Acharya Kishore Kunal Death: एक्स IPS अफसर आचार्य किशोर कुणाल का हार्ट अटैक से निधन
एक्स IPS अफसर आचार्य किशोर कुणाल(74 ) का कार्डियक अरेस्ट की वजह से रविवार सुबह निधन हो गया। कार्डियक अरेस्ट के बाद उन्हें इलाज के लिए महावीर वत्सला हॉस्पिटल ले जाया गया जहां जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आचार्य किशोर कुणाल ने आईपीएस से त्याग-पत्र देकर समाज-सेवा के कार्यों को शुरू किया।
- कार्डियक अरेस्ट के बाद महावीर वत्सला हॉस्पिटल में लीअंतिम सांस
पटना। एक्स IPS अफसर आचार्य किशोर कुणाल(74 ) का कार्डियक अरेस्ट की वजह से रविवार सुबह निधन हो गया। कार्डियक अरेस्ट के बाद उन्हें इलाज के लिए महावीर वत्सला हॉस्पिटल ले जाया गया जहां जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आचार्य किशोर कुणाल ने आईपीएस से त्याग-पत्र देकर समाज-सेवा के कार्यों को शुरू किया।
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आचार्य किशोर कुणाल का निधन प्रदेश के लिए बड़ी क्षति है। सीएम नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा, तेजस्वी यादव, लालू यादव, राबड़ी देवी, पप्पू यादव, तेज प्रताप यादव, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार सहित प्रदेश के कई दिग्गज नेताओं ने आचार्य किशोर कुणाल के निधन पर दुख जताया है। वे महावीर मंदिर न्यास के सचिव थे। मुजफ्फरपुर के बरूराज के रहने वाले किशोर कुणाल की पहचान तेज-तर्रार IPS अफसर के रूप में होती थी।
कई संस्थाओं के प्रमुख और न्यासी थे किशोर कुणाल
किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी बरुराज गांव में ही हुई थी। 74 साल के किशोर कुणाल कई संस्थाओं के प्रमुख और न्यासी थे। आईपीएस की नौकरी छोड़ने के बाद आचार्य किशोर कुणाल सामाजिक कार्यों से जुड़ गये। वर्तमान में वो बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष और पटना के चर्चित महावीर मन्दिर न्यास के सचिव थे। आचार्य किशोर कुणाल का अंतिम संसकार सोमवार को हाजीपुर के कौनहारा घाट पर संपन्न होगा।आचार्य आचार्य किशोर कुणाल के निधन की खबर पाकर हॉस्पिटल पहुंचे उनके समधि बिहार के मिनिस्टरअशोक चौधरी फूट-फूट कर रोने लगे। कई मंत्री और विधायक श्रद्धांजलि देने उनके निवास पर पहुंचे हैं। सीएम नीतीश कुमार ने दिल्ली जाने से पूर्व उनके निधन पर शोक संवेदना प्रकट की है.
तिरहुत के भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ था जन्म
किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को एक भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गांव में हुई। फिर उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में इतिहास और संस्कृत का अध्ययन किया। 1970 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। बाद में अपने करियर के मध्य में उन्होंने मास्टर डिग्री के लिए भी अध्ययन किया, जिसे उन्होंने 1983 में प्राप्त किया। उनके शिक्षकों में इतिहासकार आरएस शर्मा और डीएन झा शामिल थे।
1983 में बने थे पटना के एसएसपी
वर्ष 1972 में कुणाल गुजरात कैडर में भारतीय पुलिस सेवा के अफसर बन गये। उनकी पहली पोस्टिंग आनंद में एसपी के रूप में हुई। वर्ष 1978 तक वे अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त बन गये। वर्ष 1983 में अपने मास्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुणाल को पटना में एसएसपी बनाया गया। वर्ष 2001 में कुणाल ने स्वेच्छा से भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। किशोर कुणाल महावीर मंदिर ट्रस्ट पटना के सचिव भी थे। इससे पहले महावीर आरोग्य संस्थान के सचिव थे. जिसमें वे गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवा में सुधार से जुड़े थे। उन्होंने पटना में ज्ञान निकेतन स्कूल की भी स्थापना की।
कुणाल के सचिवत्व में महावीर मंदिर का हुआ था जीर्णोद्धार
किशोर कुणाल पटना के महावीर मंदिर के सचिवत्व में महावीर मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य 30 अक्टूबर 1983 को शुरू हुआ। इसका उद्घाटन चार मार्च 1985 को हुआ। महावीर ट्रस्ट ने बाद में महावीर कैंसर संस्थान की स्थापना की। समिति कंकरबाग में महावीर आरोग्य संस्थान नामक एक अन्य अस्पताल भी चलाती है। इसके परिसर में महावीर नेत्रालय की स्थापना की गयी है, जो आंखों की समस्याओं से पीड़ित लोगों की जरूरतों को पूरा करता है। मंदिर ने पहले ही चार बड़े अस्पताल स्थापित किए हैं। जरूरतमंद लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
मुजफ्फरपुर जिले के बरूराज कोठियां गांव के रहने वाले थे आचार्य किशोर कुणाल
एक्स आईपीएस आचार्य किशोर कुणाल बिहार के रामचंद्र प्रसाद शाही के एकलौते पुत्र किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त, 1950 को हुआ था। तब उनके पिताजी स्वर्गीय रामचंद्र प्रसाद शाही यूपी के देवरिया चीनी मिल में सुपरवाईजर के पदपर कार्यरत थे। किशोर कुणाल बचपन से ही पूरे इलाके में ईमानदार व सच्चाई के मिशाल थे। मैट्रिक के बाद उन्होंने इंटर की पढ़ाई विज्ञान विषय से की। इंटर पास करने के बाद वह पटना चले गए। वहां बीए पार्ट 1 में यूनिवर्सिटी टॉपर बने थे। वह न्यूज पेपर पढ़ने में सर्वाधिक रुचि रखते थे।
एकलौते पुत्र शायन कुणाल, बहु सांभवि चौधरी हैं एमपी
स्नातक की पढ़ाई पूरी होने के कुछ ही दिन बाद न्यूज पेपर के माध्यम से किशोर कुणाल को जानकारी मिली कि यूपीएससी की वेकैंसी आई है, फिर उन्होंने उसमें अप्लाई किया। पहली बार में ही वह यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईपीएस कैडर में चयनित हुए। आईपीएस बनने बाद आचार्य किशोर कुणाल ने समस्त ग्रामीणों के बीच जश्न मनायी थी। इसी दौरान उनकी शादी को लेकर चर्चा तेज हो गई। आईपीएस में चयन होने के कुछ दिनों बाद ही उनकी शादी हो गयी।किशोर कुणाल के एकलौते पुत्र शायन कुणाल हैं। बहु सांभवि चौधरी समस्तीपुर की सांसद हैं।
पहली सैलेरी से बनाया मंदिर
ग्रामीण बताते हैं की हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार उनकी शादी हो रही थी, देवता पूजन के दौरान घर के सामने पोखर किनारे झोपड़ीनुमा मंदिर में वह अपने परिवार के संग प्रवेश किये, निकलते समय सर में चोट लग गयी। सिर से खून निकलता देख उसी समय उनकी दादी स्वर्गीय जयरूपा देवी ने कहा कि मेरे पोते की नौकरी का पहला वेतन जब आयेगा उससे मंदिर बनवायेंगे। शादी के अगले महीने उनके खाते में सैलरी आई, तो सबसे पहले उन्होंने अपने घर के सामने एक मंदिर बनवाया, जिसका नामकरण अपनी दादी के नाम से कराया।
CM ने बताया सामाजिक और प्रशासनिक क्षति
CM नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया में पोस्ट करके आचार्य किशोर कुणाल के निधन पर दुख जताया। उन्होंने लिखा कि ' पूर्व IPS अधिकारी, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के पूर्व अध्यक्ष और महावीर मंदिर न्यास समिति के संस्थापक सचिव आचार्य किशोर कुणाल जी का निधन दुःखद। वे एक कुशल प्रशासक एवं संवेदनशील पदाधिकारी थे। उनके निधन से प्रशासनिक और सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है।'उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने लिखा कि 'महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव, बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष, राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य, पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल जी का हृदयाघात से आकस्मिक निधन हो जाने की दुःखद सूचना प्राप्त हुई है। धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में उनकी कृतियों को हमेशा याद रखा जायेगा।प्रभु श्रीराम दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा उनके शोकाकुल परिजनों एवं शुभचिंतकों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।
ऊ शांति!'
सम्राट चौधरी ने लिखा कि 'पटना महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष, पूर्व IPS अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल जी का हृदयाघात से निधन की खबर अत्यंत ही दुःखद है। किशोर कुणाल जी की धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में महती भूमिका रही है। उनकी विदाई से बिहार को गहरा आघात लगा है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।
तेजस्वी यादव ने असामयिक निधन को बताया दुखद
तेजस्वी यादव ने लिखा कि 'पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष तथा पूर्व IPS आचार्य किशोर कुणाल जी के असामयिक निधन की खबर दुःखद है। आचार्य जी की शैक्षणिक, धार्मिक व सामाजिक क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ओम शांति ओम!'भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने समाजसेवी, महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं पूर्व आइपीएस अधिकारी किशोर कुणाल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। जायसवाल ने कहा किशोर कुणाल ने अपने जीवन को समाज सेवा और धार्मिक उत्थान के लिए समर्पित किया।महावीर मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से उनके द्वारा किए गए कार्य समाज और धर्म के क्षेत्र में मील का पत्थर हैं। उनके नेतृत्व में महावीर मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं रहा, बल्कि सामाजिक और शैक्षणिक कार्यों का एक प्रमुख केंद्र बन गया।कुणाल का निधन न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके आदर्श और कार्य हमेशा प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति और उनके परिजनों को यह अपार दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।
स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि महावीर मंदिर और राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल का निधन राज्य एवं देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। उनके निधन से पूरी तरह स्तब्ध हूं। देश ने एक महान विभूति को खो दिया। वो सामाजिक मूल्यों और कर्तव्यों के प्रति सजग रहने वाले एक ऐसे योद्धा थे, जिसने कभी हार नहीं मानी।मैं उनके किए कार्यों को नमन करता हूं और उनके परिवार के प्रति सच्ची श्रद्धा व्यक्त करता हूं। हुए इस दुख की घड़ी में ईश्वर उनके परिजनों को पीड़ा सहने की असीम शक्ति प्रदान करे यही कामना करता हूं।जीतन राम मांझी आचार्य कुणाल किशोर के साथ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा कि'कुणाल किशोर जी का जाना मेरे लिए कितनी बड़ी क्षति है यह मैं लिखकर बयां नहीं कर सकता।पिछले दिनों जब मैं अयोध्या गया था तो कुणाल साहब ने मुझे अयोध्या से ऐसे रू-बरू करवाया जैसे कोई अयोध्यावासी अपने शहर का इतिहास बता रहा हो। उनकी प्रशासनिक क्षमता और जनसेवा का सबसे बड़ा उदाहरण महावीर कैंसर संस्थान है, जहाँ की आत्मा किशोर कुणाल साहब में बसती थी।वह हमेशा कहते थें “पद आज है चला जायेगा,पैसा है चला जायेगा पर आपके द्वारा किए गए कार्यों को जमाना याद रखेगा।”