आरिफ मोहम्मद खान होंगे बिहार के नये गवर्नर, ओडिशा के गवर्नर पद से रघुबर दास का इस्तीफा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार देर शाम को तीन स्टेट में नये गवर्नरों की नियुक्ति किए हैं। बिहार और केरल के गवर्नरों की अदल-बदली की गयी है। केरल के मौजूदा गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का और बिहार के मौजूदा गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को केरल भेजा गया है।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार देर शाम को तीन स्टेट में नये गवर्नरों की नियुक्ति किए हैं। बिहार और केरल के गवर्नरों की अदल-बदली की गयी है। केरल के मौजूदा गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का और बिहार के मौजूदा गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को केरल भेजा गया है।
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अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 24, 2024
मिजोरम के राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति को ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त किया गया। विजय कुमार सिंह को मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया। बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया। केरल… pic.twitter.com/XbzxVmL52M
एक्स होम मिनिस्टर अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का गवर्नर और पूर्व सेना प्रमुख वी के सिंह को मिजोरम का नया गवर्नर बनाया गया है। डॉ. हरि बाबू कंभमपति को ओडिशा का गवर्नर नियुक्त किया गया है। सरकारी बयान में बताया गया कि राष्ट्रपति ने ओडिशा के गवर्नर पद से रघुबर दास का इस्तीफा मंजूर कर लिया। मिजोरम के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति को दास के स्थान पर ओडिशा का नया गवर्नर नियुक्त किया गया है। ये नियुक्तियां उस तारीख से प्रभावी होंगी, जिस दिन वे अपने-अपने कार्यालयों का कार्यभार संभालेंगे।
आरिफ मोहम्मद खान को उनके बेबाक बयान के लिए जाना जाता है। पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं। इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें चुनाव मैदान में नहीं उतारा था। वह पहली बार गाजियाबाद से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। अजय कुमार भल्ला ने गृह सचिव के रूप में भी कार्य किया है। भल्ला कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। उन्हें प्रशासनिक सुधारों में योगदान और दक्षता के लिए पहचाना जाता है। उनके अनुभव के कारण उन्हें कई बार सेवा विस्तार भी दिया जा चुका है।
जानें बिहार के नये गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान
आरिफ मोहम्मद खान का जन्म 18 नवंबर 1951 को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुआ था। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बी.ए. (ऑनर्स) (1972-73) और लखनऊ विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश से एलएलबी (1977) की डिग्री प्राप्त की।आरिफ मोहम्मद खान ने अपना राजनीतिक जीवन एक छात्र नेता के रूप में शुरू किया और 1972-73 के दौरान महासचिव और 1973-74 के दौरान अध्यक्ष के रूप में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ का नेतृत्व किया। वह 1977 में 26 साल की उम्र में सियाना निर्वाचन क्षेत्र, बुलंदशहर से उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य बने।
1980 में कानपुर से सातवीं लोकसभा के लिए चुने गये
अरिफ मोहम्मद खान 1980 में कानपुर से सातवीं लोकसभा के लिए चुने गये। वह 8वीं, 9वीं और 12वीं लोकसभा के दौरान फिर से बहराईच निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में चुने गये। वह चार बार लोकसभा सांसद (1980,1984,1989,1998) और एक बार उत्तर प्रदेश विधानसभा सदस्य (1977) दो बार केन्द्रीय मन्त्री (राज्यमंत्री 1984-1986 तथा कैबिनेट मंत्री 1989-1991) भारत सरकार रह चुके हैं।केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में आरिफ मोहम्मद खान ने 1989-90 के दौरान ऊर्जा और नागरिक उड्डयन मंत्रालय संभाला। वहीं, आरिफ मोहम्मद खान ने छग सितंबर 2019 को केरल के 22वें राज्यपाल के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उन्हें अब केरल से बिहार भेज दिया गया है।
आरिफ मोहम्मद खान को मिली है Z+ सिक्योरिटी
सेंट्रल होम मिनिस्टरी ने पिछले वर्ष आरिफ मोहम्मद खान की सुरक्षा बढ़ा दी है। उनकी सुरक्षा की कैटेगरी बढ़ाकर ‘जेड प्लस’ कर दी गयी है। उन्हें यह सुरक्षा स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से मिल रही धमकियों के बाद दिया गया था। देश में Z+ सिक्योरिटी अव्वल मानी जाती है. यह सुरक्षा की सर्वोच्च श्रेणी है. Z+ सिक्योरिटी के तहत 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो और पुलिसकर्मी समेत 55 ट्रेंड जवान मिलते हैं। जिस किसी को यह सिक्योरिटी मिलती है, ये सभी कमांडो 24 घंटे उस व्यक्ति के चारों ओर पैनी नजर रखते हैं। सुरक्षा में तैनात हर कमांडो मार्शल आर्ट का स्पेशलिस्ट होता है। ये आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं।