Bihar Elections 2025: छोटे सरकार अनंत सिंह पर दुलारचंद यादव की मर्डर का आरोप, दोनों पक्षों में FIR दर्ज

Bihar Elections 2025 से पहले Mokama Murder मामले ने सियासी माहौल गरमा दिया है। जन सुराज समर्थक की हत्या के बाद जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह पर FIR दर्ज, जबकि अनंत के समर्थक ने भी जन सुराज प्रत्याशी पर केस किया। क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील।

Bihar Elections 2025:  छोटे सरकार अनंत सिंह पर दुलारचंद यादव की मर्डर का आरोप, दोनों पक्षों में FIR दर्ज
क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील, भारी बल तैनात।
  • मोकामा में गोलीबारी और हत्या के बाद फैला तनाव
  •  क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील
  • अनंत सिंह समेत पांच पर नामजद FIR
  • जन सुराज प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी पर भी दर्ज हुई प्राथमिकी

पटनाा। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले मोकामा विधानसभा क्षेत्र में सियासी हिंसा ने चुनावी माहौल को गरमा दिया है। गुरुवार शाम हुई गोलीबारी और हत्या की घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव फैला दिया है। जन सुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के बाद मोकामा को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है।

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मृतक के परिवार ने जदयू प्रत्याशी और बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह को मुख्य आरोपी बनाते हुए FIR दर्ज कराई है, जबकि अनंत सिंह के समर्थकों ने भी जन सुराज प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी पर हत्या और हमले का आरोप लगाया है।

हत्या के बाद सियासी बवाल

घटना पंडारक प्रखंड के भदौर थाना क्षेत्र के बसावनचक गांव के पास गुरुवार शाम करीब 4:30 बजे हुई। जानकारी के मुताबिक, जन सुराज प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी का काफिला और जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह का काफिला आमने-सामने आ गया। दोनों पक्षों के समर्थकों में कहासुनी और पथराव हुआ, जिसके बाद गोलीबारी शुरू हो गयी। इसी दौरान 70 वर्षीय दुलारचंद यादव को पहले पैर में गोली मारी गई, फिर चारपहिया वाहन से कुचलकर हत्या कर दी गयी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के बाद टाल क्षेत्र में दहशत और अफरातफरी का माहौल बन गया।

 दोनों पक्षों में FIR दर्ज

दुलारचंद के पोते के बयान पर पुलिस ने देर रात FIR दर्ज की है, जिसमें अनंत सिंह, उनके दो भतीजे रणवीर सिंह और कर्मवीर सिंह,
सहित कुल पांच लोगों को नामजद किया गया है। आरोप है कि अनंत समर्थकों ने गोली चलाई और फिर वाहन से कुचलकर दुलारचंद की हत्या कर दी। दूसरी ओर, अनंत सिंह के समर्थक जितेंद्र कुमार ने जन सुराज प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी, लखन महतो, नीतीश महतो, ईश्वर महतो, और अजय महतो समेत अन्य पर हमले और हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए अलग प्राथमिकी दर्ज करायी है।

पुलिस छावनी में बदला मोकामा

घटना के बाद पूरे टाल क्षेत्र में पुलिस और अर्धसैनिक बल की तैनाती की गई है। बाढ़ एएसपी अभिषेक कुमार के अनुसार, “प्रारंभिक जांच में गोली मारने और वाहन से कुचलने की बात सामने आई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा।” पटना पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि “मौत संदिग्ध प्रतीत हो रही है, फॉरेंसिक और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्थिति स्पष्ट होगी।” शव उठाने के दौरान ग्रामीणों और पुलिस के बीच कई बार तनाव और नोकझोंक हुई। देर रात तक बॉडी तारतर गांव में रखा गया, जहां ग्रामीणों का जमावड़ा लगा रहा।

अनंत सिंह ने साजिश बतायी

अनंत सिंह ने आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि “राजद समर्थक सूरजभान सिंह के लोगों ने मेरे काफिले पर हमला किया। इसमें कई लोग घायल हुए और दस गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुईं।” वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि हत्या के लिए सीधे तौर पर अनंत सिंह और उनके समर्थक जिम्मेदार हैं।

चुनावी रंजिश का ताजा अध्याय

मोकामा की राजनीति में हमेशा से सियासी वर्चस्व की लड़ाई हावी रही है। दुलारचंद यादव 1990 में लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ चुके थे और उनका भी लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। अब उनके समर्थक की हत्या और अनंत सिंह पर दर्ज FIR ने चुनावी समीकरण को और उलझा दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना मोकामा सीट को हॉटस्पॉट बना देगी और प्रशासन को कानून-व्यवस्था बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी।
उल्लेखनीय है  कि घटना गुरुवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे की है। पंडारक प्रखंड के बसावनचक गांव के समीप दुलारचंद यादव पर पहले गोली चलाई गई और फिर चारपहिया वाहन से कुचल कर हत्या कर दी गयी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बदमाशों ने पहले दुलारचंद के पैर में गोली मारी, जिससे वह गिर पड़े, इसके बाद वाहन से रौंद दिया गया।

इस जघन्य वारदात के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गयी और टाल इलाके में भारी तनाव का माहौल बन गया। दुलारचंद यादव का आपराधिक रिकार्ड भी रहा है। 1990 में उन्होंने मोकामा विधानसभा से लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वर्षों से वह सक्रिय रूप से राजनीति में रहे और स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली माने जाते थे। हत्या के बाद उनके समर्थक शव को तारतर स्थित पैतृक गांव ले गए, जहां देर रात तक लोग जुटे रहे।

आक्रोशित समर्थकों ने पुलिस को शव उठाने नहीं दिया, जिसके चलते प्रशासन को भारी दबाव का सामना करना पड़ा।घटना की गंभीरता को देखते हुए बाढ़ एएसपी टू अभिषेक कुमार, कई थानाध्यक्ष और बल की अतिरिक्त कंपनियां मोकामा में कैंप कर रही हैं। पटना से भी पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं। एएसपी अभिषेक कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में गोली मारने और वाहन से कुचलने की बात सामने आई है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि मौत किस कारण हुई।

ग्रामीणों ने हत्या के लिए अनंत सिंह और उनके समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं अनंत सिंह का कहना है कि यह सब उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजद समर्थक सूरजभान के समूह ने उनके काफिले पर हमला किया, जिसमें कई लोग घायल हुए और दस गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुईं।