- 2.15 करोड़ रुपये व नौ करोड़ 79 लाख के घोटाले में सात वर्ष फिर एफआइआर
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद में झरिया अंचल के गोलकडीह में बीसीसीएल की ओसीपी खोलने के लिए भू-अर्जन के नाम पर हुए 2.15 करोड़ रुपये के घोटाले और आइआइटी आइएसएम के विस्तारीकरण के लिए जमीन अधिग्रहण के नाम पर लगभग नौ करोड़ 79 लाख के घोटाले में एसीबी ने शुक्रवार को दो अलग-अलग FIR दर्ज की है।
भूमि अधिग्रहण घोटाले के इन दोनों मामलों में एसीबी पहले भी तीन अलग-अलग FIR दर्ज कर चुकी है। अब सात वर्ष के बाद एक बार फिर दो नये एफआइआर दर्ज किये गये हैं। गोलकडीह भू-अर्जन घोटाले में 116 व आइएसएम घोटाले में एसीबी ने 10 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी है। गोलकडीह ओसीपी मामले में 10 अफसर और जमीन के नाम पर मुआवजा पाने वाले 106 लोग एक्युज्ड बनें हैं।
ऐसे लोगों में मुआवजा दिया, जिनका जमीन से कोई लेना-देना ही नहीं...
झरिया अंचल के गोलकडीह मौजा में 6.56 एकड़ जमीन बीसीसीएल की ओसीपी खोलने के लिए अधिग्रहित की गई थी। इसमें दलालों व भू-अर्जन के अफसरों ने मिलकर ऐसे लोगों को मुआवजा दिलवा दिया, जिनकी ना जमीन थी और ना ही कभी वहां घर रहा। इसमें दो करोड़ रुपये से अधिक की राशि का घोटाले हुआ था। बीसीसीएल से इस एवज में सिर्फ 13 लाख, 79 हजार, 402 रुपये मिले थे, मगर जिला प्रशासन के अफसरों ने 110 अवार्डियों (पंचाटों) के बीच दो करोड़ 15 लाख 88 हजार 629 रुपये बांट दिये थे।
डीसी के निर्देश पर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने गोलकडीह घोटाले की जांच की थी। डीसीको सौंपी रिपोर्ट में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने गड़बड़ियों का उल्लेख करते हुए जांच दल गठित कर किसी सीनीयर अफसर के नेतृत्व में विशेष जांच का अनुरोध किया।इसी के बाद डीसी ने अपर समाहर्ता के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की थी। एसी के जांच बाद यह मामला एसीबी को दिया गया था। आइएसएम के विस्तारीकरण के लिए रैयतों को जो भुगतान करना था, वह भी फर्जी लोगों के नाम पर भुगतान कर दिया गया था। इसमें तीन एकड़ जमीन के लिए लगभग नौ करोड़ 97 लाख रुपये का घोटाला किया गया था।
गोलकडीह मामले में एक्युज्ड
गोलकडीह मामले में दर्ज एफआइआर में तत्कालीन जिला भू-अर्जन पदाधिकारी लाला मोहन नायक, प्रभारी कानूनगो विजय कुमार सिंह, अमीन साधु शरण पाठक, श्यामपद मंडल, रामाशंकर प्रसाद, नाजिर मो. जिलानी, कार्यपालक अभियंता राजकुमार प्रसाद, सहायक अभियंता अरुण कुमार सिंह, कनीय अभियंता जगतानंद प्रसाद, अधिवक्ता रमेश कुमार महतो, प्रियंका कुमारी, सोनी कुमारी, बेबी देवी, गुड़िया कुमारी, पिंकी कुमारी, संजय कुमार, रुबी देवी, अगनता देवी, कार्तिक भंडारी, भीम महतो, बासुदेव महतो, प्रमिला देवी, सतीश महतो, माधव महतो, मलय कुमार पाल, अलका देवी, विजेंद्र सिंह, सहदेव महतो, अशोक प्रमाणिक, विमल रवानी, नौमी देवी, कोमल कुमारी, गीता देवी, मंगल सहिस, दुर्गा देवी, कुंती माल्हीन, आनंद महतो, अमिंद्र महतो, मकर दास, सुधीर कुमार, बादल चंद्र गोस्वामी, लखीराम महतो, रुमा देवी, नारायणी देवी, आशा देवी, अशोक गुप्ता, मटुक महतो, प्रदीप कुमार, शकुंतला देवी, तारामुणि कुमारी, सोनी कुमारी, पदमा सिंह, आभा कुमारी, अंजना सरकार, शीला चौधरी, रीना कुमारी, भानू देवी, अजीत महतो, सुनीता देवी, बेनिया महताईन, संजय महतो, सुनीता देवी, अजय कुमार सिंह, लालटु मालाकार, दिलीप कुमार, मीना देवी, बेदामी कुमारी, रंजू सिंह, शोभा कुमारी, रीना मजूमदार, ज्योति देवी, सुजाता कुमारी, दिनेश भारती, बिंदा देवी, किशोर मंडल, प्रिंस कुमार वर्णवाल, दिलीप साह, लखीकांत प्रमाणिक, महेश महतो, बुलेट महतो, राधे यादव, पुतुल देवी, जावा महतो, बादल महतो, बीरबल महतो, प्रदीप महतो, निरंजन महतो, कैलाश महतो, लक्ष्मीकांत महतो, महादेव महतो, प्रेम कुमार, अंजनी कुमारी, अनीता देवी, गोपाल महतो, मिथुन रवानी, प्रमेश्वर तिवारी, आशीष घोष, स्वपन वाश्रति, राजेश भारती, अशोक कुमार महतो, विक्की कर्मकार, जूली कुमारी, प्रतिमा देवी, सुनीता देवी, अनील साह, रश्मी अग्रवाल, रीति अग्रवाल, मोहित महतो, पूनम कुमारी, कविता कुमारी, नितेश कुमार, अमिता आर्या, राजेश कुमार, जयप्रकाश राजभर, किकी आर्या, जितेंद्र शर्मा व रूपा कुमारी को एक्युज्ड बनाया गया है।
आइएसएम घोटाले के एक्युज्ड
आइएसएम घोटाले में तत्कालीन जिला भू-अर्जन पदाधिकारी उदयकांत पाठक, हजारीबाग के जिला भू- अर्जन पदाधिकारी श्रीनारायण विज्ञान प्रभाकर, सुषमा प्रसाद, केदारनाथ वर्मा, मालती देवी, कृतेंद्र कुमार कौशिक, रविंद्रनाथ सिंह, तनुजा सिंह, अभिषेक कुमार और वीरेंद्र कुमार मिश्रा के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है।