बिहार:MLA मेवालाल चौधरी की मौत की सच से खुली हेल्थ सिस्टम का पोल,एक हॉस्पीटल ने लौटाया तो दूसरे ने इलाज में किया देर
एक्स मिनिस्टर व JDU एमएलए मेवालाल चौधरी की सोमवार को पटना के पारस हॉस्पीटल में कोरोनावायरस संक्रमण से मौत से स्टेट की बदहाल हेल्थ सिस्टम की सच्चाई सामने आ गयी है। चौधरी के इलाज के दौरान के अनुभवों को शेयर करते हुए उनके प्राइवेट सेकरेटरी शुभम सिंह ने बिहार की Health System की पोल खोल दी है।
- तेजस्वी व पप्पू ने कोरोना काल में बिहार की दुर्दशा पर सरकार के खिलाफ मोरचा खोला
- मेवालाल के प्राइवेट सेकरेटी ने कहा है कि पटना के आइजीआइएमएस ने उन्हें एडमिट करने से इनकार किया
प्राइवेट हॉस्पीटल ने एडमिट करने के बावजूद आइसीयू में बेड देने में किया विलंब
पटना।एक्स मिनिस्टर व JDU एमएलए मेवालाल चौधरी की सोमवार को पटना के पारस हॉस्पीटल में कोरोनावायरस संक्रमण से मौत से स्टेट की बदहाल हेल्थ सिस्टम की सच्चाई सामने आ गयी है। चौधरी के इलाज के दौरान के अनुभवों को शेयर करते हुए उनके प्राइवेट सेकरेटरी शुभम सिंह ने बिहार की Health System की पोल खोल दी है।
सीएम नीतीश कुमार तंज
शुभम ने तंज भरे लहजे में कहा कि सीएम नीतीश कुमार एक्स मिनिस्टरी चौधरी के निधन को व्याक्तिगत क्षति बताते हैं, लेकिन कोई नहीं जानता। इलाज के दौरान पहले मुंगेर व बाद में पटना में मेवालाल चौधरी ने क्याइ-क्याद झेला। सरकारी पार्टी का बड़ा नाम रहने के बावजूद उन्हेंट इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ा। सही व समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण वे मौत से जंग हार गये।
कोरोना आरटीपीसीआर रिेपार्ट समय पर नहीं मिली
शुभम सिंह का कहना है कि मेवालाल चौधरी को पिछले कुछ दिनों से बुखार था। कोरोनावायरस संक्रमण की आशंका होने पर उन्होंंने मुंगेर में आरटीपीसीआर टेस्ट कराया। इसकी रिपोर्ट के लिए उन्होंने तीन दिन तक इंतजार किया। इस बीच 15 अप्रैल को जब उनकी स्थिति बिगड़ी, तब भी उन्होंयने आरटीपीसीआर रिपोर्ट की मांग की, लेकिन वह नहीं मिली। बाद में यह रिपोर्ट 16 अप्रैल को मिली।
तबीयत बिगड़ने पर मुंगेर से लाये गये पटना
शुभम सिंह का कहना है कि मेवालाल को सांस लेने में कठिनाई होने पर उन्हेंस 15 अप्रैल को ऑक्सीजन सपोर्ट पर पर रखकर पटना लाया गया। रास्ते में उन्हें खांसी का दौरा पड़ा। उन्हेंन अदरक चबाने के लिए दिया गया, जाकि खांसी कम हो।
आइजीआइएमएस ने एडमिट करने से कर दिया इनकार
चौधरी को 15 अप्रैल की रात 12.30 बजे पटना के सरकारी आवास पर ऑक्सी जन सपोर्ट पर रखा गया। अगली सुबह पटना के IGIMS ने रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर एडमिट करने से इनकार कर दिया। मेवालाल ने खुद सांस लेने में परेशानी की स्थिति बताते हुए वहां डॉक्टेरों से आरटीपीसीआर टेस्ट कराने का आग्रह किया। लेकिन डॉक्टनरों ने कहा कि इसकी रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन लग जायेंगे।रिपेार्ट पॉजिटिव आने के पहले वे उन्हेंं एडमिट नहीं कर सकते हैं।
पटना डीएम के कहने पर मिली पारस हॉस्पीटल में एंट्री
शुभम सिंह ने बताया कि एक्स मिनिस्टर ने अपने सभी स्रोतों से सहायता मांगी, लेकिन आइजीआइएमएस में बेड नहीं पा सके। इसके बाद पटना के पारस हॉस्पीटल ने भी बेड के अभाव में एडमिट करने से इनकार कर दिया। इसके बाद मेवालाल चौधरी ने पटना के डीएम चंद्रशेखर को फोन किया। डीएम के कहने पर उन्हें पारस हॉस्पीटल ने बेड दिया।
घंटों बाद पारस हॉस्पीटल में मिला आइसीयू में बेड
पारस हॉस्पीटल में डॉक्ट्रों ने मेवालाल की सीने की सीटी-स्कैरन कराने पर गंभीर कोरोना संक्रमण पाया गया। आइसीयू में बेड नहीं रहने के कारण उन्हेंट इमरजेंसी वार्ड में रखकर इलाज शुरू किया गया।घंटों बाद 16 अप्रैल की रात 11 बजे जब तक आइसीयू में बेड मिला।तब तक मेवालाल केवल ऑक्सीेजन सपोर्ट व सेलाइन पर रखे गये थे। डॉक्टकरों ने आगे 18 अप्रैल को बताया कि फेफड़े ठीक से काम नहीं कर रहा है। इसलिए उन्हेंव वेंटिलेटर पर रखना होगा।
18 अप्रैल की रात वेंटिलेटर पर गये, 19 की सुबह मौत
मेवालाल 18 अप्रैल की रात में वेंटिलेटर पर रखे गये और 19 अप्रैल की सुबह लगभग 4.30 बजे उनकी मौत की सूचना दी गई। शुभम सिंह ने सवाल किया है कि जब एक सत्ताेधारी दल के सीनीयर एमएलए के साथ अस्प1तालों में ऐसा हो सकता है, तब आम आदमी के साथ क्याअ होगा होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
तेजस्वी ने सेंट्रल व स्टेट गवर्नमेंट पर बोला हमला
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर फिर सवाल उठाये हैं। मंगलवार को उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया कि राज्य में डबल इंजन सरकार जनित स्वास्थ्य आपदा है। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के 40 में से 39 एनडीए एमपी और पांच सेंट्रल को बिहारवासियों से माफी मांगनी चाहिए कि इस संकट की घड़ी में वो जनता के किसी काम नहीं आ सकते।उन्होंने कहा कि सेंट्रल गुजरात, यूपी में डीआरडीओ, डिफेंस मिनिस्टरी इत्यादि के माध्यम से ऑक्सीजन, डॉक्टर की व्यवस्था कर रहा है। लेकिन बिहार के लिए नहीं। कहा कि क्या बिहार सरकार इस आपदा के वक्त भी केंद्र सरकार से जरूरी मदद नहीं मांग सकती। या केंद्र कोई सहायता नहीं कर रहा? उन्होंने सीएम से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बिहार एनडीए के एमपी क्या कर रहे हैं। क्या चुप रहने के लिए जनता ने चुना था?
कोरोना वार्ड में मरीजों को खाना नहीं मिल रहा:पप्पू यादव
जन अधिकार पार्टी (लो) के नेशनल प्रसिडेंट पप्पू यादव ने कहा कि एम्स के निदेशक कह चुके हैं कि रेमडेसिविर दवा कोरोना का इलाज नहीं है, फिर इस पर बैन क्यों नहीं लग रहा? गलत जानकारी के कारण लोग 20 हजार से 30 हजार रुपये तक देकर इस दवा को खरीद रहे हैं। इस दवा पर सरकार को रोक लगानी चाहिए। मंदिरी स्थित पार्टी कार्यालय में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि पीएमसीएच और एनएमसीएच में लैब टेक्नीशियन और डाटा आपरेटर्स की कमी है। जो स्टाफ पहले कार्यरत थे उनमें से अधिकतर कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। सरकार कह रही है कि एनएमसीएच को 500 बेड का कोविड हॉस्पीटल बनाया गया है लेकिन स्थिति गंभीर है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में इतनी बुरी स्थिति है कि कल्पना नहीं की जा सकती है। कोरोना वार्ड में पेसेंट को खाना खिलाने वाला कोई नहीं है। कहा कि एंबुलेंस वाले पेसेंट को एक हॉस्पीटल से दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए 12 हजार रुपये ले रहे हैं। कई डाक्टर महंगी दवाएं लिख रहे हैं। जबकि कोरोना के इलाज से उसका कोई लेना-देना नहीं है।