Bihar: पटना में उग्र भीड़ ने गाड़ियों में लगायी आग, मंत्री के काफिले पर पथराव, पुलिस ने की लाठी चार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़े
पटना में बच्चों की मौत के मामले में कार्रवाई नहीं होने से आक्रोशित लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया। भीड़ ने कई वाहन फूंक दिए और मंत्री के काफिले पर पथराव किया। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

पटना। बिहार की राजधानी पटना में 15 अगस्त को हुई दो भाई-बहन की रहस्यमय मौत के मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने का आरोप लगाते हुए आक्रोशित लोगों ने सोमवार को अटल पथ पर जमकर हंगामा किया। दो वाहनों में आग लगा दिया। मंत्री के काफिले पर भी पथराव किया।
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घटना की सूचना मिलते ही आईजी, एसएसपी, एसपी सहित लोकल पुलिस स्टेशनों की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस सख्ती के बाद रात 8.30 बजे तक स्थिति कंट्रोल में हो गयी। अटल पथ पर इंद्रपुरी रोड नंबर 10 के समीप सैकड़ों लोग प्रदर्शन को जुटे थे। शाम लगभग छह बजे बच्चों को न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोग देखते-देखते उग्र हो गये।
उग्र लोगों ने दो घंटे से अधिक समय तक उपद्रव किया। अटल पथ पर ट्रैफिक बाधित हो गया। पुलिस ने स्थिति पर कंट्रोल का प्रयास किया तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू किया। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। उग्र प्रदर्शनकारियों ने एक स्कॉर्पियो और एक बाइक को फूंक दिया। उधर से गुजर रहे बाइक सवारों के साथ मारपीट भी की गयी। पथराव में आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। एक दर्जन से अधिक चारपहिया वाहनों के शीशे पथराव के दौरान टूट गए।
हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडेय का काफिला पर भी पथराव किया गया।इससे स्कॉर्ट वाहन का शीशा टूट गया। सात बजे से रात आठ बजे तक रुक रुक कर पथराव होता रहा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, फायरिंग भी हुई, लेकिन पुलिस ने इससे इन्कार किया है। उपद्रव के मामले में पुलिस ने चार लोगों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया है।घटना की सूचना पर आईजी जितेन्द्र राणा, एसएसपी कार्तिकेय शर्मा, सिटी एसपी दीक्षा समेत बड़ी संख्या में पुलिस के जवान घटनास्थल पर पहुंचे।आगजनी की सूचना अग्निशमन दस्ते को दी गई, जिसके बाद वाहनों में लगी आग बुझायी गयी। हंगामे के कारण वाहनों की लंबी लाइन लग गयी थी। रोड पर जाम लग गया।
आईजी और एसएसपी ने फायरिंग से इनकार करते हुए कहा कि कुछ पुलिसकर्मी चोटिल हुए हैं। उपद्रवियों की पहचान कर गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। आईजी ने कहा कि अभी तक छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उपद्रव के मामले में एफआइआर दर्ज की जायेगी। इससे पहले भी 21 अगस्त को लोगों ने प्रदर्शन किया था। पुलिस अफसरों ने आश्वासन दिया था कि दो दिनों में बच्चों की मौत का कारण बतायेंगे।इधर, बच्चों के माता-पिता ने पुलिस पर जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है। आक्रोशित लोगों का कहना था कि पुलिस की निष्क्रियता के कारण दोषी कानून की पकड़ से बाहर हैं।
यह है मामला
पाटलिपुत्र पुलिस स्टेशन एरिया के इंद्रपुरी रोड नम्बर 12 के पास 15 अगस्त की शाम एक घर के कैंपस में खड़ी कार से दो मासूम बच्चों के बॉडी बरामद हुए। दोनों मृतक पांचवर्षीय दीपक कुमार और सात वर्षीय लक्ष्मी भाई-बहन थे। बच्चों के पिता समस्तीपुर निवासी पिता गणेश साव पटना में मजदूरी करते हैं, जबकि मां दूसरों के घरों में काम करती हैं। परिजनों ने बच्चों की मर्डर का आरोप लगाया था।बच्चे 12 बजे दिन में ट्यूशन पढ़ने के लिए निकले थे। दोपहर तीन बजे नहीं लौटे तो मां ने शिक्षिका को फोन किया। उन्होंने कहा कि वे चले गये हैं।उसके बाद खोजबीन की गई तो शाम 6.30 बजे सूचना मिली कि गोकुल गली में एक पुरानी कार में बच्चों के बॉडी मिले हैं। वह कार चार महीने से खराब होने के कारण उपयोग में नहीं थी। परिजन वहां पहुंचे तो बच्ची की सांस चल रही थी, पर अस्पताल पहुंचते पहुंचते दोनों को मृत घोषित कर दिया गया।पोस्टमार्टम में दम घुटने से मौत बतायी गयी है। , हालांकि अभी बिसरा रिपोर्ट नहीं आयी है।
पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं आया, जिससे की हत्या की पुष्टि हो सके। मौत का कारण भी स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस न्यायालय से अनुमति लेने के बाद विसरा को एफएसएल जांच के लिए भेजी है। पुलिस इस मामले में बच्चों के घर से ट्यूशन जाने और वहां से जिस प्लॉट के कार में उनका शव मिला था, वहां तक आने जान वाले रास्ते में लगे 25 से अधिक सीसीटीवी कैमरों को खंगाल चुकी है। बच्चे ट्यूशन से घर जाते समय रास्ते में खेलते आगे बढ़ते नजर आए, लेकिन प्लॉट में कार तक कैसे पहुंचे? इसका यह स्पष्ट नहीं हो सका। प्लॉट के आसपास कैमरे नहीं मिले है। तकनीकी अनुसंधान भी जारी है। मामले की जांच के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया गया है।