चतरा: दस लाख का इनामी उग्रवादी रघुवंश गंझू समेत टीएसपीसी के दो उग्रवादियों ने किया सरेंडर
चतरा में प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी के दो उग्रवादियों ने दस लाख का इनामी उग्रवादी रघुवंश गंझू उर्फ चितेरन गंझू व एक लाख का इनामी सब जोनल कमांडर पत्थर गंझू उर्फ लक्ष्मण गंझू ने सोमवार को आर्म्स व कारतूसों के साथ सरेंडर किया है।
- एक लाख का इनामी सब जोनल कमांडर पत्थर गंझू उर्फ लक्ष्मण गंझू का भी सरेंडर
चतरा। प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी के दो उग्रवादियों ने सोमवार को आर्म्स व कारतूसों के साथ सरेंडर किया है। दस लाख का इनामी उग्रवादी रघुवंश गंझू उर्फ चितेरन गंझू व एक लाख का इनामी सब जोनल कमांडर पत्थर गंझू उर्फ लक्ष्मण गंझू पुलिस आफिस में डीसी दिव्यांशु झा, एसपी ऋषभ कुमार झा, सीआरपीएफ 190वीं बटालियन के कमांडेंट विजय कुमार बंसल एवं एएसपी (ऑपरेशन) निगम प्रसाद के समक्ष सरेंडर किया।
पत्थर उर्फ लक्ष्मण गंझू जिले के लावालौंग पुलिस स्टेशन एरिया के सकटीटांड निवासी विलास गंझू का पुत्र है। उसने एक एसएलआर, 145 कारतूस, एसएलआर का तीन मैगनीज, एक वर्दी और एक एम्युनिशन पाउच भी पुलिस को सौंपा है। लक्ष्मण गंझू के खिलाफ चतरा के अलावा रांची और लातेहार के विभिन्न पुलिस स्टेशन में 14 मामले दर्ज है। रघुवंश गंझू कुंदा पुलिस स्टेशन एरिया के आसेदीरी गांव निवासी चैतू गंझू का पुत्र है। रघुवंश ने एक राइफल, एक मैगजीन और दो सौ कारतूस के साथ सरेंडर किया है। इससे पूर्व 14 जनवरी को टीएसपीसी के सेकेंड इन चीफ मुकेश गंझू ने सरेंडर किया था। रघुवंश खिलाफ जिले के विभिन्न पुलिस स्टेशन में सात मामले दर्ज है। इनमें जिसमें पुलिस के साथ एनकाउंटर, मारपीट, हत्या का प्रयास, अपहरण और 17 सीएलए एक्ट आदि के धाराएं शामिल हैं।
मैके पर डीसी दिव्यांशु झा ने कहा कि राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर रघुवंश व पत्थर गंझू ने सरेंडर किया है। सरकारी घोषणा के अनुरूप योजना का शत प्रतिशत लाभ दिया जायेगा। एसपी ने कहा कि हथियार किसी समस्या का निदान नहीं है।टीएसपीसी हो अथवा भाकपा माओवादी या फिर दूसरे उग्रवादी-अपराधी संगठन, उनकी कोई नीति या सिद्धांत नहीं है। संगठन के नाम पर आतंक फैलाकर धन संग्रह वे कर रहे हैं। एसपी ने कहा कि समाज से विमुख हुए लोग सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं। सरेंडर करने वाले दोनों उग्रवादियों ने कहा कि संगठन में जाना उनके लिए जीवन की बड़ी गलती थी। इसका पश्चाताप आत्मसमर्पण से ही संभव था। उन्होंने कहा कि संगठन के नाम पर समाज में दहशत फैलाया जा रहा है। रघुवंश ने संगठन के दूसरे साथियों से अपील करते हुए कहा है कि हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करें और परिवार व बच्चों का भविष्य को सवारें।