West Bengal: उत्तर प्रदेश से अरेस्ट बीजेपी लीडर जितेंद्र तिवारी आठ दिनों की पुलिस कस्टडी में
पश्चिम बंगाल की आसनसोल की एक स्पेसळ कोर्ट ने कंबल वितरण भगदड़ कांड में अरेस्ट बीजेपी लीडर जितेंद्र तिवारी को आठ दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है। जितेंद्र तिवारी को कोर्ट से बाहर निकालने के लिए रविवार को बीजेपीकार्यकर्ताओं ने रास्ते में प्रदर्शन किया। पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
- पुलिस ने आसनसोल कोर्ट में पेश किया
- समर्थकों ने की जमकर नारेबाजी
आसनसोल। पश्चिम बंगाल की आसनसोल की एक स्पेसळ कोर्ट ने कंबल वितरण भगदड़ कांड में अरेस्ट बीजेपी लीडर जितेंद्र तिवारी को आठ दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है। जितेंद्र तिवारी को कोर्ट से बाहर निकालने के लिए रविवार को बीजेपीकार्यकर्ताओं ने रास्ते में प्रदर्शन किया। पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
कोर्ट ले जाते समय जितेंद्र तिवारी ने कहा, “तृणमूल सरकार या पुलिस नहीं, आसनसोल के लोगों के पास आखिरी शब्द होगा. जनता इसका जवाब देगी।” उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों की ओर इशारा किया। वहीं बीजेपी लीडर की गिरफ्तापी को लेकर अग्निमित्रा पॉल ने पुलिस स्टेशन का घेराव किया।जितेंद्र तिवारी की गिरफ्तारी को लेकर राज्य की राजनीति गरमा गई है। तणमूल कांग्रेस बीजेपी लीडर की गिरफ्तारी कानूनी करार दिया है, जबकि भाजपा के नेता इस राजनीतिक साजिश करार दे रहे हैं।
कोर्ट में अपनी बात रखते हुए जितेंद्र तिवारी ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट कल (सोमवार) इस मामले की सुनवाई कर रहा है। उन्हें दो दिनों की पुलिस कस्टडी दें। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर जरूरत पड़ने पर पुलिस 12 दिन और कस्टडी में देगी। लेकिन आज दो दिन की पुलिस कस्टडी दे दें।” हालांकि जज ने दोनों पक्षों के सवाल-जवाब के बाद जितेंद्र तिवारी को आठ दिनों की पुलिस कस्टडी देने का आदेश दिया। जितेंद्र तिवारी को कोर्ट से बाहर निकालने के लिए रविवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने रास्ते में धरना दिया। पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
वर्ष 2023 की 14 दिसंबर को आसनसोल के वार्ड नंबर 27 की पार्षद जितेंद्र तिवारी की पत्नी चैताली तिवारी की पहल पर कंबल वितरण समारोह आयोजित किया गया था। समारोह में प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी भी वहां मौजूद थे। उनके कार्यक्रम से जाने के बाद कंबल लेने की होड़ मच गई। कई लोगों की कुचलकर मौत हो गई थी। पुलिस ने बताया था कि कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उनसे कोई अनुमति नहीं ली गई थी। मामला कोर्ट में गया। पुलिस ने जितेंद्र तिवारी और उसकी पत्नी से कई बार पूछताछ की। इसके बाद शनिवार को आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के खुफिया विभाग और आसनसोल नॉर्थ थाने की पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर जितेंद्र तिवारी को नोएडा के यमुना एक्सप्रेस-वे से गिरफ्तार कर लिया था। वहां से जितेंद्र तिवारी को दमदम एयरपोर्ट होते हुए दमदम सरकारी अस्पताल ले जाया गया। वहां स्वास्थ्य जांच के बाद पुलिस उसे आसनसोल ले गई।