लखीमपुर खीरी हिंसा मामला : केंद्रीय गृह राज्यमंत्री का पुत्र आशीष मिश्रा को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर
लखीमपुर खीरी में हिंसा में चार किसान सहित आठ लोगों की मृत्यु के मुख्य आरोपित केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मोनू को सीजेएम कोर्ट ने तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। पुलिस शनिवार देर रात अरेस्ट के बाद जेल भेजे गये आशीष मिश्र मोनू की पुलिस14 दिन की कस्टडी मांगी थी।
लखनऊ। लखीमपुर खीरी में हिंसा में चार किसान सहित आठ लोगों की मृत्यु के मुख्य आरोपित केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मोनू को सीजेएम कोर्ट ने तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। पुलिस शनिवार देर रात अरेस्ट के बाद जेल भेजे गये आशीष मिश्र मोनू की पुलिस14 दिन की कस्टडी मांगी थी।
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अब अगले तीन दिनों तक एसआईटी आशीष से और अधिक पूछताछ कर सकेगी। लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू पर पुलिस का शिकंजा काफी कस गया है। अब पुलिस उससे हिंसा में आठ लोगों की मृत्यु के मामले में पूछताछ भी करेगी। लखीमपुर खीरी कांड में सीजेएम कोर्ट ने शाम को करीब 4:15 बजे केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्र मोनू को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर ले जाने की इजाजत दी है। आशीष मिश्रा 12 से 15 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर रहेगा।
लखीमपुर कांड के मुख्य आरोपी गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को अदालत ने तीन दिन की एसआईटी की रिमांड मंजूर कर ली है। वीडियो कांफ्रेंसिंग से सोमवार की सुबह आशीष की पेशी के बाद सुनवाई शुरू हुई। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने आशीष को रिमांड पर देने का फैसला सुनाया। एसआईटी ने आशीष की 14 दिन की रिमांड मांगी थी। तीन दिन की रिमांड 12 अक्टूबर से शुरू होगी। अदालत ने रिमांड मंजूर करते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं।
आशीष के एडवोकेट अवधेश सिंह ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने उसके मुवक्किल से पूछताछ के लिये 14 दिन की रिमांड की अपील की थी जबकि अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने आशीष को तीन दिन की सशर्त रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। कोर्ट के अनुसार पुलिस को रिमांड में लेने से पहले आशीष का मेडिकल कराना होगा, उसके साथ मारपीट नहीं की जायेगी। उसके वकीलों को मिलने की छूट रहेगी।अभियोजन ने कहा कि शनिवार 12 घंटे की पूछताछ के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला। आरोपी से कई सवाल पूछे गए, इसमें सिर्फ 40 सवालों के जवाब दिये। अभियोजन ने रिमांड के लिए तर्क दिया कि अभियुक्त का गवाहों से आमना-सामना कराने, बरामदगी और षड्यंत्र की पड़ताल के लिए चाहिए उनको रिमांड चाहिए। रिमांड का विरोध करते हुए आशीष के वकील ने कहा कि शानिवार को 12 घंटे में 40 से ज्यादा सवालों के जवाब वह दे चुके हैं। ऐसे में अब रिमांड की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि एसआईटी थर्ड डिग्री का इस्तेमाल कर आशीष से जुर्म कबूल करवाना चाहती है। घटना के दिन आशीष के दंगल में मौजूद रहने से संबंधित कुछ फोटो भी कोर्ट को दिखाए। वकील ने कहा कि एसआईटी जेल में जाकर भी पूछताछ कर सकती है।
उल्लेखनीय है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर में हुई घटना में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। एसआईटी का मानना है कि जिस थार जीप से किसानों को कुचला गया था वह आशीष मिश्रा ही चला रहे थे। मामले ने राजनीतिक रंग भी लिया। आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए समन भेजकर बुलाया गया। पुलिस शनिवार की देर रात गिरफ्तार किया गया था। एसआईटी में शामिल डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने पूछताछ के बाद बताया था कि वे (आशीष मिश्रा) सहयोग नहीं कर रहे। अब एसआईटी आशीष को रिमांड पर लेकर पूछताछ करना चाहती है। एसआईटी ने आशीष मिश्रा का मोबाइल कब्जे में ले लिया है। मोबाइल की भी जांच कराई जा रही है।