धनबाद: नहीं हो पाई विश्वकर्मा प्रोजेक्ट में मैनुअल लोडिंग, ट्रक लोडिग को लेकर महिलाओं में हाथापाई
बीसीसीएल की विश्वकर्मा प्रोजेक्ट में तीन साल बंद ट्क लोडिंग बुधवार को भी विवाद के कारण शुरु नहीं हो सका। मैनुअल ट्रक लोडिग की मांग को लेकर मासस, जमसं कुंती गुट व युवा बेरोजगार मंच के समर्थक आमने-सामने हो गये। मासस व युवा बेरोजगार मंच की महिला समर्थकों में हाथापाई भी हुई।
- विवाद के कारण बंद हैं तीन वर्षों से लोडिंग
- मासस जमसं कुंती गुट व युवा बेरोजगार मंच के समर्थक आमने-सामने
- मासस व युवा बेरोजगार मंच की महिला समर्थकों में हाथापाई
धनबाद।बीसीसीएल की विश्वकर्मा प्रोजेक्ट में तीन साल बंद ट्क लोडिंग बुधवार को भी विवाद के कारण शुरु नहीं हो सका। मैनुअल ट्रक लोडिग की मांग को लेकर मासस, जमसं कुंती गुट व युवा बेरोजगार मंच के समर्थक आमने-सामने हो गये। मासस व युवा बेरोजगार मंच की महिला समर्थकों में हाथापाई भी हुई।
आंदोलन का लीडरशीप कर रहे नेताओं ने अपने-अपने समर्थकों को शांत कराया। मैनुअल लोडिग को लेकर तीनों गुटों में भिड़ंत होते-होते बच गई। विवाद की सूचना पाकर सीआइएसएफ के जवान मौके पर पहुंचे। हालांकि लोडिग के लिए ट्रक के नहीं पहुंचने पर तीनों गुट के समर्थक लौट गये। मासस का नेतृत्व सुमन हांसदा, जमसं के देशराज चौहान व युवा बेरोजगार मंच के गुड्डू सिंह कर रहे थे।
विश्वकर्मा प्रोजेक्ट में मैनुअल ट्रक लोडिग शुरू करने को लेकर यहां छह सौ टन कोयला का अलाटमेंट किया गया है। मैनेजमेंट तीन साल से बंद ट्रक लोडिग को शुरू कराने के प्रयास में जुटा हुआ है। तीनों गुटों में समझौता नहीं होने के कारण ट्रक लोडिग का कार्य शुरू नहीं हो सका है। न ट्रक लोडिग को लेकर यहां खूनी संघर्ष की संभावना बनी हुई है। लोडिंग को लेकरअसंगठित मजदूरों के गुटों में हिसक झड़प हो सकती है। बावजूद जिला प्रशासन की ओर से इसे रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। एमपी पीएन सिंह व एमएलए राज सिन्हा भी डीसी को पत्र देकर मामले की जानकारी दी है। बीसीसीएल मैनेजमेंट असहाय बना हुआ है।
यहां ट्रक लोडिग में अपने-अपनी दावेदारी को लेकर हर गुट एक दूसरे से मारपीट करने पर उतारू हैं। कोल का अलाटमेंट होने के बाद भी ट्रक लगाने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। हालांकि पीओ एसके सिंह 15 दिन पूर्व धनसार पुलिस को लेटर देकर सुरक्षा की मांग की है। स्पेशल ब्रांच की ओर से पुलिस हेडक्वर्टर को रिपोर्ट भेजी गयी है कि विश्वकर्मा प्रोजेक्ट में मैनुअल लोडिंग में वर्चस्व को लेकर कई गुटों मे विवाद हो रहा है। इसके चलते हिसक झड़प की आशंका बनी हुई है।
एमएलए, एक्स एमएलए व सिंह मेंशन का समर्थन
मैनुअल लोडिग शुरू कराने को लेकर एमएलए व एक्स एमएलए भी एक्टिव हैं।बावजूद इसके लोडिग कार्य चालू नहीं हो पा रहा है। युवा बेरोजगार मंच को धनबाद एमएलए राज सिन्हा, मासस को एक्स एमएलए अरूप चटर्जी और जमसं को बीजेपी लीडर रागिनी सिंह का समर्थन है। विश्वकर्मा प्रोजेक्ट के मैनेजर रानू रंजन का कहना है कि मैनुअल ट्रक लोडिग शुरू कराने के लिए ही कोयला का अलाटमेंट किया गया है। विवाद नहीं सलटने के कारण ट्रक लोडिग कराने में दिक्कत हो रही हैं। गुटों में विवाद समाप्त होने के बाद ही नियमित ट्रक लोडिग शुरू हो पायेगी।
लोकल मजदूरों को काम देने की मांग
एमपी पीएन सिंह ने डीसी को पत्र लिख कर कहा है कि धनसार विश्वकर्मा प्रोजेक्ट में विवाद को सुलझाये बगैर लोडिंग शुरू कराने का प्रयास गलत है। इससे वहां खूनी संघर्ष की संभावना बन रही है। जिला प्रशासन को वहां पर हस्तक्षेप करना चाहिए। लोडिंग के काम में स्थानीय मजदूरों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। प्रशासन को मजदूरों के आधार कार्ड की जांच करनी चाहिए।
लोकल व बाहरी विवाद में तीन साल से बंद है लोडिंग
बीसीसीएल कसुंडा एरिया की विश्वकर्मा प्रोजेक्ट में 16 जनवरी 2018 से ही लिंकेज कोयले का उठाव बंद है. जिला प्रशासन, बीसीसीएल और लोडिंग मजदूरों के नेताओं के बीच कई बार बैठक हुई पर कोयले का उठाव आज तक शुरू नहीं हो सका। यहां काम करने वाले 500 से अधिक लोडिंग मजदूर बेरोजगार हैं।वहीं लिंकेज कोयले का ऑफर रहने के बावजूद कोयला उठाव नहीं होने से बीसीसीएल और स्टेट गवर्नमेंट को प्रतिमाह करोड़ों रुपये के रेवन्यू का नुकसान हो रहा है। हार्ड कोक उद्यमियों को भी कोयला नहीं मिल पा रहा है.
धनसार में पहले से कार्यरत हैं 69 दंगल लोडिंग
धनसार कोलियरी के लोडिंग प्वाइंट पर मासस समर्थित 61 दंगल और जमसं (कुंती गुट) समर्थित आठ दंगल मैनुअल लोडिंग मजदूर पिछले कई वर्षों से काम करते आ रहे हैं। बीजेपी समर्थकों ने अगल-बगल तथा धनसार चानक लोडिंग प्वाइंट, जहां चानक वर्ष 2015 से और कोयला लोडिंग वर्ष 2013 से बंद है, पर काम करने वाले लोडिंग मजदूरों का एक ग्रुप बना कर वर्ष 2017 के दिसंबर माह से लोडिंग कार्य की मांग शुरू कर दी है जबकि पुराने मजदूर लोडिंग कार्य में बाहरी मजदूरों को घुसने नहीं देना चाहते हैं। बीजेपी समर्थक मजदूर लोकल हैं।