धनबाद: शुल्क समिति की सहमति के बिना स्कूल नहीं बढ़ा सकते फीस : डीसी

झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के प्रावधानों के अनुसार जिला शुल्क समिति का गठन किया गया है। जिले में पांच सदस्यों के नामित होते ही जिला शुल्क समिति सोमवार से अस्तित्व में आ गई। समिति स्कूलों का शुल्क तय करने का अधिकार है। इसके तहत अब यह समिति पब्लिक स्कूलों में नामांकन, टयूशन, वार्षिक या किसी तरह से ली जा रही री-एडमिशन फीस को कंट्रोल करेगी। 

धनबाद: शुल्क समिति की सहमति के बिना स्कूल नहीं बढ़ा सकते फीस : डीसी

धनबाद। झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के प्रावधानों के अनुसार जिला शुल्क समिति का गठन किया गया है। जिले में पांच सदस्यों के नामित होते ही जिला शुल्क समिति सोमवार से अस्तित्व में आ गई। समिति स्कूलों का शुल्क तय करने का अधिकार है। इसके तहत अब यह समिति पब्लिक स्कूलों में नामांकन, टयूशन, वार्षिक या किसी तरह से ली जा रही री-एडमिशन फीस को कंट्रोल करेगी। 

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डीसी संदीप सिंह की अध्यक्षता में जिला शुल्क समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने प्रस्ताव रखें। इसके बाद सर्वसम्मति से समिति में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट, दो स्कूल के प्रिंसिपल तथा दो अभिभावक का चयन कर समिति में शामिल किया गया। समिति में दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल डा. सरिता सिन्हा,राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर के प्रिंसिपल सुमंत कुमार मिश्रा, मनोज शर्मा, अभिभावक किड्स गार्डन झरिया, संतोष सिंह, अभिभावक डीएवी कोयला नगर,अजय कुमार, चाटर्ड अकाउंटेंट को शामिल किया गया है। इस दौरान प्राइवेट स्कूलों के फीसको लेकर भी चर्चा की गई।

डीसी ने कहा कि पब्लिक स्कूल के शुल्क निर्धारण के संबंध में नियम निर्धारित है। नियम के अतिरिक्त यदि किसी प्राइवेट स्कूल को फीस बढ़ानी है तो जिला शुल्क समिति का अनुमोदन प्राप्त करना होगा। कोरोना काल में किसी भी स्कूल में नियमित क्लास नहीं चल रहे थे। उस समय राज्य सरकार द्वारा शुल्क के लिए दिशानिर्देश जारी हुए थे। कोरोना काल में यदि किसी स्कूल द्वारा निर्देश का उल्लंघन किया गया है तो इसकी सूचना मिलने पर नियम संगत कार्रवाई की जायेगी। 
10 परसेंट से अधिक फीस खुद से नहीं बढ़ा सकते स्कूल

झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के तहत प्रत्येक स्कूलों में भी शुल्क समिति बनानी है। उसमें भी अभिभावक प्रतिनिधि शामिल होंगे। स्कूल लेवल पर कोई भी स्कूल 10 परसेंट से अधिक शुल्क नहीं बढ़ा सकता है। इससे अधिक शुल्क बढ़ाने से पहले जिला स्तरीय शुल्क समिति से अनुमोदन जरूरी होगा। अनुमोदन मिलने के बाद ही नया शुल्क लागू होगा। जिले में 64 से अधिक सीबीएसई स्कूल हैं, वहीं 11 आइसीएसई स्कूल हैं। इसके अलावा गैर मान्यता प्राप्त स्कूल भी काफी संख्या में है। शुल्क बढ़ोतरी की लगातार शिकायतों के बाद भी अभिभावकों की सुनवाई शुल्क समिति गठित नहीं रहने के करण नहीं हो पा रही थी।

बैठक में डीएवी स्कूल की फीस वृद्धि का मामला उठा

जिला शुल्क समिति की बैठक में डीएवी स्कूल में फीस वृद्धि का मुद्दा उठा। धनबाद विधायक प्रतिनिधि मनोज मालाकार ने बैठक के दौरान कहा कि डीएवी स्कूल के अभिभावक लगातार शुल्क वृद्धि की शिकायत कर रहे हैं। अभिभावकों ने शिकायत की है कि 50 से 55 प्रतिशत तक शुल्क स्कूल ने बढ़ा दिया गया है। अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी डीएवी के मामले को उठाया। इस पर डीसी ने कहा कि अब शुल्क समिति का गठन हो गया है। समिति अब इस मामले में निर्णय लेगी। वहीं गर्मी को देखते हुए मनोज मालाकार ने कहा कि पांचवी कक्षा तक के समय में बदलाव किया जाए। इस पर डीसी संदीप सिंह ने कहा कि इस संबंध में सचिव से वार्ता कर इस मामले में निर्णय लिया जायेगा।

बैठक में डीसी संदीप सिंह, जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्र भूषण सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस, एमपी धनबाद, एमपी गिरिडीह, एमएलए धनबाद, झरिया व बाघमारा के प्रतिनिधि उपस्थित थे।