धनबाद: बीसीसीएल इजे एरिया में मृत मजदूर के आश्रित के नियोजन पर नहीं बनी सहमति, बॉडी के साथ धरना जारी
बीसीसीएल ईजे एरिया के सुदामडीह एएसपी कोलियरी इंकलाइन हाजिरी घर के पास रविवार को दूसरे दिन भी कोल कर्मी मोतीलाल मांझी का बॉडी पड़ा रहा। मोतीलाल के बॉडी के साथ 48 घंटे से उनके आश्रित को नियोजन व मुआवजा देने की मांग को लेकर संयुक्त मोर्चा के नेता व परिजन अड़े हैं।
- अरुप चटर्जी ने चेताया-कोयला भवन पर करेंगे कर्मी का अंतिम संस्कार
धनबाद। बीसीसीएल ईजे एरिया के सुदामडीह एएसपी कोलियरी इंकलाइन हाजिरी घर के पास रविवार को दूसरे दिन भी कोल कर्मी मोतीलाल मांझी का बॉडी पड़ा रहा। मोतीलाल के बॉडी के साथ 48 घंटे से उनके आश्रित को नियोजन व मुआवजा देने की मांग को लेकर संयुक्त मोर्चा के नेता व परिजन अड़े हैं।
मजदूरों ने मैनेजमेंट के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।एक्स मिनिस्टर व चंदनकियारी एमएलए अमर कुमार बाउरी व निरसा के एक्स एमएलए अरूप चटर्जी हाजिरी घर के पास पहुंच मृतक के परिजनों को ढाढ़स बंधाया। मृतक के आश्रित को नियोजन, मुआवजा सहित समुचित लाभ नहीं देने पर आंदोलन की चेतावनी दी। मोर्चा के नेताओं व प्रबंधन के साथ जीएम ऑफिस में वार्ता बेनतीजा रही। एमएलए अमर बाउरी ने कहा कि प्रबंधन की चूक के कारण समय पूर्व मोतीलाल को रिटायर कर दिया गया। उन्होंने सारे दस्तावेज प्रबंधन को सुपुर्द कर प्रबंधन को उनके गलत निर्णय की ओर ध्यान आकृष्ट कराया था, बावजूद मैनेजमेंट ने सही समय पर निर्णय नहीं लिया। इसके कारण उनकी मौत हुई। इसके लिए मैनेजमेंट दोषी है। मैनेजमेंट अविलंब मृतक के आश्रित को नौकरी दे, अन्यथा उग्र आंदोलन करेंगे। अरूप चटर्जी ने कहा कि प्रबंधन की लापरवाही का खमियाजा मजदूर के परिजन भुगत रहे हैं। प्रबंधन तत्काल नियोजन दें। जरूरत पड़ी तो मृतक के शव को लेकर कोयला भवन के समक्ष अंतिम संस्कार करेंगे।संयुक्त मोर्चा ने सोमवार से ईजे एरिया का चक्का जाम करने की चेतावनी दी है।
मौके पर एसके शाही, निताई महतो, संजय सिंह, सबुर गोराई, मौसम महंती, फुलबदन धोबी, राजेश सिंह, अरिजय श्रीवास्तव, चंदन महतो, सुमित सुपकार, ध्रुव हरि, रंजय कुमार, सुभाष तिवारी, उत्तम गोस्वामी, प्रेम तिवारी आदि यूनियन नेता डटे हुए हैं।ईजे एरियाके जीएम एसएस दास ने कहा है कि मृत कोल कर्मी के स्वजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है। कर्मी को रेगुलाइज करने के लिए मोर्चा के नेताओं से 72 घंटे का समय मांगा था। इसके बाद ही मृतक के आश्रित को नियोजन से संबंधित फाइल का अनुमोदन होगा, लेकिन मोर्चा के लोग नहीं माने।