बिहार: इतिहासकारों ने किया कुंवर सिंह की वीरता के साथ अन्याय, मगर उनका नाम मिटने वाला नहीं: अमित शाह
अंग्रेजों पर बाबू कुंवर सिंह की बड़ी जीत की याद में बिहार के जगदीशपुर में शनिवार को आयोजित विजयोत्सव में सबसे ज्यादा राष्ट्रीय ध्वज फहराने का वर्ल्ड रिकार्ड बना। यहां एक साथ 77 हजार 793 लोगों ने तिरंगा लहराया। मौके पर आयोजित कर्यक्रम में चफ गेस्ट सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह उपस्थित थे।
पटना। अंग्रेजों पर बाबू कुंवर सिंह की बड़ी जीत की याद में बिहार के जगदीशपुर में शनिवार को आयोजित विजयोत्सव में सबसे ज्यादा राष्ट्रीय ध्वज फहराने का वर्ल्ड रिकार्ड बना। यहां एक साथ 77 हजार 793 लोगों ने तिरंगा लहराया। मौके पर आयोजित कर्यक्रम में चफ गेस्ट सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह उपस्थित थे।
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बाबू वीर कुँवर सिंह जी देशभक्ति, वीरता और सामाजिक समरसता के अद्वितीय प्रतीक थे। उम्र के उस पड़ाव में मातृभूमि की आजादी के लिए जिस साहस व समर्पण से उन्होंने विदेशी शासन से लोहा लिया वह चिरकाल तक हमें राष्ट्रसेवा की प्रेरणा देता रहेगा।
— Amit Shah (@AmitShah) April 23, 2022
आजादी के ऐसे महानायक को कोटिशः नमन। pic.twitter.com/hSBHVTl1AW
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि कुंवर सिंह के प्रति इतिहासकारों ने अन्याय किया था। उनकी वीरता के अनुरूप जगह नहीं दी गई, लेकिन आज फक्र के साथ कह सकता हूं कि उनका नाम मिटने वाला नहीं है। आज यहां लाखों की संख्या में एकत्र लोगों के भाव को देखकर कहा जा सकता है कि बाबू कुंवर सिंह को भुलाया नहीं जा सकता है। 23 अप्रैल वही ऐतिहासिक तिथि है, जब 1858 में कुंवर सिंह ने 80 वर्ष की उम्र में भी बहादुरी से लड़ते हुए अंग्रेजों की बड़ी सेना को पराजित किया था। उन्होंने 163 साल पहले इस धरती को आजादी का मतलब बताया था।
अमित शाह ने कहा कि इतिहासकारों ने 1857 की क्रांति को विफल क्रांति कहकर अपमानित किया था। किंतु वीर सावरकर ने पहली बार इसे आजादी की पहली लड़ाई बताकर सम्मान दिया। उस संग्राम में कुंवर सिंह अकेले ऐसे पराक्रमी पुरुष थे, जिन्होंने आरा से अयोध्या तक अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी और उन्हें पराजित किया। 1857 में कुंवर सिंह ने सिर्फ बिहार ही नहीं, यूपी के रीवा, बांदा, आजमगढ़, बलिया, बनारस, गाजीपुर और अयोध्या तक अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि सेंट्रल गवर्नमेंट आरा में उनकी स्मृति में भव्य स्मारक बनाएगी।
ऐसा कार्यक्रम पहले कभी नहीं देखा
अमित शाह ने कहा कि मैंने ऐसा कार्यक्रम पहले कभी नहीं देखा। निशब्द हूं। लाखों लोग चिलचिलाती धूप में तिरंगा लेकर कुंवर सिंह को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। चारों तरफ तिरंगे दिखाई पड़ रहे हैं। पीएम ने आजादी के 75वें साल में अमृत महोत्सव मनाने का निर्णय लिया। इसमें तीन पहलू थे। सबसे बड़ा पहलू था आजादी के लिए जिन्होंने बलिदान दिया है, उन्हें याद करें। भारत को दुनिया में बड़ी ताकत बनाना है। हर क्षेत्र में नंबर वन होना है। कुंवर सिंह के प्रति यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
आरजेडी का दौर भी दिलाया याद
कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने आरजेडी के शासनकाल पर भी हमला किया। शाह ने जनता से पूछा कि आपको याद नहीं क्या कि आरजेडी के दौर में बिहार में क्या होता था। उन्होने एनडीए शासनकाल की जमकर प्रशंसा की।
कार्यक्रम में बिहार बीजेपी प्रसिडेंट डॉ संजय जायसवला, सेंट्रल मिनिस्टर आरके सिंह, नित्यानंद राय, अश्विनी चौबे, रविशंकर प्रसाद, राम कृपाल यादव, डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, रणु देवी, बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, विधान परिषद अवधेश नारायण सिंह, सभी एमपी , स्टेट के मिनिस्टर व एमएलए मौजूद थे।