धनबाद: निरसा में साइबर क्राइम की प्लान बनाते अरेस्ट चारों क्रिमिनल गये जेल, 16 के खिलाफ एफआइआर
निरसा पुलिस ने साइबर क्राइम की प्लान बनाते पिठाकियारी गांव से अरेस्ट चार साइबर क्रिमिनलों को कोर्ट में पेशी के बाद शुक्रवार को जेल भेज दिया। इनमें पिठाकियारी निवासी विशाल रविदास, राहुल रविदास, श्याम रविदास व पश्चिम बंगाल के जमुड़िया निवासी फिरदौस अंसारी शामिल हैं।
धनबाद। निरसा पुलिस ने साइबर क्राइम की प्लान बनाते पिठाकियारी गांव से अरेस्ट चार साइबर क्रिमिनलों को कोर्ट में पेशी के बाद शुक्रवार को जेल भेज दिया। इनमें पिठाकियारी निवासी विशाल रविदास, राहुल रविदास, श्याम रविदास व पश्चिम बंगाल के जमुड़िया निवासी फिरदौस अंसारी शामिल हैं।
निरसा एसडीपीओ विजय कुशवाहा ने शुक्रवार को निरसा पुलिस स्टेशन में प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस मामले में 16 लोगों के खिलाफ नेम्ड FIR दर्ज की है।12 अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस रेड कर रही है। डीएसपी बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि पिठाकियारी के रहने वाले विशाल रविदास के घर आकर साइबर क्रिमिनल बैंकिग आवर में मोबाइल व लैपटॉप के माध्यम से लोगों से नेट बैंकिग के माध्यम से ठगी का काम करते हैं। इसी आधार पर रेड कर पिठाकियारी से विशाल रविदास व राहुल रविदास को अरेस्ट किया गया। पुलिस को देख श्याम रविदास व फिरदौस अंसारी भागने लगे। पुलिस उन्हें दौड़ा कर पकड़ने में सफल रही। पुलिस इनलोगों के पास से चार एटीएम कार्ड, आठ मोबाइल सेट, दो सिम कार्ड व लूट का 13 हजार दो कैश रुपये कैश बरामद किया गया है। इनलोगों ने स्वीकार किया है कि वे पिछले दो वर्षों से साइबर क्राइम करते आ रहे हैं। रेड में निरसा थानेदार सुभाष सिंह, साइबर थाना धनबाद के लोग भी शामिल थे।
फर्जी बैंक अफसर बनकर खोला फेसबुक अकाउंट
एसडीपीओ ने बताया कि विशाल रविदास व राहुल रविदास ने बैंक का फर्जी लोगो लगाकर व अफसर बनकर फेसबुक अकाउंट बनाये हुए हैं। ये फेसबुक में लिखते थे कि जिन्हें भी बैंकिग से कोई समस्या है वह अपनी समस्या उन्हें बताये, उसका समाधान किया जायेगा। लोग अपनी कंपलेन करते थे जिसका ये लोग बैंक अफसर बनकर जवाब देते थे। इसी क्रम में ये लोग कस्टमर्स को एसटीडीआर, टीडीआर आदि की डिटेल्स जानकारी देकर प्रभावित कर लेते थे। झांसा देकर उनका ओटीपी नंबर व उनके बैंक के अकाउंट का सिक्रेट नंबर हासिल कर अकाउंट से पैसे निकाल लेते थे। विशाल व राहुल को बैंकिग के बारे में अच्छी खासी जानकारी है। पूछताछ में विशाल ने बताया कि वे लोग एसबीआई के योनो एप्स के माध्यम से ज्यादा लोगों से धोखाधड़ी करने में सफल होते रहे हैं। ये लोग अन्य बैंकों के भी ज्यादातर एप्स की जानकारी अपने पास रखते थे। जो इनके फेसबुक अकाउंट में फ्रेंज बनते हैं उन्हें एप्स व बैंक से संबंधित अन्य जानकारी उपलब्ध करवा कर उनका ओटीपी नंबर हासिल कर फर्जी अकाउंट बनाकर उनके पैसे अकाउंट से उड़ा लेते थे।
जाली पते पर सिम कार्ड, पेन कार्ड उपलब्ध करवाता था फिरदौस
एसडीपीओ ने बताया कि पश्चिम बंगाल जमुड़िया निवासी फिरदौस व उसका भाई अफजल जिन लोगों ठगी करनी है उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड, फर्जी सिम कार्ड, बैंक अकाउंट का डिटेल्स उपलब्ध करवाते थे। इसके लिए ये लोग शिकार के पीछे कई दिनों तक घूमते थे। वह जहां जाता था उसके पीछे पीछे जाकर सारी जानकारी लेकर अपने साथियों को उपलब्ध करवाते थे।