बिहार: सभी जिले में एक दारोगा व चार किन्नर कांस्टेबल की होगी तैनाती
बिहार गवर्नमेंट ने पटना हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया है कि उसने राज्य में किन्नरों की आबादी के आधार पर पुलिस बहाली में उनका आरक्षण कोटा निर्धारित कर दिया है। इसके अनुसार अब हर जिले में कम से कम एक Transgender SI तथा चार कांस्टेबल की बहाली तय हो गई है।
- बिहार में अब क्राइम कंट्रोल करेंगे किन्नर
- बिहार पुलिस में किन्नरों की होगी बहाली
पटना। बिहार गवर्नमेंट ने पटना हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया है कि उसने राज्य में किन्नरों की आबादी के आधार पर पुलिस बहाली में उनका आरक्षण कोटा निर्धारित कर दिया है। इसके अनुसार अब हर जिले में कम से कम एक Transgender SI तथा चार कांस्टेबल की बहाली तय हो गई है।
पुलिस बहाली में मिला आरक्षण कोटा
पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस संजय करोल की बेंच ने पुलिस बहाली में किन्नरों के आरक्षण देने को लेकर वीरा यादव की जनहित याचिका का निष्पादन कर दिया है। इसकी सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कार्रवाई रिपोर्ट पेश की। इसमें बताया गया कि राज्य में किन्नरों आबादी कुल आबादी का 0.039 परसेंट है l सरकार ने आबादी के आधार पर पुलिस बहाली में किन्नरों का आरक्षण कोटा निर्धारित कर दिया है l इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अपने 14 दिसंबर, 2020 के उस आदेश में संशोधन किया, जिसमें उसने पुलिस बहाली के अंतिम परिणाम पर रोक लगा दी थी। अब पुलिस बहाली की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।
हर जिले में कम-से-कम एक एसआइ और चार किन्नर कांस्टेबल
स्टेट गवर्नमेंट के एडवोकेट अजय ने कोर्ट को बताया कि अब हर एक जिले में कम-से-कम एक पुलिस अफसर और चार कांस्टेबल के पद पर किन्नरों की नियुक्ति की जायेगी। यदि आबादी अधिक हुई तो स्क्वायड व प्लाटून का भी गठन किया जायेगा। किन्नरों के लिए पुलिस विभाग में स्पेशल यूनिट बनी है, ताकि उनसे जुड़ीं सामाजिक विसंगतियां दूर की जा सकें। उन्हें निकट भविष्य में और सुविधाएं भी दी जायेंगी l
पुलिस बहाली में किन्नरों के आरक्षण देने की याचिका का निष्पादन
उल्लेखनीय है कि वीरा यादव की लोकहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली दो मेंबरवाली बेंच में सुनवाई चल रही थी l याचिकाकर्ता का कहना था कि किन्नरों को सामाजिक न्याय नहीं मिल रहा है l जो पढ़े-लिखे एवं सभी कार्यों में कुशल हैं, उन्हें पुलिस बहाली में आरक्षण नहीं मिल रहा है। राज्य सरकार के इस जवाब के बाद बेंच ने याचिका को निष्पादित कर दिया है।