बिहार: IAS अफसर केके पाठक को शराबबंदी की कमान.मद्य निषेध, उत्पाद विभाग के अपर मुख्य सचिव की जवाबदेही
सेंट्रल डेपुटेशन से लौटे तेज तर्रार और कड़क IAS अफसर केके पाठक को मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव की जवाबदेही दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी नोटिफिकेशन जारी कर दी है
पटना। सेंट्रल डेपुटेशन से लौटे तेज तर्रार और कड़क IAS अफसर केके पाठक को मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव की जवाबदेही दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी नोटिफिकेशन जारी कर दी है।
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केके पाठक पहले भी संभाल चुके हैं मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की कमान
अभी तक यह जवाबदेही गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद के पास थी। वह मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अतिरिक्त प्रभार में थे। अब उन्हें इससे मुक्त कर दिया गया है। केके पाठक 1990 बैच के सीनियर IAS अफसर हैं। वह सेंट्रल डिपुटेशन से लौटने के बाद वेटिंग फॉर पोस्टिंग थे। इसके पहले भी केके पाठक मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की कमान संभाल चुके हैं।
वर्ष 2016 में जब सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी कानून को लागू करने का फैसला लिया था तब केके पाठक को विशेष तौर पर इस विभाग की जिम्मेवारी दी गई थी। पाठक ने अपने कार्यकाल में शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू कराया था, बल्कि शराब के कारोबार में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर चर्चा में भी आये थे। पाठक बियाडा, गृह, पथ निर्माण, लघु जल संसाधन समेत जिस डिपार्टमेंट में रहे हैं, वहां अपने बेहतर कामकाज से चर्चा बटोरी है।
पाठक की वापसी शराबबंदी पर सख्ती का बड़ा संदेश
स्टेट गवर्नमेंट केके पाठक की मद्य निषेध, उत्पाद में वापसी कर बड़ा संदेश देना चाह रही है। सीएम तरह शराबबंदी को सख्ती से लागू करने की इच्छा जता चुके हैं, उसमें केके पाठक जैसे कड़क अफसर बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। विभाग में केके पाठक की वापसी के बाद नीचे के अफसरों में भी खूब चर्चा हो रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि इनके आने के बाद सुस्त और लापरवाह अफसरों पर पहले कार्रवाई होगी।