बिहार: चिराग को मिला बड़ी मां का आशिर्वाद, बेटे को खिलायी खीर, बोले- शेर का बेटा हूं, नहीं सीखा है झुकना
चाचा पारस से पटखनी खाने व दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद चिराग पासवान को अपनी बड़ी मां राजकुमारी देवी का साथ मिल गया है। आशीर्वाद यात्रा दौरान चिराग शुक्रवार को अपने पैतृक गांव खगड़िया जिले के शहरबन्नी पहुंचे।
- ज्यादा दिन नहीं चलेगी बिहार सरकार
- चाचा ने किया है गलत
पटना। चाचा पारस से पटखनी खाने व दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद चिराग पासवान को अपनी बड़ी मां राजकुमारी देवी का साथ मिल गया है। आशीर्वाद यात्रा दौरान चिराग शुक्रवार को अपने पैतृक गांव खगड़िया जिले के शहरबन्नी पहुंचे।
बड़ी मां ने चिराग को विजयी होने का आशीर्वाद दिया
भावुक चिराग ने बड़ी मां से कहा, 'पिताजी की मौत के बाद चाचा(पशुपति कुमार पारस) ने मेरे साथ नाइंसाफी की है। इसके बाद राजकुमारी देवी ने चिराग को सीने से लगा लिया। मां ने चिराग का हाथ पकड़ते हुए कहा कि कोई बात नहीं है। सबकुछ ठीक हो जायेगा। हमलोग तुम्हारे साथ हैं। जनता भी तुम्हारे साथ है। बड़ी मां ने चिराग को विजयी होने का आशीर्वाद दिया। चिराग ने इसके बाद स्मृतिशेष रामविलास पासवान के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने ग्रामीणों से भी आशीर्वाद मांगा। ग्रामीणों ने ताली बजाकर उनका हौसला बढ़ाया।
चिराग ने मां को खिलाई खीर
चिराग पैतृक आवास पहुंचे तो उनकी आंखें नम हो गई। बड़ी मां को देखते ही वे खुद को रोक नहीं पाये। मां भी बेचे को गले से लगा भावुक हो गयी। मौके पर मौजूद पार्टी के कार्यकर्ता, वहां खड़े आम लोग भी भावुक हो उठे। मौके पर आरजेडी एमएलए रामवृक्ष सदा, राजद जिलाध्यक्ष कुमार रंजन ‘पप्पू भी मौजूद थे।
शेर का बेटा हूं, नहीं सीखा है झुकना
आशीर्वाद यात्रा खगड़िया पहुंचे चिराग का जगह-जगह गर्मजोशी के साथ किया गया। उन्होंने प्रेस कांफ्रेस में सीएम नीतीश कुमार और चाचा पशपुति पारस पर जमकर निशाना साधा।चिराग पासवान ने कहा परिवार और पार्टी को तोड़ कर अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करने वाले अब मंत्री बन चुके हैं। उन्हें ढ़ेर सारी शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि जिन्होंने पार्टी और परिवार को तोड़ने काम शुरू से किया है उन्होंने बधाई तक न दी।उन्होंने अपनी इस महत्वाकांक्षा में परिवार के साथ पार्टी को तोड़ने की कोशिश की और स्व. रामविलास पासवान के आदर्शों व विचारों को भी तोड़ा है।
चाचा ने उनकी कार्यशैली, पिताजी के निर्णय व विचारों को लेकर भी सवाल उठाये
चिराग ने कहा कि 'चाचा ने उनकी कार्यशैली, पिताजी के निर्णय व विचारों को लेकर भी सवाल उठाये हैं। पिता जी के समक्ष ही उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। जिसमें चाचा मुख्य प्रस्तावक थे। आज जो अपने आपको पार्टी का अध्यक्ष कह रहे हैं, वे जान लें कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 75 सदस्य होते हैं। जिसमें 66 लोग मेरे साथ खड़ें है। आशीर्वाद यात्रा में जो कार्यकर्ताओं व लोगों का समर्थन और आशीर्वाद मिल रह है, यह भी उनके लिए मिसाल है।
जो दूसरों के घर व पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं आज उनकी पार्टी ही टूट के कगार पर
चिराग ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए बिना नाम लिए कहा कि पार्टी और परिवार को तोड़ने में मुख्यमंत्री की भूमिका रही है। जो हमारी पार्टी को तोड़ने का प्रयास पिताजी के समय से करते रहे हैं। यह बात चाचा जी भी जानते हैं। इसके बावजूद अपनी महत्वाकांक्षा के लिए उनकी गोद में बैठ गये हैं। जो दूसरों के घर व पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं आज उनकी पार्टी ही टूट के कगार पर है। उनकी पार्टी के नेता मंत्री बने पर सीएम के मुंह से बधाई के शब्द नहीं फूटे।उन्होंने कहा कि पहले भी कहा था और आज भी कह रहा हूं, बिहार की यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चलने वाली है। बिहार में पुन: चुनाव होना तय है। मुख्यमंत्री दिन रात विकास की राग अलापते नहीं थकते हैं, परंतु आज बिहार में एक भी ऐसा अस्पताल नहीं जहां दो घंटे में साधारण मोतियाबिंद का ऑपरेशन हो जाए और मुख्यमंत्री को अपनी आंख के इलाज के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़े। ये कैसा विकास है।
जब अपनों ने ही उनके साथ धोखा किया
उन्होंने कहा किसी पर क्या सवाल उठाएं जब अपनों ने ही उनके साथ धोखा किया। उन्होंने कहा वे बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट के साथ रणक्षेत्र में थे, पर पीछे उनके घर के लोग महाभारत करने को तैयार थे। फिलहाल उनका ध्यान किसी गठबंधन पर नहीं है। उनका मुख्य उद्देश्य पार्टी संगठन को मजबूत करना है। ताकि एलजेपी एक सशक्त पार्टी बने। जिसमें पार्टी के सभी पदाधिकारियों व सदस्यों का सहयोग मिल रहा है।चिराग ने कहा कि उन्हें तोड़ने की हद से हद तक प्रयास किया गया, परंतु शेर का बेटा हूं, रामविलास पासवान का बेटा हूं, किसी के आगे झुककर समझौता नहीं करुंगा।
मैं कभी सच से मुंह नहीं मोड़ सकता
चिराग पासवान ने कहा कि सभी सुविधाओं से लैस हॉस्पिटल बिहार के हर एक गांव में होना चाहिए था, ताकि लोगों को बेहतर इलाज के लिए प्रदेश से बाहर का चक्कर नहीं लगाना पड़े। मैं स्वास्थ्य सेवा सुधार करने की बात करता हूं। बेरोजगार नौजवानों को रोजगार की बात करता हूं। इसीलिए नीतीश कुमार मेरे पीछे पड़े हुए हैं और मेरी राजनीतिक हत्या कराना चाहते हैं। क्या मैं विकास की बात करना छोड़ दूं, बेरोजगारी की बात करना छोड़ दूं, न्याय और सच्चाई की बात करना छोड़ दूं, मैं कभी सच से मुंह नहीं मोड़ सकता हूं। मैं अपने पिता स्व. रामविलास पासवान की विचारधारा और आदर्श पर चलता रहूंगा।