एडवोकेट राजीव कुमार को साजिश रचकर फंसाया गया, अमित अग्रवाल और कोलकाता पुलिस की मिलीभगत
झारखंड हाई कोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार को कोलकाता में 50 लाख कैश के साथ अरेस्टिंग के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। ईडी ने मनी लांड्रिंग के मामले में अरेस्ट बिजनसमैन अमित अग्रवाल के कस्टडी रिमांड पेपर में स्पेशल कोर्ट को बताया है कि झारखंड हाई कोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार की गिरफ्तारी एक सोची-समझी आपराधिक साजिश थी।
- अमित अग्रवाल की कंपनियों के जरिये हुई इलिगल से कमाये 1000 करोड़ के बड़े हिस्से की लॉन्ड्रिंग
- पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश ने मेसर्स ऑरोरा स्टूडियो को 5.31 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये
रांची। झारखंड हाई कोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार को कोलकाता में 50 लाख कैश के साथ अरेस्टिंग के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। ईडी ने मनी लांड्रिंग के मामले में अरेस्ट बिजनसमैन अमित अग्रवाल के कस्टडी रिमांड पेपर में स्पेशल कोर्ट को बताया है कि झारखंड हाई कोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार की गिरफ्तारी एक सोची-समझी आपराधिक साजिश थी।
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ईडी ने कोर्ट में बताया है कि एडवोकेट को एक साजिश के तहत 50 लाख रुपये के साथ फंसाया गया था। इसमें कोलकाता पुलिस ने बिजनसमैन अमित अग्रवाल की नियम विरुद्ध जाकर मदद की थी। एडवोकेट राजीव कुमार झारखंड हाई कोर्ट में दो महत्वपूर्ण पीआइएल के पैरवीकार थे। दोनों पीआइएल एक इलिगल तरीके से माइनिंग लीज देने के मामले में मुकदमा चलाने व दूसरा शेल कंपनियों के माध्यम से मनी लांड्रिंग करने से संबंधित था। फिलहाल, दोनों मामले ईडी के पास इन्विस्टीगेशन के अधीन हैं।
अमित अग्रवाल की कंपनियों के जरिये हुई इलिगल से कमाये 1000 करोड़ के बड़े हिस्से की लॉन्ड्रिंग
संताल परगना में इलिगल माइनिंग से हुई लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने बड़ा खुलासा किया है। ईडी ने कहा है कि इलिगल माइनिंग से कमाये गये 1000 करोड़ रुपये के एक बड़े हिस्से की बिजनसमैन अमित अग्रवाल की कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग की गई। अमित अग्रवाल ने झारखंड हाईकोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार को घूस देकर देकर उन्हें फंसाना जांच को बाधित करने का प्रयास था. ताकि इलिगल माइनिंग से जुटायी गयी आय सामने न आये। ईडी ने अपनी चार्जशीट में यह भी दावा किया है कि पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश ने मेसर्स ऑरोरा स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को 5.31 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये थे।
ईडी ने अमित अग्रवाल पर राजीव कुमार को फंसाने का आरोप लगाया
ईडी ने कहा है कि बिजनसमैनअमित अग्रवाल का कोलकाता पुलिस के साथ अच्छा संबंध और निकटता है। इसक इस्तेमाल उन्होंने अपने लाभ और जांच को भटकाने के लिए किया। एडवोकेट राजीव कुमार ने उनसे संपर्क नहीं किया था। अमित अग्रवाल ने ही फर्जी तरीके से सोनू अग्रवाल के जरिए राजीव कुमार से संपर्क किया। सोनू अग्रवाल टेरर फंडिंग का आरोपी है, जिसकी जांच एनआईए कर रही है।
अमित अग्रवाल ने कोलकाता पुलिस की मदद से क्वेस्ट मॉल में जाल बिछाया
कोलकाता के हरे स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में राजीव कुमार, शिव शंकर शर्मा और अन्य के खिलाफ पीसी एक्सट 2018 की धारा 7 ए और धारा 120 बी और आईपीसी की धारा 384 के तहत एफआइआर दर्ज की गई थी। इसमें कंपलेनेंट अमित अग्रवाल ने कहा था कि राजीव कुमार ने जस्केटिस अलावा सरकार और कोर्ट और अफसरों के नाम पर 10 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। ईडी ने दावा किया है कि अमित अग्रवाल ने कोलकाता पुलिस की मदद से क्वेस्ट मॉल में जाल बिछाया। राजीव कुमार को 31 जुलाई को 50 लाख कैश लेते हुए रंगे हाथों पकड़वा दिया। बाद में ईडी ने इस मामले की जांच का जिम्मा लिया। इस मामले में ईडी के रांची जोनल ऑफिस में एक ईसीआईआर दर्ज किया गया।
अमित अग्रवाल ने झूठ बोला था कि राजीव कुमार ने घूस मांगी
ईडी ने कहा कि अमित अग्रवाल ने ही सोनू अग्रवाल के जरिए राजीव कुमार से संपर्क किया था। लेकिन अमित अग्रवाल ने कोलकाता पुलिस से की गयी अपनी कंपलेन में झूठकहा कि राजीव कुमार ने रिश्वत के बदले जनहित याचिका को खत्म करने के लिए उनसे संपर्क किया था। ईडी के अनुसार, अमित अग्रवाल ने कोलकाता पुलिस के परिचित पुलिस अधिकारियों की मदद से राजीव कुमार को फंसाया. इसलिए रिश्वत का यह मामला और कुछ नहीं बल्कि जनहित याचिका (4290/2021) में सरकारी एजेंसियों को संकट में डालने और कानूनी लाभ हासिल करने से प्रेरित है। जांच के अनुसार, किसी गवर्नमेंट व कोर्ट के अफसर या एजेंसी ने अमित अग्रवाल से संपर्क नहीं किया। न ही राजीव कुमार ने किसी सरकारी अधिकारी के नाम का उल्लेख किया है।अमित अग्रवाल ने अपनी शिकायत में बेबुनियाद आरोप लगाया कि राजीव कुमार ने उन्हें रुपये लेकर राहत दिलाने की बात कही थी। अमित अग्रवाल ने अपनी शिकायत में यह भी झूठ कहा कि राजीव कुमार ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनके बड़े संपर्क हैं और वे सरकारी एजेंसियों को चुप रखेंगे. अन्यथा उनका व्यवसाय बर्बाद कर देंगे।
राजीव कुमार की तरह अमित अग्रवाल भी समान दोषी
ईडी ने कहा है कि आरोपी राजीव कुमार ही नहीं बल्कि अमित अग्रवाल भी उतने ही दोषी हैं। अमित अग्रवाल ने स्वेच्छा से रिश्वत दी, जिसे राजीव कुमार ने स्वीकार किया। राजीव कुमार काे अरेस्ट करा अमित अग्रवाल लाभ पाने के लिए एक बड़े साजिश के तहत काम कर रहे थे। राजीव कुमार की गिरफ्तारी के पीछे अमित अग्रवाल ही मुख्य साजिशकर्ता हैं। याचिकाकर्ता और जनहित याचिका के वकील को फंसाने के लिए कपटपूर्ण तरीके से यह कारनामा किया गया था। अमित अग्रवाल भी मनी लॉन्ड्रिंग क्राइम लिए राजीव कुमार के साथ ही समान रूप से दोषी हैं।
कोलकाता में 31 जुलाई को हुई थी राजीव कुमार की अरेस्टिंग
एडवोकेट राजीव कुमार की गिरफ्तारी 31 जुलाई को कोलकाता के एक माल में 50 लाख रुपये के साथ हुई थी। तब अमित अग्रवाल ने कोलकाता के हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआइआर में बताया था कि इन दोनों पीआइएल में से एक शेल कंपनियों से संबंधित मामले में राहत दिलाने के लिए 10 करोड़ रुपये की मांग की थी। सौदा एक करोड़ रुपये में तय हुआ था। पहली किश्त के रूप में 50 लाख रुपये लेने के लिए वे कोलकाता पहुंचे थे कि अमित अग्रवाल ने कोलकाता पुलिस के साथ मिलकर उन्हें अरेस्ट करवा दिया था। उसके बाद से ही राजीव कुमार ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं। पहले कोलकाता के अलीपुर जेल में वर्तमान में वे रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद हैं।
PIL को बाधित करना था मुख्य उद्देश्य
ईडी ने अमित अग्रवाल के रिमांड पेपर में स्पेशल कोर्ट को बताया है कि शिव शंकर शर्मा नामक व्यक्ति ने झारखंड हाई कोर्ट में पीआइएल दाखिल कर जानकारी दी थी कि संताल के क्षेत्र में इलिगल स्टोन माइनिंग से करोड़ों काले धन की मनी लांड्रिंग की गई थी। इसके पैरोकार एडवोकेट राजीव कुमार थे। पीआइएल में यह आरोप है कि इलिगल माइनिंग से आने वाले ब्लैक मनी की लांड्रिंग शेल कंपनियों के माध्यम से की गई थी। पीआइएल में अमित अग्रवाल पर शेल कंपनियों का संचालन करने व इलिगल माइनिंग के ब्लैक मनी को व्हाइट बनाने का आरोप लगाया था। ईडी ने भी अब तक के इन्विस्टीगेशन में पाया है कि संताल के क्षेत्रों में 1000 करोड़ रुपये का इलिगल हुआ है। ईडी ने रिमांड पेपर में इसका उल्लेख करते हुए लिखा है कि उक्त पीआइएल को बाधित करने के लिए ही एडवोकेट को अरेस्ट करवाने की साजिश रची गई।
एडवोकेट को फंसाने के लिए बैंक से अमित अग्रवाल ने निकाले थे 60 लाख रुपये
ईडी ने रिमांड पेपर में बताया है कि अमित अग्रवाल ने एडवोकेट राजीव कुमार फंसाने के लिए अपने बैंक अकाउंट से 60 लाख रुपये की निकासी की थी। इसमें से 50 लाख रुपये उसने एडवोकेट को देकर उन्हें पुलिस से पकड़वाया। ईडी ने आगे यह भी बताया है कि कोलकाता पुलिस ने भी अमित अग्रवाल को एडवोकेट की गिरफ्तारी में पूरी मदद की। कोलकाता पुलिस ने अमित अग्रवाल की शिकायत का पूरी तरह सत्यापन भी नहीं किया। भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की सेक्शन में एफआइआर भी दर्ज कर ली।