यू आगरा पुलिस स्टेशन में कंपलेन की।
वायरल वीडियो के आधार पर हॉस्पीटल संचालक के खिलाफ एफआइआर
हेल्थ डिपार्टमेंट ने ऑक्सीन मॉक ड्रील से संबंधित वायरल वीडीओ को श्री पारस हास्पिटल के संचालक डा. अरिंजय जैन के खिलाफ आधार बनाया है। उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरके अग्निहोत्री की ओर से संचालल के खिलाफ दर्ज एफआइआर में धारा 144 के उल्लंघन, महामारी अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम लगाया गया है। कहा गया है कि आगरा में पर्याप्त ऑक्सीजन की उपलब्धता थी। संचालक के वायरल वीडियो से भ्रम की स्थिति बनी। उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरके अग्निहोत्री की ओर से थाना न्यू आगरा में दर्ज कराए गए मुकदमे में कहा है कि सात जून को सोशल मीडिया के माध्यम से तथाकथित वीडियो वायरल हुआ। इसमें पारस हास्पिटल के संचालक डा. अरिंजय जैन गाजियाबाद के मोदी नगर प्लांट पर भी आक्सीजन न होने और तथाकथित माक ड्रिल की बात कही गई है। जबकि जिला प्रशासन, औषधि निरीक्षक की टीम, स्थानीय और शासन स्तर पर आक्सीजन की आपूर्ति कराई थी। इसके बाद भी डा. अरिंजय जैन के तथाकथित बयान से जनमानस में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है, जबकि आगरा में आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता थी। डा. अरिंजय जैन का यह कृत्य लोक शांति के निहित प्रावधानों के विपरीत है। इसलिए डाक्टर के खिलाफ मंगलवार को न्यू आगरा पुलिस में महामारी अधिनियम व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
एफआइआर में लगायी गयी आइपीसी की सेक्शन
188 आइपीसी - लोक सेवक द्वारा दिए गए आदेश को न मानना- छह माह का कारावास या जुर्माना।
505 आइपीसी- विभिन्न समुदायों के बीच घृणा पैदा करने के उद्देश्य से असत्य कथन करना- तीन वर्ष कारावास या आर्थिक दंड।
आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 52, 54 -सरकार की योजनाओं के तहत राहत पाने के लिए गलत सूचना देना एक वर्ष कैद।
महामारी अधिनियम की धारा 3 - छह माह कारावास।
हास्पिटल का लाइसेंस सस्पेंड
सीएमओ डा आरसी पांडेय ने श्री पारस हास्पिटल का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया। डा एसके वर्मन और डा वीरेंद्र भारती की दो सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी।