पश्चिम बंगाल: बीरभूम हिंसा पर विधानसभा में बवाल, हाथापाई ,सुवेंदु समेत बीजेपी के पांच MLA सस्पेंड
श्चिम बंगाल विधानसभा के बजट सत्र का अंतिन दिन सोमवार को जमकर हंगामेदार हुआ। बीरभूम जिले के रामपुरहाट में हुई हिंसा को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और मुख्य विपक्षी बीजेपी एमएलए के बीच सदन में मारपीट व हाथापाई हो गई। बीजेपी एमएलए के कपड़े भी फाड़ दिये गये। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि जब उसने बीरभूम मामले पर विधानसभा में चर्चा की मांग की तो टीएमसी के एमएलए ने आपा खो दिया और हाथापाई की।
- टीएमसी एमएलए पर लगा पिटाई का आरोप
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा के बजट सत्र का अंतिन दिन सोमवार को जमकर हंगामेदार हुआ। बीरभूम जिले के रामपुरहाट में हुई हिंसा को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और मुख्य विपक्षी बीजेपी एमएलए के बीच सदन में मारपीट व हाथापाई हो गई। बीजेपी एमएलए के कपड़े भी फाड़ दिये गये। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि जब उसने बीरभूम मामले पर विधानसभा में चर्चा की मांग की तो टीएमसी के एमएलए ने आपा खो दिया और हाथापाई की।
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Absolute pandemonium in the West Bengal Assembly. After Bengal Governor, TMC MLAs now assault BJP MLAs, including Chief Whip Manoj Tigga, as they were demanding a discussion on the Rampurhat massacre on the floor of the house.
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 28, 2022
What is Mamata Banerjee trying to hide? pic.twitter.com/umyJhp0jnE
टीएमसी के एक एमएलए को हॉस्पिटल में एडमिट कराना पड़ा, उनकी नाक से खून आ रहा था। वहीं, विपक्ष ने आरोप लगाया कि टीएमसी और सुरक्षा कर्मियों ने आठ बीजेपी एमएलए को मारपीट कर घायल कर दिया है।हुगली जिले के चिनसुराह से टीएमसी एमएलए असित मजूमदार ने दावा किया कि उन्हें सुवेंदु अधिकारी ने मारा। उन्होंने कहा, "जब मैं विधानसभा के अंदर सुरक्षाकर्मियों के साथ हाथापाई कर रहे बीजेपी एमएलए को हाथ जोड़कर रोकने गया तो मेरा चश्मा टूट गया।"विधानसभा में बीजेपी के मुख्य सचेतक व विधायक मनोज तिग्गा के साथ मारपीट की गई। इसके बाद भाजपा के विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। इस हाथापाई में टीएमसी के विधायक आसित मजूमदार को भी कथित तौर पर नाक पर चोट आई है। उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में ले जाया गया है।
सुवेंदु समेत पांच एमएलए सस्पेंड
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी सहित पांच बीजेपी एमएलए को विधानसभा से सस्पेंड कर दिया गया। अध्यक्ष ने अधिकारी के अलावा बीजेपी एमएलए दीपक बर्मन, शंकर घोष, मनोज तिग्गा और नरहरि महतो को 2022 के आगामी सभी सत्रों के लिए निलंबित कर दिया है।वहीं सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "सदन का आखिरी दिन होने के चलते हमने राज्य के कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग की। ऐसा न होने के बाद संवैधानिक तरीके से विरोध किया, जिसके बाद सिविल ड्रेस पहने पुलिसकर्मियों और TMC के एमएलए ने बीजेपी एमएलए के साथ मारपीट की।
सदन के भीतर भी एमएलए सुरक्षित नहीं
अधिकारी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस, उनके गुंडे और पुलिस के खिलाफ हमारा मार्च है। इसको लेकर हम स्पीकर के पास भी जायेंगे। बंगाल में जो हालत है, उसको लेकर केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए। अधिकारी ने कहा, "विधायक सदन के भीतर भी सुरक्षित नहीं हैं। तृणमूल के विधायकों ने सचेतक मनोज तिग्गा सहित हमारे कम से कम 8-10 विधायकों के साथ मारपीट की, क्योंकि हम कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की मांग कर रहे थे।"
'विधानसभा में अराजकता फैलाने के लिए नाटक कर रही बीजेपी'
तृणमूल कांग्रेस के नेता व राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने पत्रकारों से कहा कि भाजपा, विधानसभा में अराजकता फैलाने के लिए नाटक कर रही है। उन्होंने कहा कि सदन में हमारे कुछ विधायक घायल हो गए हैं। हम भाजपा के इस कृत्य की निंदा करते हैं।
बीजेपी एमएलए ने विधानसभा के बाहर किया प्रदर्शन
बीजेपी एमएलए ने इसके खिलाफ विधानसभा के बाहर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया है। उन्होंने दावा किया कि उनके साथ मारपीट की गई और वेल में प्रदर्शन के दौरान सिक्योरिटी गार्ड्स ने धक्का भी दिया। दरअसल, सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने बीरभूम हिंसा मामले में चर्चा की मांग की और फिर विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद सदन में स्थिति बिगड़ गई और दोनों पक्षों के बीच हाथापाई शुरू हो गई।
बीरभूम हिंसा
बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसक घटना की सीबीआइ जांच कर रही है। जिले के बोगटुई गांव में अज्ञात लोगों ने 21 मार्च को 10 घरों में आग लगा दी थी। इसमें महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई थी। विपक्ष ने इस हिंसक वारदात के पीछे टीएमसी नेताओं का हाथ होने का आरोप लगाया है।
'ममता बनर्जी ने CBI टीम को डराने का काम किया'
वहीं, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बीरभूम में छानबीन जारी है। कांग्रेस ने भी कोर्ट में CBI की देख रेख में जांच की मांग की थी। ममता बनर्जी ने CBI टीम को डराने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी राज्य का CM ऐसे बयान देता है तो उससे जाहिर है कि जांच में अड़चनें डालने के प्रयास शुरू हो गये हैं।