बिहार: JDU के स्टेट प्रसिडेंट बने रहेंगे उमेश सिंह कुशवाहा, अन्य किसी ने नहीं किया नॉमिनेशन
उमेश सिंह कुशवाहा बिहार प्रदेश जेडीयू के प्रसिडेंट बने रहेंगे। इसकी विधिवत घोषणा रविवार को होगी। जेडीयू स्टेट प्रसिडेंट के चुनाव को ले नॉमिनेशन की लास्ट डेट 26 नवंबर थी। नॉमिनेशन का समय खत्म होने तक केवल उमेश सिंह कुशवाहा ने ही नामांकन किया था।
- सीएम नीतीश और ललन सिंह का जताया आभार
पटना। उमेश सिंह कुशवाहा बिहार प्रदेश जेडीयू के प्रसिडेंट बने रहेंगे। इसकी विधिवत घोषणा रविवार को होगी। जेडीयू स्टेट प्रसिडेंट के चुनाव को ले नॉमिनेशन की लास्ट डेट 26 नवंबर थी। नॉमिनेशन का समय खत्म होने तक केवल उमेश सिंह कुशवाहा ने ही नामांकन किया था।
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जेडीयू के राज्य निर्वाचन अधिकारी जनार्दन प्रसाद सिंह ने कहा कि अब पार्टी के नये प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए अब मतदान नहीं होगा। तय कार्यक्रम के तहत 27 नवंबर को जदयू प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग होना था। उसी दिन नये अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी जायेगी।
बशिष्ठ नारायण की जगह उमेश को दिया गया था जिम्मा
पिछले वर्ष 10 जनवरी को जदयू ने उमेश सिंह कुशवाहा को अपना प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। उन्हें बशिष्ठ नारायण सिंह की जगह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष का जिम्मा दिया गया था। स्वास्थ्य कारणाें से बशिष्ठ नारायण सिंह नियमित रूप से जदयू प्रदेश अध्यक्ष काम संभालने में सक्षम नहीं थे।
2015 विधानसभा में उमेश कुशवाना ने जीत की थी जीत
उमेश सिंह कुशवाहा ने 2015 में महनार विधानसभा के चुनाव मे महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में एनडीए के डा. अच्युतानंद को 27 हजार वोटों से हराया था। वहीं 2020 में जब वह जदयू की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे तो वह राजद की वीणा देवी से चुनाव हार गए थे।
कुशवाहा ने पार्टी के सीनियर नेताओं का जताया आभार
अपने निर्विरोध निर्वाचन पर उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि वह सीएम नीतीश कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह तथा पार्टी के तमाम नेताओ व कार्यकर्ताओं के प्रति इस बात को लेकर आभार प्रकट करते हैं कि उन लोगों ने मुझ पर फिर से भरोसा किया। वह पार्टी के सिद्धांतो और नीतीश कुमार द्वारा किए गए कार्यों को आगे बढ़ाने की दिशा में सक्रिय रहेंगे।
उमेश के सहारे लव-कुश समीकरण को साधेगा जेडीयू
जेडीयू का समीकरण के मुताबिक उमेश कुशवाहा इस पद पर फिट बैठते हैं। लव-कुश समीकरण को लेकर चलने वाली जदयू के लिए प्रदेश अध्यक्ष कुशवाहा हो यह जरूरी है। सीएम नीतीश कुमार कुर्मी समुदाय से आते हैं। वह जदयू के सर्वमान्य नेता है। वहीं अगड़ों के नाम पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह हैं।ऐसे में की-पोस्ट पर कुशवाहा लीडर उमेश कुशवाहा मुनासिब नाम है। इनके नाम पर कोई विरोध भी नहीं है। उमेश कुशवाहा से बड़ा प्रदेश स्तर पर कुशवाहा में कोई नेता नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा ने पहले ही प्रदेश अध्यक्ष बनने से मना कर दिया है। वह जदयू संसदीय बोर्ड के चेयरमैन हैं। उमेश कुशवाहा को लेकर पार्टी में कोई गतिरोध नहीं है। उमेश कुशवाहा स्मूथ तरीके से पार्टी का संचालन कर रहे हैं। ना उनके खिलाफ कोई गुट बना है और ना ही वह किसी गुट में शामिल है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और सीएम नीतीश कुमार के आदेश पर वह उतना ही काम करते हैं जितना उन्हें कहा गया है वैसे भी उमेश कुशवाहा का पूरा टेन्योर नहीं हुआ था।
जेडीयू संगठन में बहुत फेरबदल की गुंजाइश नहीं
चर्चा में यह है कि जदयू और राजद का विलय होना है। ऐसे में जदयू कोई बड़ा रिस्क नहीं लेना चाहती है। जिस तरह से पार्टी स्मूथ तरीके से चल रही है। उसमें कोई भी व्यवधान नहीं डालना चाह रही है।आने वाले महीनों में यदि जदयू और आरजेडी का विलय हो जाता है तो, उमेश कुशवाहा को प्रदेश स्तर का ही कोई पोस्ट देकर लव-कुश समीकरण को नीतीश कुमार आगे भी साधेंगे। फिलहाल प्रदेश स्तर पर संगठन में बहुत फेरबदल की गुंजाइश नहीं दिख रही है।