Bihar: देश में भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज केस में मिली पहली सजा, ट्रिपल मर्डर में दो को उम्रकैद
सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा बनाये गये नये कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS)के तहत पहली बार कोर्ट ने आरोपियों को सजा दी है। नये कानून के लागू होने के बाद पहली बार बिहार के सारण जिले में छपरा कोर्ट ने गुरुवार को हत्या के जुर्म में दो आरोपितों को उम्र कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने उम्रकैद की सजा के साथ-साथ 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी आरोपियों पर लगाया है।
- उम्र कैद की सजा के साथ-साथ 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा
छपरा। सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा बनाये गये नये कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS)के तहत पहली बार कोर्ट ने आरोपियों को सजा दी है। नये कानून के लागू होने के बाद पहली बार बिहार के सारण जिले में छपरा कोर्ट ने गुरुवार को हत्या के जुर्म में दो आरोपितों को उम्र कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने उम्रकैद की सजा के साथ-साथ 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी आरोपियों पर लगाया है।
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कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि जुर्माना नहीं देने पर यह सजा छह माह के लिए बढ़ जायेगी।कोर्ट द्वारा 50 दिनों के अंदर मर्डर के आरोप में दो आरोपितों को उम्र कैद की सजा सुना दी गयी है। बिहार का सारण जिला नये कानून के तहत सजा दिलाने में देश का पहला जिला बन गया है। इस ट्रिपल मर्डर केस में पुलिस ने 14 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल किया था। ट्रिपल मर्डर मामले में रसूलपुर पुलिस स्टेशन में धारा 103 (1), 109(1), 329- 4/3 ( 5 ) के तहत केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने 14 दिनों में ही चार्जशीट दायर कर दिया। कोर्ट ने स्पीडी ट्रायल पर 50 दिनों के अंदर धनाडीह के आरोपित सुधांशु कुमार उर्फ रोशन व अंकित कुमार को नये कानून के तहत दोषी माना और फिर सजा सुना दी।
यह है ट्रिपल मर्डर का मामला
जिले के रसूलपुर पुलिस स्टेशन एरिया के धानाडीह गांव में विगत 17 जुलाई को देर रात एक सनकी युवक रोशन कुमार उर्फ सुधांशु कुमार ने एकतरफा प्यार में दो नाबालिग लड़कियों व उसके पिता की चाकू गोदकरमर्डर कर दी। लड़की की मां को भी चाकू मारकर लहूलुहान कर दिया था। लड़की की मां शोभा देवी के बयान पर एफआइआर दर्ज की गई थी। मृतकों में नाबालिग चांदनी कुमारी (17 साल), उसके पिता तारकेश्वर सिंह (55साल) व छोटी बहन आभा कुमारी (15 साल) शामिल थी। इस ट्रिपल मर्डर केस में पुलिस ने सनकी युवक रौशन और उसके एक दोस्त अंकित कुमार को 17 जुलाई को ही अरेस्ट कर लिया था। पुलिस ने मर्डर में इस्तेमाल चाकू को भी बरामद किया था।
तारकेश्वर की जख्मी पत्नी शोभा देवी का सदर अस्पताल में इलाज हुआ था। इलाज के दौरान लड़की की मां ने बताया कि आरोपित रौशन को चांदनी से एकतरफा प्यार था। काफी दिनों से चांदनी से बात नहीं होने से वह नाराज था। रात में वे लोग छत पर सोए हुए थे। इसी दौरान रोशन अपने एक दोस्त के साथ घर के पीछे से छत पर चढ़ गया था। उनकी बेटी की अचानक नींद खुलने पर उसने रोशन को धमकाते हुए कहा था कि तुम्हारी हैसियत क्या है मेरे घर आने की। इसके बाद रोशन व उसके दोस्त ताबड़तोड़ चाकू से वार करने लगे। इसमें चांदनी, उसके पिता व उसकी छोटी बहन की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी।
जिला जज के निर्देश पर प्रतिदिन शुरू हुई गवाही
ट्रिपल मर्डर केस के आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए जिला जज पुनीत कुमार गर्ग के निर्देश पर प्रतिदिन गवाही की भी प्रक्रिया शुरू की गई। पहले 13 अगस्त को ग्रामीण संतोष सिंह की गवाही हुई। गांव के ही तीन अन्य लोग मंटू सिंह, उमेश शर्माव मनोज सिंह की भी गवाही हुई।
ग्रामीणों की गवाही पूरी होनेके बाद फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की विशेषज्ञ रत्ना, एकमा के डॉक्टर डॉ प्रभात कुमार सिंह, छपरा सदर अस्पताल के डॉक्टर डॉ धनंजय कुमार, चौकीदार रोहित कुमार, सूचक शोभा देवी, थाना अध्यक्ष प्रभात कुमार, एएसआइ सकलदेव पासवान के अलावा केस के आईओ रविंद्र
कुमार समेत 12 लोगों की गवाही हुई।
आरोपितों के खिलाफ चला था स्पीडी ट्रायल
जिले के सनसनीखेज ट्रिपल मर्डर की घटना को लेकर एसपी कुमार आशीष की अनुशंसा पर डीएम अमन समीर स्पीडी ट्रायल चलाने की स्वीकृति दी थी। जिला जज ने भी ट्रिपल मर्डर केस की सुनवाई जल्द पूरा करने के लिए पुलिस प्रशासन को अपने स्तर से भी बीच-बीच में दिशा निर्देश दिया। पुलिस के स्तर पर उपलब्ध तथ्यों के आधार पर जिला जज ने आरोपियों को दोषी माना।