बिहार: नालंदा जहरीली शराब कांड में अब तक 11 की मौत, थानाध्यक्ष सस्पेंड, बीजेपी ने शराबंदी पर कसा तंज
बिहार के नालंदा कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। हालांकि, मौत की सही वजह का पता पोस्टमार्ट रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा। मरने वालों में से ज्यादातर लोगों के परिजनों ने दावा किया है कि ये सभी मौतें शराब पीने के कारण ही हुई हैं।
- आइजी के निर्देशन हो रही है मामले की जांच
पटना। बिहार के नालंदा कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। हालांकि, मौत की सही वजह का पता पोस्टमार्ट रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा। मरने वालों में से ज्यादातर लोगों के परिजनों ने दावा किया है कि ये सभी मौतें शराब पीने के कारण ही हुई हैं।
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वहीं नालंदा जिले के प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने पूरे घटनाक्रम को दुखद बताया है। उन्होंने कहा है कि शराब के अवैध धंधे में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश जिला प्रशासन को दिया है। उन्होंने कहा कि यह घटना बताती है कि शराबबंदी कितनी अधिक जरूरी है। उन्होंने पूर्वाग्रह छोड़कर शराब के खिलाफ लोगों को जागरूक करने की अपील भी की है।वर्धमान महावीर मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान शनिवार को शंकर उर्फ कालिया की मौत हो गई। वहीं जगदीश प्रसाद के पुत्र प्रह्लाद कुमार की भी मौत होने की खबर है। सिंटू कुमार नाम के एक शख्स की भी मौत हो गई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि कई लोग पुलिस के डर से अस्पताल जाने की बजाय घर में ही इलाज करा रहे हैं। ऐसी स्थिति में मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है।
नालंदा के सोहसराय की घटना
नालंदा जिले के सोहसराय पुलिस स्टेशन एरिया के छोटी पहाड़ी में शनिवार को ही आठ लोगों के दम तोड़ने की बात सामने आई थी। प्रशासन ने भी शनिवार को आठ मौतों को संदिग्ध मानते हुए सभी बॉडी का पोस्टमार्टम कराया था। हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने शनिवार को ही बयान जारी कर दावा किया था कि इस घटनाक्रम में 10 लोगों की जान गई है। उन्होंने प्रशासन पर मामले की लिपापोती करने और स्थानीय ग्रामीणों को डराने का आरोप लगाया था।
आइजी कर रहे हैं मामले की जांच
नालंदा में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से हुई मौत के मामले की जांच आइजी के निर्देशन हो रही है। पुलिस हेडक्वार्टर के साथ ही गृह विभाग और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग भी मामले की नगरानी कर रहा है। पुलिस अभी इन मौतों को संदिग्ध मान रही है। बताया जाता है कि नालंदा में लोगों की संदेहास्पद मौत की जांच पटना आइजी राकेश राठी के नेतृत्व में हो रही है। अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जीएस गंगवार ने बताया कि पटना के आइजी शनिवार को ही घटनास्थल पर पहुंच गये थे।
अब तक आठ बॉडी का कराया गया पोस्टमार्टम
पटना के आइजी के नेतृत्व में जांच के साथ इलाके में शराब के खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है। अभी तक आठ का पोस्टमार्टम कराया गया है। रिपोर्ट के आधार पर ही आगे निष्कर्ष पर पहुंचते हुए कार्रवाई की जायेगी। रिपोर्ट से यह बात स्पष्ट हो सकेगी कि क्या वाकई में मरने वालों ने अल्कोहल का सेवन किया था। पुलिस ने आसपास के इलाकों में रेड भी की है। चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मकर संक्रांति पर सुबह से ही लगा था पीने वालों का तांता
नालंदा जिले का छोटी पहाड़ी मोहल्ला शनिवार से अब तक एक-एक कर 11 लोगों की जान चली गयी। सुबह से ही मोहल्ले में चीख-पुकार मची रही। किसी ने जवान बेटा खोया तो किसी ने पिता। जानलेवा शराब ने कई घरों का चिराग बुझा दिया। सभी मृतक मजदूर या फिर किसान परिवारों के थे। कई रिश्तेदार तो बदनामी के डर से अपने आंसू छिपाते रहे।मन्ना मिस्त्री बरबीघा में बड़े वाहनों की बॉडी बनाने का काम करते थे। कभी-कभी घर आ जाते थे। शनिवार को भी दही-चूड़ा खाने के लिए घर आये थे। किसे पता था कि वह आखिरी बार घर आये थे। उनकी चार पुत्रियां व दो पुत्र हैं। घर के कमाऊ मुखिया की मौत से बच्चे सदमे में हैं। धर्मेन्द्र बाइक मिस्त्री का काम करते हैं। उनके चार पुत्र व एक पुत्री है। इसी तरह, भागो मिस्त्री भी अपने घर के मुखिया थे। उनके तीन पुत्र हैं। बहु व परिवार के अन्य सदस्यों का कहना था कि शराब ने ही उनकी जान ले ली। सुनील दिव्यांग था। वह दो भाइयों में बड़ा था। उसकी मां पुनिया देवी का कहना था कि शुक्रवार को उसने आलू खाया था और शराब पी थी। शराब ने ही उसकी जान ले ली। सुनील की अभी शादी भी नहीं हुई है। अर्जुन पंडित मजदूरी का काम करते थे। उनका एक बेटा दिव्यांग है। जयपाल भी अपने घर के कमाऊ सदस्य थे। इन सब परिवारों के उपर आफत टूट पड़ा है।
शराबबंदी पर बीजेपी ने पूछा- जेडीयू बताये, शराब से मरे 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जायेगा?
बीजेपी प्रदेश अध्यक्षा संजय जायसवाल सवाल करते हुए पूछा है कि जदयू बताए, क्या नालंदा में शराब से मरे 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा? संजय जायसवाल ने कहा है कि नालंदा जिले में जहरीली शराब से 11 मौतें हो चुकी हैं। परसों मुझसे जहरीली शराब पर जदयू प्रवक्ता ने प्रश्न पूछा था। आज मेरा प्रश्न उस दल से है कि क्या इन 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा? क्योंकि अगर कोई जाकर उनके यहां जाकर सांत्वना देता तो आपके लिए अपराध है। अगर शराबबंदी लागू करना है तो सबसे पहले नालंदा प्रशासन द्वारा गलत बयान देने वाले उस बड़े अफसर की गिरफ्तारी होनी चाहिए, क्योंकि प्रशासन का काम जिला चलाना होता है ना कि जहरीली शराब से मृत व्यक्तियों को अजीबोगरीब बीमारी से मरने का कारण बताना। यह साफ बताता है कि प्रशासन स्वयं शराब माफिया से मिला हुआ है और उनकी करतूतों को छुपाने का काम कर रहा है।
बीजेपी ने आगे कहा कि दूसरे अपराधी वहां के पुलिस वाले हैं, जिन्होंने अपने इलाके में शराब की खुलेआम बिक्री होने दी। 10 वर्ष का कारावास इन पुलिस कर्मियों को होना चाहिए, ना कि इन्हें 2 महीने के लिए सस्पेंड करके नया थाना देना जहां वह यह सब काम चालू रख सकें। तीसरा सबसे बड़ा अपराधी शराब माफिया है, जो शराब की बिक्री विभिन्न स्थानों पर करवाता है। इसको पकड़ना भी बहुत आसान है। इन्हीं पुलिस कर्मियों से पुलिसिया ढंग से पूछताछ की जाए तो उस माफिया का नाम भी सामने आ जाएगा। शराब बेचने वाले और पीने वाले दोनों को सजा अवश्य होनी चाहिए पर यह उस हाइड्रा की बाहें हैं, जिन्हें आप रोज काटेंगे तो रोज उग जायेंगे। जड़ से खत्म करना है तो प्रशासन, पुलिस और माफिया की तिकड़ी को समाप्त करना होगा।