बिहार नगरपालिका अधिनियम में संशोधन, 14 जिला जज को अनिवार्य सेवानिवृत्ति
बिहार के शहरी निकायों में इसी वर्ष होने वाले मेयर और डिप्टी मेयर के साथ मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद के चुनाव सीधे जनता के वोट से होंगे। प्रदेश सरकार ने बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 में संशोधन के प्रारूप

- नीतीश कैबिनेट की बैठक में 21 प्रोपोजल को मंजूरी
पटना। बिहार के शहरी निकायों में इसी वर्ष होने वाले मेयर और डिप्टी मेयर के साथ मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद के चुनाव सीधे जनता के वोट से होंगे। प्रदेश सरकार ने बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 में संशोधन के प्रारूप को मंजूरी दी दी है। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक कुल 21 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
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19 नगर निगम सहित 263 शहरी निकायों में लागू होगा
कैबिनेट में प्रत्यक्ष चुनाव के विधेयक प्रारूप को मंजूरी दी गई है। दोनों सदनों में अब इस विधेयक को पेश किया जायेगा।सदन से पारित होने के बाद इसे नगरपालिका संशोधन विधेयक, 2022 कहा जायेगा। बिहार नगरपालिका कानून में 15 वर्षों बाद संशोधन हुआ है। इस प्रभाव राज्य के 19 नगर निगमों के साथ 263 नगर निकायों पर पड़ेगा। इस साल अप्रैल-मई में शहरी निकायों में चुनाव संभावित हैं। अभी तक नगर निगम में मेयर व डिप्टी मेयर, जबकि नगर परिषद और नगर पंचायतों में मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता था।
मौत व इस्तीफे पर फिर से होगा चुनाव
जनता के प्रत्यक्ष वोट से चुने जाने वाले मेयर-डिप्टी मेयर गोपनीयता की शपथ लेंगे।कार्यभार ग्रहण करेंगे। अगर किसी मेयर-डिप्टी मेयर या मुख्य पार्षद-उप मुख्य पार्षद की कार्य के दौरान मृत्यु होती है या वे इस्तीफा देते हैं या उन्हें डिसमिस किये जाने से पद रिक्त होता है तो ऐसी स्थिति में फिर से चुनाव कराया जायेगा। इसके बाद निर्वाचित मेयर और डिप्टी मेयर बचे हुए कार्यकाल तक ही पद धारण करेंगे।
सरकार को सौपेंगे इस्तीफा, सात दिनों में होगा प्रभावी
नये संशोधन के अनुसार मेयर और डिप्टी मेयर, राज्य सरकार को संबोधित करते हुए स्वलिखित आवेदन देकर त्यागपत्र दे सकते हैं। ऐसा त्यागपत्र वापस न लिए जाने पर सात दिनों के बाद प्रभावी हो जायेगा। संशोधित प्रारूप में व्यवस्था की गई है कि सरकार को धारा 44 के अधीन लोकप्रहरी की नियुक्ति करनी होगी। लोकप्रहरी की अनुशंसा के आधार पर ही सरकार मेयर-डिप्टी मेयर या मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद को हटा सकेगी।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश वे कई राज्यों में पहले से व्यवस्था
वर्तमान में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड में भी मेयर-डिप्टी मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होता है। दक्षिण भारत के भी कुछ राज्यों की जनता सीधे महापौर और उप महापौर चुनती है।
14 जिला जजों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति
कैबिनेट ने स्टेट में जिला जज और समकक्ष पदों पर कार्यरत 14 अफसरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दिया है। इन जजों पर कई माह पहले से कार्रवाई चल रही थी। हाई कोर्ट की अनुशंसा के बाद मंत्रिमंडल ने मंगलवार को इन जजों को पदमुक्त करने का प्रस्ताव स्वीकृत कर दिया। राज्य सरकार ने सड़क एवं पुल निर्माण, बाजार समिति के आधुनिकीकरण जैसे कई प्रस्तावों पर मंत्रिमंडल ने स्वीकृति की मुहर लगाई।
12 बाजार प्रांगणों के आधुनिकीकरण 748 करोड़ होंगे खर्च
कैबिनेट ने कृषि विभाग के प्रस्ताव पर 12 जिलों में कृषि प्रांगण के आधुनिकीकरण का प्रस्ताव मंजूर किया है। इस परियोजना पर कुल 7,48,46,30,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बाजार प्रांगणों का आधुनिकीकरण तीन वर्षों में किया जायेगा। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए नाबार्ड से 93 प्रतिशत ऋण लिया जायेगा। इस प्रोजेक्ट में कृषि उत्पादन बाजार समिति गुलाबबाग, पूर्णिया, मुसल्लहपुर हाट पटना, आरा, हाजीपुर, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मोतिहारी, गया, बेतिया, दाउदनगर, और कृषि उत्पादन बाजार समिति मोहनिया को शामिल किया गया है।
10 जिलों में पुल और 18 जिलों में बनेगी नई सड़क
बिहार के 10 जिलों में नए पुल और 18 जिलों में नई सड़क बनेगी। इस कार्य पर कुल 1302 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। खर्च होने वाली राशि के लिए नाबार्ड 653 करोड़ रुपये का ऋण सरकार को देगा।
जिन 10 जिलों में पुल का निर्माण होना है वे हैं : सारण, गोपालगंज, भोजपुर, जहानाबाद, पटना, सिवान, दरभंगा, कटिहार, गया और मधुबनी। इन योजनाओं को पूरा करने में लगभग 103.42 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। जिसमें से 71.33 करोड़ रुपये का ऋण नाबार्ड देगा। शेष राशि राज्य सरकार खर्च करेगी।
18 जिलों में 259.43 किमी सड़कों का निर्माण
कैबिनेट की बैठक में जिन सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृत किया है उनकी कुल लंबाई 259.43 किमी होगी और यह सड़कें 18 जिलों में अवस्थित होगी। सूत्रों के अनुसार आरा, पटना, शेखपुरा, मधुबनी, झंझारपुर, बेगूसराय, समस्तीपुर, दरभंगा में हवाई अड्डा से बहेड़ी पथ तक सड़क के साथ गोपालगंज, सीतामढ़ी, किशनगंज, कटिहार, बेतिया, मोतिहारी, सहरसा, खगडिय़ा, पूर्णिया, अररिया में सड़कें बनेगी। जिन पर कुल 718.69 करोड़ की लागत आएगी और नाबार्ड इस कार्य के लिए 575.06 करोड़ का ऋण देगा।
संबद्ध डिग्री कालेजों के लिए 684 करोड़ रुपये की मदद को मंजूरी
बिहार के संबद्ध डिग्री कालेजों को चार स्नातक शैक्षणिक सत्र के रिजल्ट पर आधारित यानी पिछले चार साल का बकाया अनुदान भुगतान जल्द मिलेगा। शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर लोक वित्त समिति ने 684 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी थी। कैबिनेट की बैठक में भी शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को स्वीकृत कर दिया गया।
अनुदान राशि का खर्च नियमावली के अनुसार
अनुदान राशि कालेजों को इस शर्त के साथ दी जाती है कि उसका भुगतान विधिवत नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों को किया जोगा। इसके लिए प्रावधान है। इस व्यवस्था के तहत स्नातक सत्र 2011-2014 से लेकर सत्र 2014-17 तक के लिए 684 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शिक्षा विभाग ने लोक वित्त समिति को भेजा था, जहां से प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई है। संबद्ध डिग्री कालेजों को उसके छात्र-छात्राओं के श्रेणीवार स्नातक रिजल्ट के आधार पर अनुदान देने की व्यवस्था है। यह व्यवस्था विश्वविद्यालयों के स्नातक शैक्षणिक सत्र वर्ष 2005-2008 से लागू है। इसके तहत किसी छात्रा के प्रथम श्रेणी से पास होने पर 8700 रुपये, द्वितीय श्रेणी से पास होने पर 8200 रुपये और तृतीय श्रेणी से पास होने पर 7700 रुपये की अनुदान राशि तय है। बकाया अनुदान की राशि तीनों वर्षों की है, इसलिए अनुदान की राशि भी तीन गुणा है। इसी प्रकार किसी छात्र के प्रथम श्रेणी से पास होने पर 8500 रुपये, द्वितीय श्रेणी से पास होने पर 8000 रुपये और तृतीय श्रेणी से पास होने पर 7500 रुपये की अनुदान राशि तय है।
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