धनबाद: RCMS (राजेंद्र गुट) हुआ राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन, इंटक से मान्यता
राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ (राजेंद्र गुट) का अस्तिव खत्म हो गया। राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ (राजेंद्र गुट) नाम बदलकर अब हुआ राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन कर दिया गया है। नये यूनियन का इंटक से मान्यता मिलने का दावा किया जा रहा है।
- संघ का दुरुपयोग करने के कारण बदला गया नाम:अनूप
- संतोष सिंह ने आरसीएमएसए राजेंद्र गुट से दिया इस्तीफा
धनबाद। राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ (राजेंद्र गुट) का अस्तिव खत्म हो गया। राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ (राजेंद्र गुट) नाम बदलकर अब हुआ राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन कर दिया गया है। नये यूनियन का इंटक से मान्यता मिलने का दावा किया जा रहा है।
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टाटा स्टील झरिया डिवीजन जामाडोबा जीएम ऑफिस सभागार में रविवार को राकोमसं (राजेंद्र गुट) की कार्यसमिति की बैठक अध्यक्षता में हुई। संघ के अध्यक्ष सह एमएलए अनूप सिंह व सभी पदाधिकारियों की सर्वसम्म्मति से नाम में परिवर्तन किया गया। राष्ट्रीय कोलयरी मजदूर संघ को अब राष्ट्रीय कोलयरी मजदूर यूनियन के नाम से जाना जायेगा। यूनियन का अध्यक्ष बेरमो एमएलए अनूप सिंह, महामंत्री एके झा व कोषाध्यक्ष संतोष महतो को बनाया गया है।यह जानकारी प्रेस कांफ्रेस में एमएलए अनूप सिंह ने दी।
उन्होंने कहा कि यूनियन के नाम को इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी ने मान्यता प्रदान कर दी है। इसकी जानकारी पत्र के माध्यम से उन्होंने झारखंड प्रदेश के रजिस्ट्रार, बीसीसीएल, सीसीएल, सेल आदि के सीनीयर अफसरों को दिया है। संघ के नाम का दुरुपयोग एक्स एमपी चंद्रशेखर उर्फ ददई दुबे, ललन चौबे, केएन त्रिपाठी कर रहे थे। इससे मजदूरों में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। मजदूरों की लड़ाई कमजोर पड़ रही थी।
उनके पास एक भी मजदूर नहीं है, सिर्फ नेता बचे हैं। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील में हमारा यूनियन एसएस जामा एवं संतोष महतो के नेतृत्व में मजबूत है। यहां के मजदूर अपना प्रतिनिधि बैलट के माध्यम से चुनते हैं। महामंत्री एके झा ने कहा कि केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति के विरोध में 28, 29 को होने वाली हड़ताल में यूनियन बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेगी।
सुरेशचंद्र झा व केपी सिंह यूनियन से निकाले गये
संघ नाम में बदलाव का विरोध करने वाले सुरेशचंद्र झा व केपी सिंह को बैठक से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसपर झा ने महामंत्री पर कई तरह के आरोप लगाते हुए कहा कि नाम का बदलाव ठीक नहीं है। इससे मजदूरों में गलत संदेश जायेगा।
अनूप संघ के मेंबर नहीं, ठेकेदारी के लिए राजनीति: ललन
राकोमसं के महामंत्री ललन चौबे ने कहा कि एमएलए अनूप सिंह ने वर्ष 2009 से लेकर अभी तक संघ की सदस्यता ग्रहण नहीं की तो संघ का नामकरण कैसे कर दिया। यह सिर्फ अफसरों के साथ मिलकर ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देने के लिए खेल खेला जा रहा है। उन्होंने नामकरण का विरोध करने वाले सुरेशचंद्र झा एवं केपी सिंह को उनके संघ से जुड़ने की अपील की।
संतोष सिंह ने आरसीएमएसए राजेंद्र गुट से दिया इस्तीफा
राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ व फेडरेशन (राजेंद्र गुट) के संगठन सचिव संतोष कुमार सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। संतोष ने रविवार को संघ के अध्यक्ष सह एमएलए अनूप सिंह को पत्र लिखकर प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने की घोषणा की। संतोष सिंह के इस्तीफा को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही है।उल्लेखनीय है कि संघ के अध्यक्ष व बेरमो एमएलए अनूप सिंह से संतोष सिंह के संबंध काफी अच्छे थे। हाल के दिनों में एमएलए बनने के बाद दोनों के बीच संबंधों में कमी आने की चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि एमएलए बनने के बाद अनूप सिंह का झुकाव संतोष सिंह के विरोधी लोगों के प्रति अधिक हो गया है। इस कारण संबंधों में कमी आई है। हालांकि इस संबंध में संतोष सिंह ने कहा कि व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है। इंटक में अभी भी बने हुए हैं। अनूप सिंह से व्यक्तिगत संबंध पहले की तरह ही बेहतर है।
संतोष भाई है, इस्तीफा की जानकारी नहीं : अनूप
राकोमसं एवं फेडरेशन के सभी पदों से संतोष सिंह के इस्तीफा देने के सवाल पर अनूप सिंह ने कहा कि संतोष सिंह अपना भाई है। उनकेइस्तीफा की जानकारी नहीं है।उनसे बात की जायेगी। संतोष सिंह से उनका अच्छा संबंध है। उनसे उनकी कोई नाराजगी नहीं है। यूनियन के कुछ लोगों से नाराजगी हो सकती है।परंतु कांग्रेस का विरोध करनेवाला कोई व्यक्ति हमारा सहयोगी नहीं हो सकता।