धनबाद: ओम दिनकर सेवा ट्रस्ट में फिर विवाद, अनुशासनहीनता, आहत प्रसिडेंट ने दिया इस्तीफा 

ऊं दिनकर सेवा ट्रस्ट के धनबाद में फिर विवाद शुरु हो गया है। चंद लोगों द्वारा प्रसिडेंट की अनदेखी के साथ उन्हें अपमानित किया जा रहा है। आहत होकर ट्रस्ट के प्रसिडेंट प्रमोद कुमार ने पद स् इस्तीक्षा दे दिया है। उन्होंने ट्रस्ट के व्हाट्सएप ग्रुप में इस्तीफा दिये जाने की घोषणा की है।हालांकि ट्रस्ट के लोग किसी तरह की गड़बड़ी व विवादा पर खुलकर बोलने से बच रहे हैं। 

धनबाद: ओम दिनकर सेवा ट्रस्ट में फिर विवाद, अनुशासनहीनता, आहत प्रसिडेंट ने दिया इस्तीफा 
प्रमोद कुमार (फाइल फोटो)।

धनबाद। ऊं दिनकर सेवा ट्रस्ट के धनबाद में फिर विवाद शुरु हो गया है। चंद लोगों द्वारा प्रसिडेंट की अनदेखी के साथ उन्हें अपमानित किया जा रहा है। आहत होकर ट्रस्ट के प्रसिडेंट प्रमोद कुमार ने पद स् इस्तीक्षा दे दिया है। उन्होंने ट्रस्ट के व्हाट्सएप ग्रुप में इस्तीफा दिये जाने की घोषणा की है।हालांकि ट्रस्ट के लोग किसी तरह की गड़बड़ी व विवादा पर खुलकर बोलने से बच रहे हैं। 

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प्रसिडेंट श्री कुमार ने एक पदाधिकारी का नाम उल्लेख करते हुए लिखा है कि उनके बात से बहुत दुखी हैं। कहा है कि उनके शब्दों को मै लिख नहीं सकता क्या सत्य पथ पर चलने का यही शिला मुझे मिलेगा। फैसला आपको कराना है। मैं अपने स्वास्थ्य कारणों से ओम दिनकर सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं। आज से इसको माना जाएगा आप लोगों के साथ मेरी शुभकामनाएं है।हालांकि मामले में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। 
ऊं दिनकर सेवा ट्रस्ट ब्रह्रर्षी परिवार से जुड़े लोगों का संगठन है। इस समाज से जुड़े लोग संगठन के माध्यम से सामाजिक कार्य करते हैं। हाल के कुछ वर्षों के समाज के ही चंद लोग ट्रस्ट को अपनी पब्लिसिटी का माध्यम बनाना चाहते हैं। इसके माध्यम से समाज का कथित रहनुमा बनना चाहते हैं। एक ग्रुप इसका खिलाफत कर रहे हैं। कार्यक्रमों के आयेजन का आय-व्यय सही से ऑडिट नहीं होता है। ऐसे मामले में जो लोग नियम-कानून व एकजुटता की बात कहते हैं उन्हें साइड कर दिया जाता है। कुछ लोग अपने मन के पदाधिकारियों को थोपना चाहते हैं। यही विवाद का कारण बन रहा है। 
बताया जाता है कि पिछली बार कमेटी में प्रसिडेंट व जेनरल सेकरेटरी कोभी अपमानित कर हटाया गया था। योजना के तहत नये लोगों को जिम्मेवारी दी गयी। चंद लोग हावी होने लगे। कुछ ही माह में महासचिव पद छोड़कर अलग हो गये। नये महासचिव की नियुक्ति की गयी। प्रसिडेंट जब नियम कानून व हिसाब-किताब की बात किये तो उन्हें टारगेट किया जाने लगा। इस कारण उन्हें पद छोड़ना पड़ा है। इस बार भी वही लोग हैं जो पिछले प्रसिडेंट के साथ गलत किये थे। 

 ग्रुप में एक सदस्य ने लिखा है कि पिछले अध्यक्ष जैसा धमका कर अपशब्द का प्रयोग कर नये प्रसिडेंट को हटाने का प्रयास शुरू कर दिया गया।सचिव को पहले ही निगलेट कर दिया गया है।वह अपना इज्जत बचाकर साईड पकड़ लिया है। कहा जा रहा है कि अगर ट्रस्ट चलाने है तो ऐसे मात्र चार लोगों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर उन्हें निकालने हीं होंगे। नहीं तो यह ट्रस्ट नहीं चलेगा केवल राजनीति और चंदा करने और उसका सामंजस्य करने में चला जायेगा। इसका आशंका हम कल हीं जता चुके थे क्योंकि यह वही लोग थे जो पूर्व अध्यक्ष नर्मदेश्वर प्रसाद सिंह को बार बार अपशब्द बोल कर दबाव बनाते थे। अपने कटु वाक्यों का प्रयोग कर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का बार बार प्रयास किया करते थे। इनका चरित्र और चेहरा पुनः एक बार उजागर हो गया।