Bihar: राजभवन ने सात यूनिर्वसिटी के Registrar के सभी कार्यों पर लगाई रोक
बिहार के गवर्नर सह चांसलर राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने स्टेट के सात यूनिवर्सिटी के रजिस्टार और टीएमयू भागलपुर के एफओ के कर्तव्य निर्वहन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।गवर्नर ने प्रिंसिपल सेकरेटरी रोबर्ट एल चोंग्थू ने संबंधित यूनिवर्सिटी के वीसी को पत्र भेजकर इसे सख्ती से लागू कराने को कहा है।
- नियुक्तियों की जांच होगी
पटना। बिहार के गवर्नर सह चांसलर राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने स्टेट के सात यूनिवर्सिटी के रजिस्टार और टीएमयू भागलपुर के एफओ के कर्तव्य निर्वहन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।गवर्नर ने प्रिंसिपल सेकरेटरी रोबर्ट एल चोंग्थू ने संबंधित यूनिवर्सिटी के वीसी को पत्र भेजकर इसे सख्ती से लागू कराने को कहा है।
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पत्र के अनुसार कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत यूनिवर्सिटी, वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी आरा, मुंगेर यूनिवर्सिटी, मगध यूनिवर्सिटी बोधगया, पटना यूनिवर्सिटी, मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी यूनिवर्सिटी और पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी शामिल हैं।भागलपुर यूनिवर्सिटी के वित्त पदाधिकारी और वित्तीय परामर्शी के कार्यों पर रोक लगायी गई है। राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थू ने शनिवार को कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा; वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा; मुंगेर विश्वविद्यालय मुंगेर; मगध विश्वविद्यालय बोधगया; पटना विश्वविद्यालय पटना; मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय पटना और पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय पटना के कुलपतियों को पत्र जारी कर कुलसचिवों के कार्यों पर रोक लगाई है।
नये गवर्नर की पहली बड़ी कार्रवाई
बिहार के गवर्नर फागू चौहान को पिछले माह मेघालय का गवर्नर बनाने के बाद हिमाचल के गवर्नर राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर को बिहार का राज्यपाल बनाया गया है। बिहार का राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के बनने के बाद यह शुक्रवार को राजभवन ने बड़ी कार्रवाई की है।चर्चा है कि इन पदाधिकारियों की नियुक्ति पिछले चांसलर के कार्यकाल के अंतिम समय में की गई थी।नये चांसलर ने इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया की जांच को लेकर यह निर्णय लिया है।
प्रभारी वीसी के निर्णय लेने पर लगा दी थी रोक
राजभवन ने इससे पहले यूनिवर्सिटी में बनाये गये प्रभारी वीसी को किसी प्रकार का नीतिगत निर्णय लेने पर रोक लगा दी थी।राजभवन सचिवालय के एडिशनल सेक्रेट्री राम अनुग्रह नारायण सिंह ने इस संबंध में बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी समेत प्रदेश के सभी यूनिवर्सिटी को पत्र भेजा था।कहा था कि प्रभारी कुलपति सिर्फ दैनिक रूटीन कार्य संपादित करेंगे। वीसी को जिन नीतिगत कार्यों को करने से रोका गया उनमें किसी प्रकार की नई नियुक्ति, निर्माण कार्य और नए निविदा, चयन समिति या प्रमोशन समिति के किसी प्रकार के निर्णय, सीनेट, सिंडिकेट या एकेडमिक काउंसिल की बैठक, किसी प्रकार के वित्तीय निर्णय शामिल थे।यदि कहीं जरूरत हुई तो चांसलर से स्वीकृति लेने के बाद ही उस दिशा में कार्य किए जाने के लिए कहा गया था।