देवघर: बाबा मंदिर के मैनेजर रमेश परिहस्त हटाये गये, MLA अंबा प्रसाद से दुर्व्यवहार मामले में हुई कार्रवाई
महाशिवरात्रि के दिन देवघर बाबा मंदिर कैंपस में कांग्रेस एमएलए अंबा प्रसाद के साथ हुए विवाद के बाद डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने मंदिर के मुख्य रमेश परिहस्त को अगले आदेश तक के लिए कार्यमुक्त कर दिया है।
देवघर। महाशिवरात्रि के दिन देवघर बाबा मंदिर कैंपस में कांग्रेस एमएलए अंबा प्रसाद के साथ हुए विवाद के बाद डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने मंदिर के मुख्य मैनेजर रमेश परिहस्त को अगले आदेश तक के लिए कार्यमुक्त कर दिया है। इससे संबंधित पत्र गुरुवार को जारी कर दिया गया।डीसी मंजूनाथ ने अपने आदेश में कहा है कि महाशिवरात्रि के दिन हुई घटना की जांच चल रही है। इसलिए अगले आदेश तक मंदिर मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त कार्यमुक्त रहेंगे।
हालांकि अब तक इस मामले में किसी भी अफसर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। झारखंड विधानसभा में मामले को उठाते हुए अंबा प्रसाद ने एसडीओ व अफसरों के खिलाफ भी आरोप लगाया था। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा था कि राज्य के अधिकारी बेलगाम हो गये हैं। उन्होंने कार्रवाई करने को कहा था। लेकिन कार्रवाई सिर्फ मंदिर के मुख्य प्रबंधक के खिलाफ हुई है। देवघर के बाबा मंदिर परिसर में कांग्रेस एमएलए अंबा प्रसाद के साथ मंदिर मैनेजर रमेश परिहस्त द्वारा दुर्व्यवहार का मामला झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार को गूंजा। इस दौरान बीजेपी एमएलए ने सत्ताधारी दल की कांग्रेस एमएलए अंबा प्रसाद के साथ मंदिर प्रबंधक के व्यवहार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस पर स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने सरकार को एक्शन लेने का निर्देश दिया।
इसके आधार पर ही देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने डीडीसी को 48 घंटे के अंदर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।एमएलए अंबा प्रसाद ने मंदिर परिसर में हुए दुर्व्यवहार से आहत होते हुए कहा कि ऐसा व्यवहार मंदिर की पवित्रता को भंग करता है। उन्होंने एसडीओ पर विफलता का आरोप लगायी। मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त को तत्काल हटाने और एसडीओ की उपस्थिति में ऐसा होने पर जांच कर कार्रवाई की मांग की।पंडा धर्मरक्षिणी सभा ने भी मंदिर मैनेजर को हटाने और श्राइन बोर्ड की बैठक जल्द बुलाने की मांग की थी। सभा के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर मंदिर को सही तरीके से चलाना है, तो मैनेजर पर कार्रवाई करनी होगी। उनके खिलाफ कई प्रमाण हैं. वहीं, शीघ्र दर्शनम के मामले की जांच CBI से कराये जाने की मांग की गयी।
डीडीसी कर रहे हैं जांच
देवघर डीसी ने भी पूरे मामले की जांच का जिम्मा डीडीसी कुमार ताराचंद को दिया। डीडीसी ने दोनों पक्षों के लगभग हर एक सदस्य से बात की है। विधायक अंबा प्रसाद, उनके निजी सचिव, अंगरक्षक, सहायक व पुरोहित जो उनको पूजा करा रहे थे। इधर रमेश परिहस्त और वहां मौजूद उन अफसर व स्टाफ से भी मामले की जानकारी ली गयी है। अभी इस पर डीसी का निर्णय आना बाकी है। सभी लोगों से वन टू वन बातचीत की गयी। एमएलए से मोबाइल पर बातचीत की गयी है। मंदिर के स्टाफ से बात की गयी है। सीसीटीवी में जिन लोगों का फूटेज दिखा है, उन सबसे बातचीत की गयी है। घटनाक्रम के वक्त अथवा उस आसपास जो भी अफसर, स्टाफ थे सबसे जानकारी नोट की गयी है। जांच अधिकारी ने सीओ देवीपुर, बीडीओ मोहनपुर समेत उन सभी लोगों से जानकारी इकट्ठा किया है जो उस वक्त वहां थे या पहले से मौजूद थे। सारी बातचीत के आधार पर तथ्यात्मक रिपोर्ट बनाकर डीसीको सौंपी जा रही है।
एमएलए से हुआ था विवाद
महाशिवरात्रि के दिन बाबा मंदिर मैनेजर रमेश परिहस्त और बड़कागांव की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के बीच हॉट टॉक हुआ था। इससे संबंधित वीडियो भी वायरल हुए थे। एमएलए अंबा प्रसाद ने मामले को प्रमुखता से विधानसभा में रखा था। एमएलए ने एसडीओ सह मंदिर प्रभारी और मैनेजर पर कार्रवाई की मांग की थी। इसी आलोक में उक्त कार्रवाई की गयी है।
ऐसे मेनेजर बने थे रमेश
हाइकोर्ट की ओर से मंदिर के संचालन के लिए राज्य के प्रथम डीजीपी रहे टीपी सिन्हा की अध्यक्षता में प्रबंधन बोर्ड का गठन किया गया था। कोर्ट ने मंदिर के संचालन के लिए रिटायर और सेवाभाव से कार्य करनेवाले को मैनेजर के रूप में बहाली करने का निर्देश दिया था। बोर्ड ने मैनेजर की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकालने का निर्णय लिया। बाद में विज्ञापन नहीं निकला और 2005 में रमेश परिहस्त से असिस्टेंट मैनेजर के तौर पर कार्य लिया जाने लगा। इसके बाद बोर्ड ने 2007 में रमेश परिहस्त को ही मैनेजर नियुक्त कर दिया. बाद में कोर्ट ने 2015 के श्रावणी मेले में हुई भगदड़ के बाद मैनेजमेंट बोर्ड को भंग कर सरकार को श्राइन बोर्ड गठन करने का आदेश दिया। इसके बाद श्राइन बोर्ड के सीइओ संताल परगना के तत्कालीन कमिश्नर डॉ प्रदीप कुमार ने रमेश परिहस्त को 2017 में चीफ मैनेजर बनाने का आदेश जारी कर दिया था।