मुहम्मदाबाद का नाम बदलकर अष्ट शहीद नगर एवं शेरपुर गांव को शहीद सेनानी गांव का दर्जा देने की मांग

उत्तर प्रदेश के मुहम्मदाबाद का नाम बदलकर अष्ट शहीद नगर करने के लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को पत्र लिखकर मांग की गई है। इस संदर्भ में युवा समाजसेवी एवं उद्योगपति संजय राय शेरपुरिया के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी गाजीपुर से मिलकर सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

मुहम्मदाबाद का नाम बदलकर अष्ट शहीद नगर एवं शेरपुर गांव को शहीद सेनानी गांव का दर्जा देने की मांग

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुहम्मदाबाद का नाम बदलकर अष्ट शहीद नगर करने के लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को पत्र लिखकर मांग की गई है। इस संदर्भ में युवा समाजसेवी एवं उद्योगपति संजय राय शेरपुरिया के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी गाजीपुर से मिलकर सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

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ज्ञापन में मुहम्मदाबाद का नाम बदलकर अष्ट शहीद नगर एवं शेरपुर गांव को शहीद सेनानी गांव का दर्जा देने की मांग की गयी। इस संदर्भ में एसडीजी चौपाल के नेशनल एंबेसडर संजय राय शेरपुरिया ने बताया कि अब तक मुहम्मदाबाद में किसी मुहम्मद ने जन्म नहीं लिया है।इसलिए आजादी के लिए अपना बलिदान देने वाले अष्ट शहीदों की याद में मुहम्मदाबाद का नाम अष्ट शहीद नगर किया जाये।मुहम्मदाबाद तहसील के 100 से ज्यादा स्वतंत्रता सेनानियों के एक गांव शेरपुर को शहीद सेनानी गांव का दर्जा दिया जाये। 
संजय राय शेरपुरिया ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव पर आजादी के महायज्ञ में आठ आठ सपूतों की आहुति देने वाली तथा सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों की जननी बलिदानी धरती शेरपुर गांव के तट पर अवस्थित है। शेरपुर की भौगोलिक सीमा लगभग 22 हजार एकड़ है। यह गांव भौगोलिक ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं को सोते हुए अपने आप को आजादी के 75 में सालों में अपने आप को बहुत पीछे खड़ा पा रहा है। आज तक इसके त्याग बलिदान एवं कदम के अनुरूप इसका सम्मान एवं विकास नहीं हो पाया है।
शेरपुर गांव शिक्षकों अधिकारियों उद्यमियों पत्रकारों पद्मश्री से सम्मानित व्यक्तियों ख्यातिलब्ध चिकित्सकों अभियंताओं अधिवक्ताओं अंतरराष्ट्रीय वालीबाल खिलाड़ियों राष्ट्रीय स्तर के पहलवानों सेना अर्धसैनिक बल पुलिस पुलिस में उच्च अधिकारियों सहित काफी संख्या में सैनिकों की जननी रही है। आजादी का जो लिखित स्वरूप है उसमें 18 अगस्त 1942 की उस घटना को उस रूप में अंगीकृत नहीं किया गया है। यह राष्ट्र के लिए मंथन एवं चिंतन योग्य है। जबकि यह शेरपुर के लिए गौरव का विषय है। शेरपुर गांव गाजीपुर जनपद के 10,000 से भी ज्यादा लोगों ने इसके लिए अपना समर्थन भी दिया है।