Atique Ahamad- Asraf Case: चालीसवां पर फूल-चिराग व चादर को तरस गयी अतीक-अशरफ की कब्र
त्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुलिस कस्टडी में मारे गये माफिया अतीक अहमद और अतीक अहमद और उसके छोटे भाई एक्स एमएलए खालिद अजीम उर्फ अशरफ के चालीसवां पर रात तक कोई रिश्तेदार कब्र पर फूल चढ़ाने नहीं आया। कब्र पर किसी ने चिराग भी नहीं जलाया।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुलिस कस्टडी में मारे गये माफिया अतीक अहमद और अतीक अहमद और उसके छोटे भाई एक्स एमएलए खालिद अजीम उर्फ अशरफ के चालीसवां पर रात तक कोई रिश्तेदार कब्र पर फूल चढ़ाने नहीं आया। कब्र पर किसी ने चिराग भी नहीं जलाया।
यह भी पढे़ं:Swami Swaroopanand Saraswati passed away: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का निधन
पुलिस और खुफिया विभाग के लोग सादे लिवास में सक्रिय रहे
पुलिस को आशंका थी अतीक व अशरफ की फरार वाइफ शाइस्ता परवीन और जैनब फातिमा इस अवसर पर चकिया पहुंच सकती हैं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पुलिस और खुफिया विभाग के लोग सादे लिवास में सक्रिय रहे। देर रात हो गई लेकिन कोई रिश्तेदार व कोई करीबी भी अतीक-अशरफ के कब्र पर नहीं पहुंचा। इस्लाम धर्म में किसी की मौत के बाद चालीसवां कर्म किया जाता है, इसमें कब्र पर चिराग जलाकर फूल और चादर चढ़ाने के बाद फातिहा पढ़ा जाता है। घर पर गरीबों को भोजन कराया जाता है। माफिया अतीक अहमद और अशरफ का चालीसवां गुरुवार को था।
रात तक कोई भी रिश्तेदार कब्रिस्तान नहीं आया
इस अवसर पर दोनों की फरार बीवियों तथा करीबी रिश्तेदारों के कसारी मसारी कब्रिस्तान पहुंचने की संभावना के मद्देनजर पुलिस भी अलर्ट थी। इलाके में सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों को सक्रिय किया गया था, जिस चकिया को अतीक को गढ़ कहा जाता रहा है, उसके चालीसवां पर कोई व्यक्ति कब्र पर एक फूल डालने नहीं पहुंचा। सुबह से रात हो गई लेकिन शाइस्ता और जैनब सहित कोई भी करीबी कब्रिस्तान नहीं पहुंचा। अतीक के ससुराल वालों समेत सभी रिश्तेदार पुलिस के डर से भागे हुए हैं। अतीक के करीबियों में शामिल चार बार पार्षद रहे आजम ने बताया कि रात तक कोई भी रिश्तेदार कब्रिस्तान नहीं आया।
पुलिस कस्टडी में गोली मारकर कर दी गयी माफिया अतीक अहमद और अशरफ की मर्डर
उमेश पाल मर्डर केस के नेम्ड आरोपित अतीक अहमद और अतीक अहमद और उसके छोटे भाई एक्स एमएलए खालिद अजीम उर्फ अशरफ को धूमनगंज पुलिस ने कस्टडी रिमांड पर लिया था। दोनों मेडिकल टेस्ट के लिए 15 अप्रैल की रात 10.30 बजे कॉल्विन हॉस्पिटल लाया गया था। पुलिस कस्टडी में माफिया ब्रदर्स कॉल्विन हॉस्पिटल के बाहर पत्रकारों से बात कर रहे थे। एक पत्रकार ने पूछा- आज जनाजे में आप लोग नहीं गये। उस बारे में कुछ कहना है? इस पर अतीक बोला- नहीं ले गए तो नहीं गये। इसी समय अशरफ ने बोलना शुरू किया- 'मेन बात ये है कि गुड्डु मुस्लिम...' इसी बीच एक युवक पीछे से आता है और तुर्किये मेड जिगाना पिस्टल से अतीक की कनपटी पर फायर कर देता है। अगले एक सेकेंड से भी कम समय में दो और फायर होते हैं, जो अशरफ की पसलियों में धंस जाते हैं। मौके पर ही अतीक व अशरफ की मौत हो गयी। अफरा-तफरी के बीच सभी मीडियाकर्मी और पुलिसकर्मी पीछे हट जाते हैं। इसके बाद तीन हमलावर अगले 16 सेकेंड में 18 राउंड फायर करते हैं। फिर हाथ उठाकर धार्मिक नारे लगाते हुए तीनों हमलावरों लवलेश तिवारी (बांदा), मोहित उर्फ सनी (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज) सरेंडर कर दिये। पुलिस आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त तुर्किये मेड जिगाना पिस्टल को बरामद ली।