बिहार: इलिगल बालू माइनिंग में EOU का रोहतास के सस्पेंड SDPOके ठिकानों पर रेड, वाइफ को बनाया करोड़पति
बिहार में बालू के इलिगल माइनिंग मंगलवार को आर्थिक अपराध इकाई (EOU ) की टीम ने रोहतास के सस्पेंड एसडीपीओ संजय के ठिकानों पर रेड की। पटना और बक्सर के ठिकानों की एक साथ सर्च की गयी। एस़ीपीओ ने अपनी काली कमाई से वाइफ को करोड़पति बना दिया है।
पटना। बिहार में बालू के इलिगल माइनिंग मंगलवार को आर्थिक अपराध इकाई (EOU ) की टीम ने रोहतास के सस्पेंड एसडीपीओ संजय के ठिकानों पर रेड की। पटना और बक्सर के ठिकानों की एक साथ सर्च की गयी। एस़ीपीओ ने अपनी काली कमाई से वाइफ को करोड़पति बना दिया है।
ईओयू के अनुसार एसडीपीओ की वाइफ गृहिणी हैं, बावजूद उनके बैंक अकाउंट में काफी रुपये जमा हैं। एसडीपीओ के पैतृक आवास बक्सर के मुरार पुलिस स्टेशन एरिया अंतर्गत बसंतपुर चौगाई के बाजार में वाइफ के नाम पर वर्ष 2018 में सात डिसमिल व्यावसायिक जमीन 12 लाख रुपये में खरीदी गई। इस पर कॉमर्शियल काम्प्लेक्स बनाया गया है। इसके अलावा बक्सर के कोरानसराय में 35 हजार रुपये में आठ डिसमिल कृषि जमीन की खरीद की गई है।
पटना के आशियाना नगर में भव्य घर
पटना के राजीवनगर पुलिस स्टेशन आशियाना नगर में एसडीपीओ की वाइफ के नाम पर 6.52 डिसमिल में बने एक मंजिला आवासीय मकान की खरीद 29 लाख में की गई। इसके बाद मकान के ऊपर दो भव्य फ्लोर और बनवाई गई। इस पर लगभग 55 लाख रुपये खर्च किये गये। भवन मूल्यांकन के पश्चात राशि और अधिक होने की संभावना है।
2005 बैच के डीएसपी हैं संजय
संजय कुमार वर्ष 2005 बैच के डीएसपी हैं। वह औरंगाबाद, भभुआ, सीतामढ़ी, नालंदा, महाराजगंज, राजगीर, डिहरी में एसडीपीओ व डीएसपी के रहे हैं। रोहतास में पदस्थापना के दौरान ईओयू की जांच में एसडीपीओ की बालू माइनिंग में संदिग्ध भूमिका की बात सामने आई। उसके बाद आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच शुरू की गई है।
पटना के राजीवनगर आशियाना नगर के सूर्य विहार कालोनी-1 और बक्सर के मुरार बसंतपुर चौगाई गांव स्थित पैतृक आवास पर रेड की गई है। ईओयू ने इनके खिलाफ सात फरवरी को आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। पटना में संजय कुमार के आवास पर ईओयू के डीएसपी जाकिर अहमद और रजनीश कुमार के नेतृत्व में छापामारी जारी है, बक्सर मुरार के बसंतपुर चोगाई गांव में उनके पैतृक आवास पर ईओयू सस्पेंड सस्पेंड किया जा चुका है।
एसडीपीओ पर डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग भी शुरू
बताया जाता है कि संजय कुमार पर आय के वैध स्रोतों से प्राप्त आय से 50% की ज्यादा संपत्ति है। इसे लेकर उनके खिलाफ ईओयू में मामला दर्ज किया गया है।इलिगल बालू के नेक्सल में बिहार के 41 अफसर सस्पेंड हुए थे। इनमें दो एसपी, चार एसडीपीओ समेत पुलिस और प्रशासन के 41 अफसर शामिल थे।आइपीएल राकेश दुबे और सुधीर पोरिका पर भी कार्रवाई हो चुकी है। एसडीएम रैंक के पदाधिकारी भी बालू खनन मामले में अभियुक्त बनाए जा चुके हैं। इस साल फरवरी महीने में आर्थिक अपराध इकाई लगातार अवैध खनन से जुड़े अफशरों के ठिकाने पर रेड कर खनन माफिया पर शिकंजा कस रही है। अभी तक एक दर्जन से अधिक अफसरों के ठिकानों पर रेड हो चुकी है।
बालू खनन से काली कमाई के आरोप में सस्पेंड एसडीपीओ के खिलाफ डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग शुरू कर दी गई है। इसमें आरा सदर के तत्कालीन एसडीपीओ पंकज कुमार रावत, पटना के पाली के तत्कालीन एसडीपीओ तनवीर अहमद, औरंगाबाद के तत्कालीन एसडीपीओ अनूप कुमार और डिहरी के तत्कालीन एसडीपीओ संजय कुमार शामिल हैं। गृह विभाग ने इससे जुड़ा संकल्प जारी कर दिया है। पटना रेंज के आइजी राकेश राठी को चारों एसडीपीओ के विरुद्ध शुरू की गई डिपाट4मेंटल प्रोसिडिंग का संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। वह डीजीपी एसके सिंघल को इसकी रिपोर्ट देंगे। चारों सस्पेंड पुलिस अफसरों से 10 कार्य दिवस के अंदर पटना आइजी के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।
बचाव पत्र में आरोपों को किया अस्वीकार
गृह विभाग ने आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच रिपोर्ट के आधार पर चारों पुलिस अफसरों को 27 जुलाई, 2021 को सस्पेंड किया था। जांच रिपोर्ट में एसडीपीओ परबालू के अवैध खनन व परिवहन में लगे अपराधियों से मिलीभगत के आरोप लगे थे। इसके बाद चारों अफसरों के विरुद्ध आरोप पत्र गठित कर लिखित बचाव मांगा गया था। चारों पुलिस अफसरों ने अपने लिखित बचाव में आरोपों को अस्वीकार किया है, जिसके बाद जांच प्राधिकार नियुक्त कर विभागीय कार्यवाही संचालित करने का निर्णय लिया गया है।